संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा ट्वीट कर बताया गया है, मनीला में आयोजित सीएमएससीओपी12 में अफ्रीकी-यूरेशियाई गिद्धों को संरक्षित करने वाली बहु-प्रजाति कार्य योजना को स्वीकृति दे दी गई है।
ट्वीट में कहा गया है, व्हेल शार्क को संपूर्ण संरक्षण मिलेगा। सीएमएस एप आई लिसनिंग सीएमएससीओपी12, मनीला में स्वीकृत। यूएनईपी ने एक और ट्वीट में कहा, ऑल रिजोल्यूशन्स ऑन अफ्रीकन कार्निवोरस कंजर्वेशन (जॉइंट सीएमएस-सीआईटीईएस/चीता/जंगली कुत्ता/शेर) को भी सीएमएससीओपी12, मनीला में मंजूरी दी गई है।
यह घोषणा फिलीपींस की राजधानी में आयोजित छह दिवसीय ऑफ द पार्टीज टू द कन्वेंशन ऑन माइग्रेटरी स्पेसीज (सीएमएस सीओपी12) के सम्मेलन की 12वीं बैठक के आखिरी दिन हुई। इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत सहित 120 देशों के प्रतिनिधि पहुंचे थे।
यह चूहा अपने दांत से तोड़ सकता है नारियल
सोलोमन द्वीप। वैज्ञानिकों ने सोलोमन द्वीप पर चूहों की एक ऐसी प्रजाति की खोज की है जो अपने दांतों से नारियल को आसानी से तोड़ सकते हैं। नई प्रजाति का नाम उरोमीज वीका रखा गया है और दुनियाभर में फैले अन्य चूहों से काफी बड़े हैं। नाक से लेकर पूंछ की आखिर तक इनकी लंबाई डेढ़ फुट है।
अमरीका के फील्ड म्यूजियम ऑफ हिस्ट्री के वैज्ञानिकों को इन चूहों के बारे में वर्ष २०१० में पता चला जब यह अफवाह फैली कि चूहों जैसे दिखने वाली एक बहुत बड़ी प्रजाति पेड़ों पर रहती है और नारियल को आसानी से अपने दांतों से तोड़ लेती है। सात सालों के शोध के बाद वैज्ञानिक इस प्रजाति को ढूंढऩे में सफल रहे।
फील्ड म्यूजियम में शोधकर्ता टायरोन लावेरी ने बताया कि नई प्रजाति बेहद प्रभावशाली है। यह बहुत ही बड़ा चूहा है। सोलोमन में ८० सालों बाद यह पहला चूहा है जिसकी खोज की गई है। चूहों का बड़ा आकार और पेड़ों पर रहने की जीवनशैली से पता इनके द्वीप पर रहने के बारे में पता चलता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि सोलोमन द्वीप पर ऐसे जानवर पाए जाते हैं जो धरती के किसी कोने पर नहीं पाए जाते हैं। ऐसे जानवरों की उन्नति दूसरे जानवरों से भी बेहद अलग तरीकों से हुई है।