विज्ञान और टेक्नोलॉजी

इन वजहों से पर्यावरण में बढ़ गई है 30 प्रतिशत तक यह गैस, लोगों को होगी सांस लेने में समस्या

एक अनुमान के अनुसार इस साल कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में और ज्यादा वृद्धि होने के आसार हैं।

Feb 02, 2019 / 01:19 pm

Neeraj Tiwari

इन वजहों से पर्यावरण में बढ़ गई है 30 प्रतिशत तक यह गैस, लोगों को होगी सांस लेने में समस्या

नई दिल्ली। पर्यावरण में लगातार बढ़ते प्रदूषण ने जहां पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा है। वहीं कार्बन डाईऑक्साइड (सीओटू) से जुड़ी एक खबर ने वैश्विक स्तर पर सभी के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है। दरअसल, एक अनुमान के अनुसार इस साल कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में और ज्यादा वृद्धि होने के आसार हैं।

चंद्र मिशन की सफलता के बाद चीन बना रहा मंगल फतह करने की योजना, अगले साल शुरू हो सकता है काम

60 सालों में हुई है 30 प्रतिशत की बढोतरी

ब्रिटेन में एक्जेटर विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं और मौसम विभाग कार्यालय की यह आशंका कई कारकों पर आधारित है। इनमें मानवजनित उत्सर्जन बढ़ना और ऊष्णकटिबंधीय जलवायु परिवर्तनशीलता के कारण पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा कार्बन डाईऑक्साइड लिए जाने में अपेक्षाकृत कमी आना शामिल हैं। इस बारे में एक्जेटर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रिचर्ड बेट्स ने कहा, ‘हवाई स्थित मौना लोआ वेधशाला में वायुमंडल में कार्बन डाईऑक्साइड की सघनता में 1958 से करीब 30 प्रतिशत बढोतरी दर्ज की गई है।’

नासा के अपॉर्चुनिटी रोवर के मंगल पर नष्ट होने की आशंका, धूल भरी आंधी के चलते टूटा था संपर्क

जीवाश्म ईंधनों, वनों की कटाई और सीमेंट उत्पादन के कारण बढ़ेगा उत्सर्जन

प्रोफेसर रिचर्ड बेट्स ने बताया कि ‘ऐसा जीवाश्म ईंधनों, वनों की कटाई और सीमेंट उत्पादन के कारण उत्सर्जन से हो रहा है। इसके अलावा इस साल कार्बन डाईऑक्साइड ग्रहण करने वाले प्राकृतिक स्रोतों के भी कमजोर रहने की आशंका है, इसलिए मानव जनित रिकॉर्ड उत्सर्जन का प्रभाव पिछले साल से भी अधिक होगा।’

पृथ्वी के 29 साल के बराबर होता है यहां पर 1 साल, जबकि साढ़े 10 घंटे का ही होता है दिन, जाने कैसे हुआ खुलासा

2018 की तुलना में 2.75 भाग प्रति दस लाख (पीपीएम) अधिक उत्सर्जन का है अनुमान

मौसम विज्ञान कार्यालय ने आशंका जाहिर की है कि वायुमंडल में इस साल कार्बन डाईऑक्साइड (सीओटू) का उत्सर्जन 2018 की तुलना में 2.75 भाग प्रति दस लाख (पीपीएम) अधिक होगा। वहीं बेट्स का मानना है कि साल 2019 में औसत कार्बन डाईऑक्साइड सघनता 411.3 पीपीएम रह सकती है।

Hindi News / Science & Technology / इन वजहों से पर्यावरण में बढ़ गई है 30 प्रतिशत तक यह गैस, लोगों को होगी सांस लेने में समस्या

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.