वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नए तरीके का 3D-प्रिंटेड मैटेरियल बनाया है जो ओस्टियोकोन्ड्रल (osteochondral) इंजरी को ठीक करने के काम आएगा। आपको बता दें कि हड्डियों के अंत में चिकनी सतह पर ज्वाइंट के अंदर की ओर क्रैक आ जाने से उसे ओस्टियोकोन्ड्रल इंजरी कहा जाता है, जिसका इलाज करना काफी कठिन होता है, लेकिन आने वाले समय में आसानी से इसका इलाज किया जा सकेगा।
दरअसल, इस 3D-प्रिंटेड मैटेरियल को सबसे अमरिका की यूनिवर्सिटी ( university )अॉफ मायरलैंड और ह्यूस्टन के राइस यूनिवर्सिटी के रिसर्चरस ने इस रिसर्च को साथ में मिलकर बनाया था। साथ ही बताया कि ये 3D-प्रिंटेड मैटेरियल को हड्डी के बीच में जब लगाया जाएगा तो ये सेल्स के साथ मिलकर आसानी से हिलाने -डुलाने में मदद करेगा। हड्डी में लगी चोट के ठीक हो जाने पर यह बिना किसी भी तरह का नुक्सान पहुंचाए अंदर ही घुल जाएगा जिससे मरीज को कोई परेशानी नहीं होगी।
हालांकि, इस तकनीक को ओर भी बेहतर करने के लिए शोधकर्ता इस पर काम कर रहें हैं। जिसके लिए 3D-प्रिंटेड मैटेरियल को सॉफ्ट पोलीमर से तैयार किया गया है। जिसे आने वाले समय में स्पोर्ट्स पर्सन्स के घावों को ठीक करने के काम में लाया जाएगा। लेकिन वैज्ञान इसके पार्ट और डिजाइन को लेकर को लेकर काम कर रहें हैं। कि किस तरह से इस पर काम किया जाए। यह प्रत्येक मरीज के इंजरी होने पर जटिल से जटिल केसों में भी उपयोग में लाया जाए। माना जा रहा है कि इस टैक्नोलॉजी की मदद से मरीजों को इलाज करवाने में कुछ आसानी रहेगी।