पढ़ाई का अनूठा तरीका: जहां से मिला ज्ञान बटोर लिया
सुलोचना तैयारी के दौरान जहां-जहां से ज्ञान बटोर सकती थी उन्होंने हर संभव कोशिश करके बटोरा। अखबार, एनसीईआरटी की किताबें, यूट्यूब, टेलीग्राम, मॉक टेस्ट—सब कुछ उनका हिस्सा थे। वे रोजाना 8-9 घंटे पढ़ाई करती थीं और अपने लक्ष्य पर अडिग रहीं। उनका कहना है कि ”यूपीएससी में शॉर्टकट नहीं होता, मेहनत ही सफलता की कुंजी है।”
यह भी पढ़ें
Motivational: प्रेस करने वाले का बेटा अफसर बनकर वर्दी में लौटा तो ढोल-नगाड़ों से हुआ स्वागत, कर्जा लेकर बुक कराई थी टिकट
दिल्ली यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई
सुलोचना का IAS बनने का सपना बचपन से था। 12वीं के बाद वे दिल्ली चली गईं और दिल्ली विश्वविद्यालय से बॉटनी में बीएससी की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही वे सिविल सेवा की तैयारी में जुट गईं। उनका फोकस और मेहनत ही उनकी सफलता का आधार बना।
इस कारण आई थी चर्चा में
झारखंड के मेदिनीनगर में एसडीएम सदर के रूप में कार्य करते हुए सुलोचना ने कोर्ट के कामकाज में सुधार किया। उन्होंने कोर्ट की सुनवाई के दिन हफ्ते में 2 से बढ़ाकर 5 कर दिए, जिससे लंबित मामलों में कमी आई। इसके साथ ही ई-ऑफिस प्रणाली लागू कर भूमि विवादों के निपटारे में तेजी लाई।