सवाई माधोपुर

राजस्थान में शावकों को लेकर 1581 फीट की ऊंचाई पर क्यों पहुंची बाघिन T-84 एरोहैड? इस दुर्ग के पास डाल रखा है डेरा

Tigress in Ranthambore Fort: बीते साल नवंबर महीने में रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान के रणथम्भौर दुर्ग स्थित नौलखा गेट के पास बाघिन एरोहैड के शावक ने युवक पर हमला कर दिया था।

सवाई माधोपुरJan 04, 2025 / 11:18 am

Rakesh Mishra

Ranthambore Fort: रणथम्भौर दुर्ग के पास बीते कुछ समय से बाघिन टी-84 एरोहैड और उसके शावकों का मूवमेंट बना हुआ है। ऐसे में एक बार तो दुर्ग में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया था। हालांकि गणेश मंदिर ट्रस्ट की मांग पर फिर से दुर्ग में प्रवेश शुरू हुआ था। नवंबर महीने में बाघिन के शावक ने एक युवक पर हमला कर दिया था।

दुर्ग के आस-पास मूवमेंट

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में भी एरोहैड और उसके शावकों का मूवमेंट दुर्ग के आसपास ही बना हुआ है। इस कारण बाघिन और शावकों की मॉनिटरिंग कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि आम तौर पर बाघिन का मूवमेंट झालरा वन क्षेत्र में रहता है। यह क्षेत्र रणथम्भौर दुर्ग से सटा हुआ है। करीब आठ माह पूर्व भी बाघिन एरोहैड रणथम्भौर दुर्ग स्थित संग्रहालय के पास स्थित बगीचे में आ गई और कई दिनों तक मूवमेंट रहा था।

युवक पर किया था हमला

बीते साल नवंबर महीने में रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान के रणथम्भौर दुर्ग स्थित नौलखा गेट के पास बाघिन एरोहैड के शावक ने युवक पर हमला कर दिया था। दरअसल शावक सड़क पार कर रहा था। इस दौरान शावक ने युवक को देख लिया और उसके पीछे भागा। ऐसे में युवक की शर्ट फट गई और उसे हल्की खरोंच आ गई।

बंद कर दिया था श्रद्धालुओं का प्रवेश

बता दें कि बाघिन पिछले साल फरवरी महीने में पहली बार दुर्ग में आई थी। बाघिन यहां चलह-कदमी करते हुए नजर आई। इस दौरान वन विभाग ने त्रिनेत्र गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी थी। दिसंबर महीने में भी बाघिन और उसके शावक रणथम्भौर दुर्ग में आ पहुंचे थे।
यहां एक सप्ताह तक दुर्ग में बाघिन व उसके शावकों का मूवमेंट बना रहा। चौंकाने वाली बात तो यह है कि रण और थंभौर की दो पहाड़ियों के बीच करीब 1581 फीट पर दुर्ग बना हुआ है। ऐसे में बाघिन के यहां पहुंचने से लोगों को काफी हैरानी हुई।
Tigress in Ranthambore Fort

दुर्ग बना पसंदीदा जगह

माना जा रहा है कि बाघिन को अपने शावकों की सुरक्षा को लेकर चिंता है। ऐसे में रणथम्भौर दुर्ग उसके लिए पसंदीदा जगह बन गया है। यहां बने खंडहर तेज सर्दी से बचने का आसरा बन गए हैं। वहीं शिकार भी आसानी से मिल जाता है।
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बता दें कि बाघिन ऐरोहैड 25 जुलाई 2023 को तीन शावकों के साथ दिखाई दी थी। बाघिन की उम्र करीब सवा दस साल है और बाघिन अब तक चार बार मां बन चुकी है। बाघिन चार बार में 10 शावकों को जन्म दे चुकी है।
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