स्कूल शिक्षा परिषद जिलों की रैंकिंग आधार शैक्षिक, नामांकन, सामुदायिक सहभागिता व आधारभूत सुविधाएं हैं। इनमें गत माह में कुल नामांकन के संदर्भ में विद्यार्थियों की औसत उपस्थिति का प्रतिशत, वर्तमान माह में विद्यार्थियों को पुस्तकालय की पुस्तकों का वितरण करने वाले विद्यालयों का प्रतिशत, बोर्ड परीक्षाओं में 4 या 5 स्टार रैटिंग प्राप्त करने वाले विद्यालयों का प्रतिशत, कुल नामांकन में प्रतिशत वृद्धि, 2 प्रतिशत वृद्धि पर 2 अंक।
इसी प्रकार 10 प्रतिशत या इससे अधिक प्रतिशत वृद्धि पर 10 अंक। जिले में उजियारी पंचायतों का प्रतिशत, विद्यार्थियों का प्रतिशत जिना जनाधार प्रमाणीकरण हो गया है। ज्ञान संकल्प पोर्टल के माध्यम से प्राप्त राशि पर आधारित अंक, पीटीएम में अभिभावकों की उपस्थिति, एसएमसी, एसडीएमसी बैठक आयोजित करने वाले विद्यालयों का प्रतिशत, आईसीटी लैब, स्मार्ट कक्षा-कक्ष युक्त विद्यालयों का प्रतिशत व खेल मैदान के आधार पर रैंक तय की जाती है।
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संभाग में पिछड़ा धौलपुर
प्रदेश में संभाग स्तर पर बात की जाएं तो धौलपुर जिला जिला शिक्षा विभाग की रैंकिंग में पिछड़ा है। वर्तमान में धौलपुर जिला 23वें पायदान पर है, जबकि एक महीने पहले 21वें नम्बर पर था। भरतपुर 20वें एवं करौली 19वें स्थान पर है। शिक्षा विभाग की रैकिंग में प्रदेश में झुन्झुनू जिला पहले पायदान पर है। जबकि सिरोही अंतिम स्थान पर है।इनका कहना है…
इस महीने में ज्ञान संकल्प पोर्टल के माध्यम से कम राशि प्राप्त होने से प्रदेश में जिले की रैकिंग में गिरावट आई है। इसके लिए भामाशाह से सम्पर्क कर राशि बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। इससे फिर से रैकिंग में भी सुधार होगा।—दिनेश गुप्ता, एडीपीसी, समसा, सवाईमाधोपुर।