इन विधाओं में कराई जानी थी
निगम से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत मेडिकल एण्ड हेल्थ केयर, ब्यूटीशियन, ऑटो मोबाइल, हॉस्पिटिलिटी, मोबाइल मैकेनिक आदि कई क्षेत्रों में इंटर्नशिप कराने की योजना बनाई गई थी। इस योजना के तहत करीब 30 से अधिक ट्रेड को शामिल किया गया था।
जिले में युवाओं ने नहीं दिखाई रुचि
निगम के अधिकारियों ने बताया कि जिस समय यह योजना शुरू की गई थी, उस समय प्रदेश भर में आरएसएलडीसी की ओर से आवेदन मांगे गए थे। लेकिन, पूरे प्रदेश से इस योजना के तहत गिने चुने ही आवेदन प्राप्त हुए थे। जिले से तो योजना के तहत एक भी आवेदन नहीं मिला था। बाद में सरकार बदलने के कारण योजना ठप हो गई। ऐसे में अब तक युवाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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यह थी योजना
सरकार की ओर से कौशल विकास पर काफी जोर दिया जा रहा है। केन्द्र व राज्य दोनों ही सरकारें कौशल विकास के लिए कई प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही हैं। केन्द्र सरकार ने इसके लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और नेशनल स्किल डवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) निगम की स्थापना की है। वहीं प्रदेश में कौशल विकास का जिम्मा राजस्थान कौशल आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी), राजीविका आदि के कंधों पर है।
निगम की ओर से 2015-16 में युवाओं को विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षित करके उन्हें रोजगार के गुर सिखाकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए विदेशों की कई कंपनियों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इंटर्नशिप की स्कीम शुरू की थी। इसके लिए निगम की ओर से फ्रांस, जापान आदि कई देशों की कई निजी कंपनियों के साथ टाईअप भी किया था। इन कंपनियों में इंटर्नशिप करने वाले युवाओं को विदेश भेजने का सारा खर्च भी राज्य सरकार की ओर से ही वहन किया जाना था।
यह मेरे कार्यकाल से पूर्व की योजना है। ऐसे में मुझे इस बारे में अधिक जानकारी नहीं है। फिलहाल निगम की ओर से इस प्रकार की योजना के संबंध में कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। यदि भविष्य में इस संबंध में उच्च अधिकारियों की ओर से निर्देश मिलते हैं तो इस दिशा में काम किया जाएगा।
सत्यनारायण सैन, जिला कौशल समन्वयक, आरएसएलडीसी, सवाईमाधोपुर।