वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रणथम्भौर की आरओपीटी रेंज के आमा घाटी वन क्षेत्र में बाघ टी-2309 का शव मिला। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बाघ के शव को अपने कब्जे में लिया।
इसके बाद वन विभाग की ओर से मेडिकल बोर्ड, वन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में बाघ के शव का पोस्टमार्टम किया। इस दौरान रणथम्भौर बाघ परियोजना के सीसीएफ अनूप के आर, उपवन संरक्षक रामानंद भाकर, मेडिकल बोर्ड के सदस्य और उन्य अधिकारी मौजूद थे।
इलाके को लेकर संघर्ष की जताई जा रही आशंका
वन अधिकारियों ने बताया कि आरओपीटी रेंज के जिस इलाके में बाघ का शव मिला है। वहां पर आम तौर पर बाघ टी-120 यानि गणेश व अन्य शक्तिशाली बाघों का मूवमेंट भी रहता है। वहीं बाघ के शव पर गर्दन के पास चोट के निशान और घाव भी मिले है। ऐसे में प्रथम दृष्ट्या बाघ की मौत आपसी संघर्ष में होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।इनका कहना है…
आमाघाटी वन क्षेत्र में बाघ का शव मिला है। बाघ की गर्दन पर चोट के निशान है। प्रथम दृष्ट्या यह टेरोटोरियल फाइट का मामला लगता है, लेकिन पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही इस संबंध में स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकेगा।-अनूप के आर, मुख्य वन संरक्षक, रणथम्भौर बाघ परियोजना,सवाईमाधोपुर।