वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में रणथंभौर में संचालित कुल 270 जिप्सी और 287 कैंटर संचालित हैं। इनमें से 84 जिप्सी और 24 कैंटर आगामी एक अक्टूबर से शुरू होने वाले नए पर्यटन सत्र से जंगल से बाहर हो जाएंगे। इसका कारण इनकी मॉडल कंडीशन का पुराना होना है।
2026 में जिप्सी विहीन हो सकता है रणथंभौर
दरअसल, रणथंभौर में अंतिम बार नई जिप्सी 2016 में आई थी। इसके बाद 2018 में जिप्सी का मॉडल बंद कर कर दिया गया। वर्तमान में वन विभाग की ओर से पर्यटन वाहनों की मॉडल कंडीशन दस साल के लिए मान्य की गई है। पर्यटन वाहन चालकों की ओर से जिप्सी का विकल्प नहीं मिल पाने के कारण इसमें इजाफा करने की मांग लगातार की जा रही है। हालांकि अभी तक वन विभाग की ओर से इस संबंध में कोई अंतिम निर्णय नहीं किया गया है। लेकिन वन विभाग की ओर से पर्यटन वाहनों की मॉडल कंडीशन में इजाफा नहीं किया जाता है तो मॉडल कंडीशन के नियमानुसार 2026 में रणथभौर जिप्सी विहीन हो जाएगा। यह भी पढ़ें
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इस साल रहेंगे पर्याप्त वाहन
एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार एक पारी में अधिकतम 140 पर्यटन वाहनों को ही पार्क भ्रमण पर भेजा जा सकता है। जबकि वर्तमान में 554 पर्यटन वाहन संचालित हैं। ऐसे में यदि आगामी पर्यटन सत्र से 108 वाहन बाहर भी होते हैं तो रणथंभौर में पर्याप्त वाहन रहेंगे। यह भी पढ़ें
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इनका कहना है…
यह सही है कि आगामी पर्यटन सत्र में मॉडल कंडीशन के नियमानुसार 108 पर्यटन बाहर हो जाएंगे। नए पर्यटन वाहनों के विकल्प को तलाश किया जा रहा है। हालांकि, इस सबंध में अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।-प्रमोद धाकड़, उपवन संरक्षक (पर्यटन), रणथभौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर