2021 में किया गया था वाहन चालकों का टेस्ट
2021 में रणथम्भौर में पार्क भ्रमण के दौरान अधिक हादसे होने के बाद वन विभाग की ओर से सभी पर्यटन वाहन व चालकों का टेस्ट लिया था। इसके लिए विभाग की ओर से दो जांच टीम भी गठित की गई थी। इन टीमों में वन विभाग के वाहन चालकों को भी शामिल किया गया था। हालांकि 2021 के बाद से अब तक वन विभाग की ओर से इस प्रकार की पहल दुबारा नहीं की गई है।अब जयपुर में भी टाइगर सफारी का उठा सकेंगे लुफ्त, CM भजनलाल आज करेंगे लोकार्पण
केस-1 : कैंटर के तीन दिन में दो बार ब्रेक हुए थे फेल
2021 में रणथम्भौर पार्क भ्रमण के दौरान तीन दिन में दो बार अलग-अलग कैंटरों के ब्रेक फेल हो गए थे। एक कैंटर तो जोन चार के तामाखान इलाके में ढलान पर ब्रेक फेल होने के बाद पेड़ से टकराकर रुका था। इस हादसे में छह पर्यटक घायल हो गए थे।केस-2 : बेरदा में पलटी जिप्सी
करीब तीन साल पहले रणथम्भौर के जोन चार के बेरदा इलाके में शाम की पारी के दौरान एक जिप्सी अनियंत्रित होकर पलट गई थी। इसमें नेचर गाइड घायल हो गया था और पर्यटकों को भी हल्की चोटें आई थी।केस-3 : जोन दस में भी पलट गई थी जिप्सी
रणथम्भौर बाघ परियोजना के जोन दस में 11 अप्रेल 2023 को भी सुबह की पारी में भ्रमण के दौरान एक जिप्सी आरजे 25 टीए 2256 के ब्रेक फेल हो गए थे। ऐसे में जिप्सी अनियंत्रित होकर पलट गई थी। इस हादसे में पर्यटक घायल हुए थे।केस-4 : जिप्सी से गिरकर घायल हो गया था पर्यटक
24 अक्टूबर 2022 को एक 65 साल का पर्यटक तेज जिप्सी चलाने के कारण जोन तीन में जिप्सी से गिर गया था। जिप्सी के पीछे अन्य पर्यटन वाहन भी आ रहे थे उस समय गनीमत रही थी अन्य पर्यटन वाहन चालकों ने समय रहते वाहनों को रोक दिया, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। हादसे के बाद घायल पर्यटक को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।केस-5 : जिप्सी को कार ने मारी थी टक्कर
18 नवम्बर 2022 को शाम की पारी में पार्क भ्रमण पर जाते समय एक जिप्सी को खण्डार रोड पर सामने से तेज गति से आ रही एक कार ने टक्कर मार दी थी। इससे जिप्सी का एक पहिया निकल गया और जिप्सी में सवार जर्मनी से आए पर्यटक घायल हो गए थे, जिन्हें बाद में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।इनका कहना है…
पार्क भ्रमण के दौरान हादसा होना दुखद है। विभाग की ओर से पार्क भ्रमण के दौरान होने वाले हादसों पर लगाम लगाने के लिए समय- समय पर पर्यटन वाहनों की जांच भी की जाती है। पर्यटन सत्र के आगाज से पूर्व भी सभी पर्यटन वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र भी लिया जाता है।– प्रमोद कुमार धाकड़, उपवन संरक्षक (पर्यटन), रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।