सूचना पर पहुंची पुलिस ने पर जाकर देखा तो कलेजा फटा का फटा रह गया। पुलिस ने नवजात बलिकाओं को देखकर आस-पास परिजनो की तलाश की लेकिन माँ का कही अता पता नही था। पुलिस ने 108 एम्बुलेंस की सहायता से नवजात बच्चियों को जिला अस्पताल के एफबीएनसी वार्ड में भर्ती करवाया, जहाँ उनका इलाज किया जा रहा है। फिलहाल पुलिस का कहना है कि अज्ञात माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर जॉच शुरु कर दी गयी है। सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालो से पिछले माह का रिकार्ड तलब किया गया है। पुलिस ने यह भी बताया कि जागरुकता की कमी के चलते मासूमों के माता-पिता को अब कानूनन जुर्म कर चुके हैं। यदि सरकार की ओर से संचालित पालना गृह में मासूमों को छोड देते तो उन पर कोई कार्यवाई नही होती।
बालिकाओं को सुबह साढे चार बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका इलाज कर रहे डॉक्टर सुनील शर्मा का कहना है दोनों बालिकाए जुडवा हैं जिनकी उम्र बीस से पच्चीस दिन की लग रही है। दोनों बालिकाओं को छोड़ने से पहले दूध भी पिलाया गया है और वो पूरी तरह से स्वास्थ्य लग रहीं हैं। फिलहाल उनकी कुछ जांच कराई गई है वो सामान्य इलाज शुरु कर दिया गया है। उनको मदर मिल्क बैंक का दूध पिलाया जा रहा है दोनो मासूम अब जिला अस्पताल में वार्मार पर मॉ के आॅचल के बिना जमाने से अपने अस्तित्व की जंग लड रहीं है।
शिशु और बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुनील शर्मा ने कहा की जुड़वाँ नवजात बालिकाओं की जानकारी मिलने के साथ ही चाइल्ड लाइन टीम की लवली जैन और डायरेक्टर अरविन्द सिंह एवं बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राकेश सोनी ने मोके पर पहुंचकर नवजात बच्चो के बारे में जानकारी ली। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राकेश सोनी का कहना है कि दोनेा नवाजातो का अभी इलाज चल रहा है और चिकित्सको को बेहतर इलाज हेतु निर्देश दिए गये हैं।