सवाई माधोपुर

अफसरों पर भड़के जलदाय मंत्री, बोले-बोरिंग फेल हुई तो कर दूंगा निलंबित

जलदाय विभाग की योजनाओं की समीक्षा करने पहुंचे जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी अधिकारियों पर जमकर बरसे। कहा कि एक ही स्कीम को तीन से चार बार बनाकर भिजवा देते हो। नए टयूबवैल खुदवाते हैं और सूख जाते हैं।

सवाई माधोपुरOct 16, 2024 / 05:21 pm

Kamlesh Sharma

बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते मंत्री कन्हैया लाल चौधरी।

सवाईमाधोपुर। यहां जलदाय विभाग की योजनाओं की समीक्षा करने पहुंचे जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी अधिकारियों पर जमकर बरसे। कहा कि एक ही स्कीम को तीन से चार बार बनाकर भिजवा देते हो। नए ट्यूबवेल खुदवाते हैं और सूख जाते हैं। अगर आगामी गर्मी में कोई ट्यूबवेल सूखा तो अधिकारियों की खैर नहीं है। पैसे की कोई कमी नहीं है, लेकिन आम जनता को पानी देना प्राथमिकता है। इसमें अगर फेल रहे तो सस्पेंड कर दूंगा और चार्जशीट दूंगा। जिस अधिकारी को काम नहीं करना है, वह अपना इस्तीफा देकर जाए। कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। परियोजनाओं के कार्य में अनावश्यक देरी करने वाले ठेकेदारों एवं अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो। मंत्री ने मंगलवार को जिला कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को आड़े हाथों लिया और लापरवाह अधिकारी-कार्मिकों को जमकर फटकार लगाई।

अवैध कनेक्शन परहों सख्त कार्रवाई

उन्होंने अधीक्षण अभियंता भगवान सहाय मीणा को जल जीवन मिशन के तहत अवैध कनेक्शन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, प्रत्येक जिले में एक मेटेरियल टेस्टिंग लैब बनवाने एवं जल जीवन मिशन के तहत क्षतिग्रस्त सड़कों की शीघ्र मरम्मत करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने अमृत योजना के तहत तकनीकी स्वीकृति लेकर बौंली व सवाईमाधोपुर शहरी क्षेत्र के लिए प्लान बनाकर दीपावली पूर्व निविदा जारी करने के निर्देश दिए।

भारजा नदी एनिकट की जांच के निर्देश

बैठक में भारजा नदी एनीकट लीकेज का मामला भी सामने आया। इस पर उन्होंने इसकी जांच कर ठीक करवाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि इस मामले में जो भी दोषी अधिकारी एवं ठेकेदार हैं। उनसे इस पूरे पैसे की वसूली हो। उन्होंने ईसरदा प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों को परियोजना का कार्य निर्धारित समय अवधि में पूरा करने पर जोर दिया। इस दौरान गंगापुर सिटी, करौली, हिण्डौन के जनप्रतिनिधियों से उनके क्षेत्र की समस्याओं के बारे में जानकारी लेकर शीघ्र समाधान के निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजकुमार कस्वा, एसडीएम अभिमन्यु सिंह कुंतल, पूर्व विधायक गंगापुर सिटी मानसिंह गुर्जर, चीफ इंजीनियर भरतपुर मोहन लाल मीना, अतिरिक्त चीफ इंजीनियर चम्बल परियोजना सुरेन्द्र शर्मा, अधीक्षण अभियंता गंगापुर सिटी रामकेश मीणा आदि मौजूद थे।

गंगापुर सिटी को मिले पर्याप्त पानी: मानसिंह

मंत्री के समक्ष पूर्व विधायक मानसिंह गुर्जर ने पानी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि या तो पुरानी चम्बल परियोजना को पूरा किया जाए या नई योजना बनाकर शहर को पानी उपलब्ध कराया जाए। अधिकारियों ने बताया कि चम्बल परियोजना के लिए करीब दस करोड़ के रिवाइज प्लान की आवश्यकता है। मंत्री ने कहा कि पैसे की कमी नहीं है, लेकिन गंगापुरसिटी को पानी मिलना चाहिए।

गुस्से में बिगड़े मंत्री के बोल

बैठक की समीक्षा के दौरान जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी के बोल गुस्से में बिगड़े नजर आए। इस दौरान उन्होंने पिछली सरकार में की गई अनियमितताओं पर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए खरी-खोटी सुनाई। साथ ही वर्तमान अधिकारियों को किसी भी बोरिंग के फेल होने एवं हर घर कनेक्शन में लापरवाही बरतने पर चार्जशीट देने तक की चेतावनी दी।
इस दौरान विभाग के सभी अधिकारी सकते में आ गए। बैठक के दौरान जलदाय मंत्री का पीछे हाथ कर बैठना एवं अधिकारियों को डांटने का अंदाज विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों में चर्चा का विषय बना रहा। वहीं बैठक के दौरान उनका वीडियो बना रहे एक मीडियाकर्मी को भी उन्होंने डांट लगाकर वीडियो डिलीट करने एवं बाहर जाने को कहा। इस पर मीडियाकर्मियों ने जब जलदाय मंत्री से भाषा की मर्यादा नहीं रखने को लेकर सवाल-जवाब किए तो उन्होंने कहा कि वे जनता के सेवक हैं। जनता उनसे सवाल जवाब करती है तो इसलिए उनसे पूछने का हक है। हालांकि उन्होंने अपशब्द बोलने की बात से अपना पल्ला झाड़ा।

एक-दूसरे का मुंह ताकते रहे अधिकारी

समीक्षा बैठक के दौरान जिलेभर से आए भाजपा पदाधिकरियों ने मंत्री के सामने जलापूर्ति नहीं होने की शिकायत की। सवाईमाधोपुर शहर अध्यक्ष ने शहर में पानी की टंकी के पास ही कनेक्शन धारियों को पानी नहीं मिलने का मुद्दा उठाया। वहीं चौथकाबरवाड़ा से आए भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी उनके सामने समस्याएं रखी। इस दौरान उन्होंने विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगा तो वे बोले कि यहां गर्मियों में दिक्कत आई थी। कुछ ट्यूबवैल सूख गए थे।
इस पर उन्होंने कहा कि अब पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश हुई है। सभी जगह पर्याप्त पानी है। इसलिए यह बहाना नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि जब ट्यूबवैल लगाई जाती है तो यह देखा जाता है कि यहां कितना पानी है। ऐसे में किसी भी ट्यूबवैल में 15 साल तक का पानी तो होना ही चाहिए। यदि ट्यूबवैल फेल हो रही है तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार होंगे। इस दौरान पेयजल संबंधित सवालों पर अधिकारी मुंह ताकते नजर आए।

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