सवाई माधोपुर

रणथम्भौर की बाघिनें एक बार फिर करेंगी प्रदेश के तीनों टाइगर रिजर्व को आबाद

रणथम्भौर में एक बार फिर से जल्द ही बाघिन शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। दरअसल, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से अनुमति देने के बाद इस पर मोहर लग गई है।

सवाई माधोपुरJul 31, 2023 / 11:16 am

Kirti Verma

सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर में एक बार फिर से जल्द ही बाघिन शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। दरअसल, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से अनुमति देने के बाद इस पर मोहर लग गई है। वन विभाग की मुस्तैदी और बेहतर संरक्षण के कारण रणथम्भौर सहित प्रदेश भर में अब बाघों के कुनबे में लगातार इजाफा हो रहा है। यह हम नहीं कह रहे है, बल्कि इस बात की गवाही खुद वन विभाग के आंकड़ें दे रहे हैं। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 2 माह में प्रदेश भर में कुल 11 शावकों का जन्म हुआ है। सबसे अधिक शावक रणथम्भौर में जन्मे हैं।

रणथम्भौर में 6 शावकों का जन्म
वन अधिकारियों ने बताया कि पिछले 2 माह में सबसे अधिक 6 शावक रणथम्भौर में जन्मे है। रणथम्भौर में 2 माह में दो बाघिनों ने तीन-तीन शावकों को जन्म दिया है। जून माह में रणथम्भौर के जोन 3 में हन्टिंग लॉज के पास में पर्यटकों को भ्रमण के दौरान बाघिन रिद्धी यानी टी -124 दो शावकों के साथ नजर आई थी। हालांकि कुछ दिनों के बाद जुलाई माह में यही बाघिन रणथम्भौर में वन विभाग के फोटो ट्रैप कैमरे में तीन शावकों के साथ कैद हुई थी। इसके बाद 25 जुलाई को रणथम्भौर की बाघिन एरोहैड रणथम्भौर के नालघाटी वन क्षेत्र में 3 शावकों के साथ वन विभाग के फोटो ट्रैप कैमरे में कैद हुई थी।

वनविभाग की जानकारी के अनुसार प्रदेश में वर्तमान में 123 से अधिक बाघ बाघिन व शावक हैं। रणथम्भौर में जहां बाघ बाघिन व शावकों का आकंड़ा कुल मिला कर 78 का है। वहीं सरिस्का में 30 बाघ-बाघिन व शावक है। रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व की बात करें तो वहां एक बाघ, एक बाघिन व तीन शावक हैं। इसके अलावा कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एक बाघ, करौली में 6 बाघ-बाघिन तथा धौलपुर के जंगलों में तीन बाघ-बाघिन हैं।

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मशक्कत शुरू
ऐसे में रणथम्भौर में भी बाघिनों के चयन को लेकर माथापच्ची तेज हो गई है। ऐसे में जल्द ही रणथम्भौर से बाघिनों को शिफ्ट किया जा सकता है।

पहले मुकुंदरा व रामगढ़ भेजी जाएगी बाघिन
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग की मंशा पहले रणथम्भौर से एक बाघिन को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व उसके बाद एक बाघिन को कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया जाएगा। इसके बाद एक बाघिन को रणथम्भौर से सरिस्का भेजा जाएगा।

नॉन पर्यटन क्षेत्र से की जाएगी शिफ्टिंग
वन अधिकारियों ने बताया कि रणथम्भौर के नॉन ट्यूरिज्म क्षेत्र से ढाई से तीन साल की युवा बाघिनों को शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए विभागीय स्तर पर तैयारियां भी शुरू कर दी गई है। वन विभाग की ओर से बाघिनों को चिह्नित करने के लिए बाघिनों के विचरण क्षेत्र में फोटो ट्रैप कैमरे लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। हालांकि अभी तक वन विभाग की ओर से कॉैन-कौनसी बाघिनों को रणथम्भौर से शिफ्ट किया जाएगा और किस बाघिन को कहां भेजा जाएगा इस संबंध में पुष्टि नहीं की गई है।

रणथम्भौर सहित प्रदेशभर में बाघों का कुनबा बढ़ रहा है। प्रदेश भर में बाघों की संख्या 120 से अधिक हो चुकी है। यह बेहतर संरक्षण का परिणाम है। साथ ही इससे प्रदेश भर में वाइल्ड लाइफ पर्यटन में भी इजाफा होगा ।
संजीव शर्मा, उपवन संरक्षक, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व बूंदी

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रणथम्भौर से तीन बाघिनों को शिफ्ट करने की अनुमति मिली है। इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। उच्च अधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद ही शिफ्टिंग की जाएगी।
पी काथिवेल, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।

सरिस्का में दो, रामगढ़ में तीन शावकों का जन्म
इसी प्रकार अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व में जून माह में एक बाघिन दो शावकों केे साथ नजर आई थी। वहीं हाल ही में टाइगर रिजर्व घोषित किए गए बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघिन टी-102 यानी आरवीटीआर 2 तीन शावकों के साथ वन विभाग के कैमरे में कैद हुई थी।

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