——- क्षमता से अधिक ले जाते हैं सवारियांग्रामीण मुकुट, तनवर, राजेश, रामकेश आदि ने बताया कि चम्बल नदी में संचालित नावों की यात्री क्षमता 20 से 35 तक ही है। लेकिन नाव संचालक 35 की जगह 50 से 60 लोगों को बैठाकर नदी को पार करवा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि नौका संचालक इस पर ही नहीं मानते, वे यात्रियों के साथ मोटरसाइकिलों को भी नाव में रखकर नदी को पार करवाते हैं। नदी पार करवाते समय यात्रियों के पास लाइफ जैकेट तक नहीं होते हैं। ऐसे में हादसे का डर हमेशा बना रहता है।
—– वनविभाग ने नहीं दे रखी अनुमति चम्बल नदी पर चल रही नौकाओं को अनुमति लिए बिना ही नदी में दौड़ाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय से हर 6 माह में नाव संचालन की अनुमति लेनी होती है। इसके बाद चम्बल घडियाल अभयारण्य कार्यालय से अनुमति मिलने पर ही चम्बल नदी में नावों का संचालन किया जा सकता है। लेकिन चंबल घडि़याल अभयारण्य कार्यालय ने इनके संचालन की अनुमति ही नहीं दे रखी है। वहीं रामेश्वर धाम पर जिन नौकाओं को संचालन की अनुमति मिली हुई थी, उनकी अनुमति नवम्बर 2023 तक ही थी। रजिस्ट्रेशन वाली नौकाओं को विभाग पहले ही कडंम घोषित कर चुका है। ऐसे में इन्हीं कडंम नौकाओं के कागज दिखाकर अन्य नौकाओं का संचालन किया जा रहा है।
——
——
नौकाओं का संचालन करवाएंगे बंद चम्बल नदी में नाव चलाने के लिए जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाकर घडियाल अभयारण्य में रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद ही चम्बल नदी में नाव या कश्ती का संचालन किया जा सकता है। रामेश्वर धाम पर बिना अनुमति के नौकाओं का संचालन हो रहा है। इसे लेकर हमने नौका संचालकों को नोटिस भी दे रखे हैं। नाका प्रभारी को भेजकर नौकाओं का संचालन बंद करवाएंगे।
रामकिशन गुर्जर, पाली नाका प्रभारी