ये भी पढ़ें: अगर दिवाली पर घर सजाने की सोच रहे है तो अपनाएं ये 10 आसान टिप्स जहां 28 वर्षीय सोनम शुक्ला ने एक साथ तीन स्वस्थ्य बच्चों को जन्म दिया। चिकित्सकों की मानें तो भारतीय समाज में 100 में से एक केस कभी कभार ऐसा आता है। जब एक मां तीन या इससे ज्यादा बच्चों को जन्म देती है। यहां हैरानी करने वाला मामला यह है कि इस तरह के केस ज्यादातर बिगड़ जाते है। लेकिन सोनम शुक्ला सहित उसके तीनों बच्चे जिस तरीके से स्वस्थ्य दिखाई दे रहे है। उससे लगता है कि वाकई ये अनोखा केस है।
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मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की रात प्रसव पीड़ा होने पर पटेहरा निवासी सोनम शुक्ला को मैहर सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया था। जहां स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. सत्यभारती अवधिया ने शनिवार की सुबह बड़ी ही सावधानी पूर्वक डिलीवरी कराई। डॉ. अवधिया उस समय चौंक गई जब एक शिशु मां के गर्भ से निकला फिर भी पेट का आकार कम नहीं हुआ। बारीकी से समझी तो उन्हें लगा कि और दूसरा शिशु भी है। दूसरे को निकालने के बाद जब तीसरा शिशु निकला तो वो भी हैरान हो गई।
मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की रात प्रसव पीड़ा होने पर पटेहरा निवासी सोनम शुक्ला को मैहर सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया था। जहां स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. सत्यभारती अवधिया ने शनिवार की सुबह बड़ी ही सावधानी पूर्वक डिलीवरी कराई। डॉ. अवधिया उस समय चौंक गई जब एक शिशु मां के गर्भ से निकला फिर भी पेट का आकार कम नहीं हुआ। बारीकी से समझी तो उन्हें लगा कि और दूसरा शिशु भी है। दूसरे को निकालने के बाद जब तीसरा शिशु निकला तो वो भी हैरान हो गई।
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डॉ. अवधिया ने जब वजन कराया तो तीनों शिशु 2 से तीन किलो के बीच निकले। चिकित्सकों के अनुसार 2 किलों से ऊपर का बच्चा स्वस्थ्य माना जाता है। वार्ड के आसपास के लोगों ने बताया कि 28 वर्षीय महिला सोनम शुक्ला को अपने पहले बच्चे की उम्मीद थी, लेकिन जब उसने एक साथ तीन बच्चों को जन्मा तो वह भी हैरान रह गई। पर उसने भी सोचा कि बार-बार दर्द पीने से अच्छा है कि एक बार में ही पूरे जीवन के दर्द से मुक्त हो गई।
डॉ. अवधिया ने जब वजन कराया तो तीनों शिशु 2 से तीन किलो के बीच निकले। चिकित्सकों के अनुसार 2 किलों से ऊपर का बच्चा स्वस्थ्य माना जाता है। वार्ड के आसपास के लोगों ने बताया कि 28 वर्षीय महिला सोनम शुक्ला को अपने पहले बच्चे की उम्मीद थी, लेकिन जब उसने एक साथ तीन बच्चों को जन्मा तो वह भी हैरान रह गई। पर उसने भी सोचा कि बार-बार दर्द पीने से अच्छा है कि एक बार में ही पूरे जीवन के दर्द से मुक्त हो गई।