प्रश्न:- सतना संसदीय क्षेत्र को लेकर आपकी प्राथमिकता क्या होगी?
जवाब: सतना को लेकर मेरा एक ही मकसद रहा है कि पूरे क्षेत्र का चौमुखी विकास हो। इसी के मद्देनजर काम करता रहा हूं। मेरे कार्यकाल के दौरान लगातार विकास कार्य स्वीकृत होते रहे हैं। यह जनता भी समझ चुकी है कि सतना का विकास सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही कर सकती है। सड़क, बिजली व पानी सहित सभी क्षेत्र में लगातार भाजपा ने काम किया। वर्तमान राज्य सरकार विकास कार्यों के लिए बाधक है। गरीब व आम व्यक्ति से झूठ बोलने में लगी है।
जवाब: सतना को लेकर मेरा एक ही मकसद रहा है कि पूरे क्षेत्र का चौमुखी विकास हो। इसी के मद्देनजर काम करता रहा हूं। मेरे कार्यकाल के दौरान लगातार विकास कार्य स्वीकृत होते रहे हैं। यह जनता भी समझ चुकी है कि सतना का विकास सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही कर सकती है। सड़क, बिजली व पानी सहित सभी क्षेत्र में लगातार भाजपा ने काम किया। वर्तमान राज्य सरकार विकास कार्यों के लिए बाधक है। गरीब व आम व्यक्ति से झूठ बोलने में लगी है।
प्रश्न:- भाजपा की सरकार बन रही है, क्या मंत्रिमंडल में सतना को जगह मिलेगी?
जवाब: भाजपा की सरकार बनने पर सतना को मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात लगातार चर्चा में है। जनता और स्थानीय संगठन की तरफ से देखें तो उनके नजर से बात उचित हो सकती है। लेकिन, ये प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है कि वे अपने मंत्रिमंडल में किसको शामिल करते हैं और किसको नहीं शामिल करते। स्थिति-परिस्थिति सहित सभी तथ्यों के आकलन करने के बाद निर्णय लिया जाता है। इसलिए उनके विशेषाधिकार को लेकर टिप्पणी नहीं करूंगा।
जवाब: भाजपा की सरकार बनने पर सतना को मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात लगातार चर्चा में है। जनता और स्थानीय संगठन की तरफ से देखें तो उनके नजर से बात उचित हो सकती है। लेकिन, ये प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है कि वे अपने मंत्रिमंडल में किसको शामिल करते हैं और किसको नहीं शामिल करते। स्थिति-परिस्थिति सहित सभी तथ्यों के आकलन करने के बाद निर्णय लिया जाता है। इसलिए उनके विशेषाधिकार को लेकर टिप्पणी नहीं करूंगा।
प्रश्न:- भाजपा में भीतरघात की बात होती रही, अब आपकी भूमिका क्या होगी?
जवाब: देखिए, जब जनता जनार्दन मन बना ले तो फिर कोई कुछ भी कर ले, कोई फर्क नहीं पड़ता। जनता ने ठान लिया था कि एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनेगी। फिर घात-भीतरघात का सवाल ही नहीं उठता। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। इसका कोई असर पूरे चुनाव के दौरान देखने को नहीं मिला है। लिहाजा, इस पर बात करने का कोई मतलब नहीं है। चुनाव के दौरान ऐसी बातें आम हैं, जिसे नजर अंदाज करना ही उचित है। पूरी भाजपा एक है।
जवाब: देखिए, जब जनता जनार्दन मन बना ले तो फिर कोई कुछ भी कर ले, कोई फर्क नहीं पड़ता। जनता ने ठान लिया था कि एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनेगी। फिर घात-भीतरघात का सवाल ही नहीं उठता। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। इसका कोई असर पूरे चुनाव के दौरान देखने को नहीं मिला है। लिहाजा, इस पर बात करने का कोई मतलब नहीं है। चुनाव के दौरान ऐसी बातें आम हैं, जिसे नजर अंदाज करना ही उचित है। पूरी भाजपा एक है।