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बिरसिंहपुर तहसील के ग्राम हिनौता निवासी आवेदक आरएस पाण्डेय, रामावतार, सुखिया देवी, सुग्रीव प्रसाद, रामरूप पाण्डेय, रामवतार, बाबूलाल, राजललन, राकेश, अनिल और कामता प्रसाद ने कलेक्टर के नाम पत्र लिख तहसीलदार बिरसिंहपुर मनीष पाण्डेय की शिकायत की है। बताया गया कि 13 सीमांकन के आवेदन 3 दिसंबर 17 और 18 दिसंबर 18 को तहसीलदार को दिए गए थे। लेकिन आज तक सीमांकन नहीं किया गया। सीमांकन तो किया नहीं बल्कि स्थगन आदेश दे दिया।
बिरसिंहपुर तहसील के ग्राम हिनौता निवासी आवेदक आरएस पाण्डेय, रामावतार, सुखिया देवी, सुग्रीव प्रसाद, रामरूप पाण्डेय, रामवतार, बाबूलाल, राजललन, राकेश, अनिल और कामता प्रसाद ने कलेक्टर के नाम पत्र लिख तहसीलदार बिरसिंहपुर मनीष पाण्डेय की शिकायत की है। बताया गया कि 13 सीमांकन के आवेदन 3 दिसंबर 17 और 18 दिसंबर 18 को तहसीलदार को दिए गए थे। लेकिन आज तक सीमांकन नहीं किया गया। सीमांकन तो किया नहीं बल्कि स्थगन आदेश दे दिया।
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इसके बाद बिना पक्ष सुने एक पक्षीय स्थगन का आदेश खारिज कर दिया गया। 14 अक्टूबर को जब मामले में तहसीलदार मनीष पाण्डेय से मोबाइल फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि ‘वे कोटर में है, आवेदन पहले खारिज कर चुका हूं। सीमांकन मैं नहीं जानता। तुम ‘बेवकूफ’ हो। इससे नाराज आवेदकों ने सीमांकन भूल कलेक्टर को पत्र लिख कर तहसीलदार मनीष पाण्डेय को ‘बेवकूफ’ कहने की अनुमति मांगी है।
इसके बाद बिना पक्ष सुने एक पक्षीय स्थगन का आदेश खारिज कर दिया गया। 14 अक्टूबर को जब मामले में तहसीलदार मनीष पाण्डेय से मोबाइल फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि ‘वे कोटर में है, आवेदन पहले खारिज कर चुका हूं। सीमांकन मैं नहीं जानता। तुम ‘बेवकूफ’ हो। इससे नाराज आवेदकों ने सीमांकन भूल कलेक्टर को पत्र लिख कर तहसीलदार मनीष पाण्डेय को ‘बेवकूफ’ कहने की अनुमति मांगी है।