Sindhi Camp Tirahe controversy
सतना. फ्लाइओवर बनने के बाद ब्लैक स्पाट में तब्दील हो चुके सिंधी कैम्प तिराहे पर दुर्घटनाएं रोकने पुलिस प्रशासन ने इस तिराहे पर डिवादडर बनाकर बंद करने की योजना में थी, लेकिन व्यापारियों के भारी विरोध के चलते उसे बैकफुट पर आना पड़ा। अब आधे तिराहे पर डिवाइडर बनाने का निर्णय लिया गया है। व्यापारियों के आग्रह पर सोमवार शाम सांसद गणेश सिंह ने प्रशासन व व्यापारियों के बीच मध्यस्थता की।
40 फीट खुला रहेगा तिराहा
एसपी ने सिंधी कैम्प तिराहे की ड्राइंग डिजाइन दिखाते हुए व्यापारियों को समझाया कि यदि तिराहे पर डिवाइडर नहीं बनाया गया तो यहां पर आए दिन सड़क हादसे होंगे। लेकिन व्यापारी उनकी बात से सहमत नहीं हुए। इस पर सांसद गणेश सिंह ने कहा कि हादसे रोकने के लिए किसी कॉलोनी का रास्ता बंद नहीं किया जा सकता है। हादसे रोकने के लिए और कोई रास्ता निकाला जाए। अंत में व्यापारी और प्रशासन के बीच यह सहमति बनी की सिंधीकैम्प तिराहे को पूरा बंद न कर आधे में डिवाइडर बनाया जाएगा। आवागवन के लिए 40 फीट तिराहा खुला रहेगा।
यह भी रहे मौजूद
प्रशासन और व्यापारियों के बीच हुई वार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, निगमायुक्त तन्वी हुड्डा, आर्किटेक्ट उत्तम बनर्जी सर्वसमाज का नेतृत्व कर रहे गोपी गेलानी, मनोहर डिगवानी, मनीष टेकवानी, विनोद गेलानी, सागर गुप्ता, बालेश त्रिपाठी सहित स्थानीय व्यापारी उपस्थित रहे।
बड़ा सवाल...
बिरला रोड सिंधी कैम्प तिराहे पर दुर्घटनाएं रोकने पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक विशेषज्ञों से चर्चा की और स्पाट का अवलोकन कराया था। टै्रफिक विशेषज्ञों ने मौके का निरीक्षण करने के बाद यह सलाह दी थी कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इस तिराहे पर डिवाइडर लगाकर इसे बंद किया जाए। इसके अलावा और कोई उपाय नहीं हैं। इंजीनियरों की सलाह पर पुलिस प्रशासन ने सिंधी कैम्प तिराहे को बंद करने का निर्णय लिया था, लेकिन व्यापारियों के भारी विरोध के चलते फिलहाल इसे आधा खुला रखने का निर्णय लिया गया है। सवाल यह उठता है कि यदि इस तिराहे के खुला रहने से किसी की जान जाती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
Published on:
25 Jan 2022 03:30 am
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