sidhi: Attack on forest team in search of leopard’s victim, ranger inj
सीधी/पथरौला। संजय टाइगर रिजर्व के कोर एरिया वन परिक्षेत्र वस्तुआ के ग्राम गिजोहर में शनिवार की शाम तेंदुए द्वारा मासूम बच्चे को उठा ले जाने की सूचना पर पहुंची वन टीम पर आक्रोशित ग्रामीणों ने हमला कर दिया। वन परिक्षेत्राधिकारी वस्तुआ महावीर पांडेय के सिर व शरीर में गंभीर चोंटे आई वहीं रेंजर दुबरी आकाश परौहा, रेंजर पोंड़ी कविता कोल, एसडीओ राहुल रघुवंशी के सामान्य चोंटे आई। ग्रामीणों का आक्रोश देखते हुए वन विभाग की टीम को गांव से भागना पड़ा। सूचना पर गिजोहर गांव को रात में ही पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।
इधर तेंदुए का शिकार हुए मासूम बालक कमल पिता रामबहादुर बैगा (5 वर्ष) का शव घर से महज 200 मीटर दूरी पर तार की फिनसिंग के खून से लथपथ मृत अवस्था में पाया गया। परिजनों का मानना है की तार की फिनसिंग से निकलते समय बच्चा तेंदुुए के मुंह से छूट गया होगा, हो हल्ला के कारण बच्चे को वहीं छोडक़र तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया।
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वन अधिकारियों के कैद होने की आशंका पर मचा हडक़ंप-
घर के अंदर से मासूम बच्चे को तेंदुए द्वारा उठा ले जाने की सूचना पर वन विभाग की टीम अधिकारियों के साथ गिजोहर गांव रात में पहुंच गई थी। टीम के पहुंचने के पहले ही मासूम कमल का शव मिल चुका था, जिससे ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा, वन विभाग के अधिकारियों ने समझाना चाहा तो ग्रामीण भडक़ उठे और अधिकारियों सहित टीम को घेर कर लाठी डंडे से हमला कर दिया। ऐसी स्थिति में वन टीम भाग खड़ी हुई और तितर-बितर हो गई। गांव में मोबाइल नेटवर्क न होने से टीम को यह लगा की कुछ अधिकारियों को ग्रामीणों ने कैद कर लिया है और उनके साथ मारपीट की जा रही है। इसकी सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पुलिस अधिकारियों को दी गई।
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रात में ही पुलिस छावनी में तब्दील हुआ गांव-
वन अधिकारियों को ग्रामीणों द्वारा कैद किये जाने की आशंका पर अधिकारियों के कान खड़े हो गए। रात में ही पुलिस थाना कुसमी, अमिलिया, भुईमाड़, मझौली के साथ पुलिस चौकी पथरौला, पोंड़ी, मड़वास, टिकरी के प्रभारी पुलिस बल के साथ ही गिजोहर गांव पहुंच गए। इसके साथ ही एक बस फोर्स पुलिस लाइन से गिजोहर गांव भेजा गया। टीम के पहुंचने पर पता चला की कोई भी वन अधिकारी ग्रामीणों के कैद में नहीं है।
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राजस्व व पुलिस अधिकारियों की समझाइस पर शांत हुए ग्रामीण-
तेंदुए के हमले की माह भर में दूसरी घटना से ग्रामीणों का आक्रोश सातवें आसमान पर था। वन विभाग की टीम को ग्रामीण देखना नहीं चाहते थे, इसलिए वन टीम को गांव से दूर रखा गया। रविवार की सुबह एसडीएम कुसमी आरके सिन्हा, सीईओ कुसमी एसएन द्विवेदी, तहसीलदार रोहित सिंह परिहार, एडिशनल एसपी अंजूलता पटले, एसडीओपी रोशनी सिंह ठाकुर सहित अन्य अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को समझाइस देकर गुस्सा शांत कराया गया। इसके बाद मृतक मासूम बच्चे का पीएम कराकर शव परिजनों को सौंपा गया।
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संगीनों के साए में हुआ अंतिम संस्कार-
शनिवार की रात ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए किसी तरह से कानून व्यवस्था न बिगड़े इसलिए भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में मृतक का अंतिम संस्कार कराया गया। इसके साथ ही ग्रामीणों को आश्वस्त किया गया की तेंदुए को शीघ्र ही कैद कर जंगल के बीच छोड़ा जाएगा।
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दी गई सहायता राशि-
मृतक के परिजनों को राजस्व विभाग की ओर से 10 हजार रुपये व आदिम जाति कल्याण विभाग की ओर से 10 हजार रुपये की तत्काल सहायता राशि दी गई। इसके साथ ही संजय टाइगर रिजर्व की ओर से नए प्रावधान के अनुसार ८ लाख रुपये की सहायता राशि 24 घंटे के अंदर खाते में भेजने का आश्वासन दिया गया। एसडीएम कुसमी द्वारा परिजनों को 1 क्विंटल खाद्यान्न (50 किग्रा गेहूं व 50 किग्रा चावल) प्रदान किया गया।
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तय की जाएगी नीति-
माह भर में तेंदुए के हमले की यह दूसरी घटना है, पहली घटना में हमला करने वाले तेंदुए को कैद कर दूर छोड़ दिया गया था, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है की यह वही तेंदुआ है या दूसरा, इसकी जांच कराई जाएगी और तेंदुए को कैद करने की नीति तय की जाएगी। पीडि़त परिवार को शीघ्र 8 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
अमित द्विवेदी, क्षेत्र संचालक संजय टाइगर रिजर्व सीधी
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