बैण्ड बाजा की मधुर धुन में समाज के नवयुवक गरबा नृत्य करते हुए शामिल रहे। ज्ञात हो कि गरवा नृत्य आकर्षण का केन्द्र रहा। समाज के सभी लोगों व्दारा श्वेत वस्त्रों में नंगे पांव शामिल हुए। रथयात्रा में आगे-आगे बैंड बाजे चल रहे थे। समाज का ध्वज लेकर नन्हे- नन्हें बच्चे थे। रथयात्रा में समाज के प्रमुखजन शामिल रहे। सामूहिक क्षमापना (क्षमावाणी) का कार्यक्रम रविवार को प्रात: १० बजे से महावीर भवन में आयोजित किया गया है।
दिगंबर जैन समाज के पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व का प्रथम दिन उत्तम क्षमा धर्म के रुप में मनाया गया। इस बार के पर्युषण पर्व में श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ चढ़कर बोल रहा है। चातुर्मास के संयोजक संदीप जैन ने बताया कि समाज बंधुओं के लिए सौभाग्य की बात है कि राष्ट्र संत आचार्य विद्यासागर महाराज के श्रेष्ठ शिष्य मुनि समय सागर, मुनि प्रशस्त सागर, मुनि मल्ली सागर, मुनि आनंद सागर का सानिध्य प्राप्त है। आपके सानिध्य में धर्म प्रभावना के साथ सभी धर्म प्रेमी बंधु-धर्म लाभ ले रहे है। पर्युषण पर्व के संयोजक प्रमोद जैन, पीयूष जैन ने बताया की दस दिन चलने वाले इस महापर्व में सांगानेर राजस्थान से पधारे विद्वान पंडित राजेश गंगवाल के व्याख्यानों का लाभ प्राप्त होगा, साथ ही प्रत्येक दिन धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा।महामस्तकाभिषेक सरस्वती भवन में प्रारंभ : आज प्रात: 6 बजे से भगवान जी का महामस्तकाभिषेक श्री सरस्वती भवन प्रांगण में हुआ, जिसमें प्रथम अभिषेक करने का सौभाग्य वेद प्रकाश जैन श्री श्री सनत जैन ,सुनील जैन , राकेश जैन एवं जैन नवयुवक मंडल परिवार को प्राप्त हुआ , तत्पश्चात मुनि श्री जी ने उत्तम क्षमा धर्म पर अमृत प्रवचन दिए। क्षमा एक पवित्र धर्म है निमित्त की प्रतिकूलता में भी जो शांत रह सके वह क्षमा धारी है। श्वेतांबर समाज के श्रद्धालु जन मुनि श्री के दर्शन करने पधारे जिनका समाज के मंत्री राहुल जैन एवं कमेटी के सदस्यों ने सभी का स्वागत किया। रात्रि में विद्यासागर दिगंबर जैन पाठशाला के बच्चों द्वारा नाटिका का मंचन किया गया।