सालाना करीब 50 करोड़ का राजस्व देने वाले जबलपुर मंडल के सबसे बिजी स्टेशनों में शुमार सतना जंक्शन से रोजाना पौने दो सौ यात्री ट्रेनें गुजरती हैं। प्रतिदिन सफर करने वाले हजारों यात्रियों के हिसाब से स्टेशन में अभी भी सुविधाओं का अभाव है। इसी के मद्देनजर दो साल पहले यहां लिफ्ट, एस्केलेटर व दो वेटिंग हाल बनाने का फैसला रेलवे ने किया था। इसके लिए निर्माण कार्य भी शुरू किए गए जो समय बीत जाने के बाद भी नसीब नहीं हुए।
‘लटक’ गई लिफ्ट
एस्केलेटर जैसा हाल लिफ्ट का भी हुआ है। लिफ्ट के सिविल वर्क का काम होने के बावजूद सतना जंक्शन में यात्री लिफ्ट का आनंद नहीं ले पाए। स्टेशन के लिए सौगात बताई जाने वाली लिफ्ट का निर्माण प्लेटफॉर्म 1 में चल रहा है। लिफ्ट के निर्माण पूरा होने की मियाद बीते साल अक्टूबर तक थी। सिविल वर्क के बाद लिफ्ट लगाने का काम कई माह तक लटका रहा। बताया जाता है कि लिफ्ट का स्ट्रक्चर पूरा हो गया है अब मशीन लगाने भर की देरी है।
एस्केलेटर जैसा हाल लिफ्ट का भी हुआ है। लिफ्ट के सिविल वर्क का काम होने के बावजूद सतना जंक्शन में यात्री लिफ्ट का आनंद नहीं ले पाए। स्टेशन के लिए सौगात बताई जाने वाली लिफ्ट का निर्माण प्लेटफॉर्म 1 में चल रहा है। लिफ्ट के निर्माण पूरा होने की मियाद बीते साल अक्टूबर तक थी। सिविल वर्क के बाद लिफ्ट लगाने का काम कई माह तक लटका रहा। बताया जाता है कि लिफ्ट का स्ट्रक्चर पूरा हो गया है अब मशीन लगाने भर की देरी है।
‘हवा’ में एस्केलेटर
वृद्ध और बीमार लोगों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे में जाने के लिए सतना स्टेशन के प्लेटफॉर्म 1 में प्रस्तावित चलती सीढि़यों का कहीं कोई पता नहीं है। बताया गया कि 2016 में जोर-शोर से काम शुरू करने का दावा किया गया था। हकीकत यह है कि बीते साल सितम्बर तक पूरा हो जाने वाला एस्केलेटर यात्रियों को स्टेशन में कहीं नजर नहीं आ रहा। कहा जा रहा कि आम बजट में रेलवे ने सतना में दो व मैहर में एक एस्कलेटर बनाने का प्रावधान रखा है।
वृद्ध और बीमार लोगों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे में जाने के लिए सतना स्टेशन के प्लेटफॉर्म 1 में प्रस्तावित चलती सीढि़यों का कहीं कोई पता नहीं है। बताया गया कि 2016 में जोर-शोर से काम शुरू करने का दावा किया गया था। हकीकत यह है कि बीते साल सितम्बर तक पूरा हो जाने वाला एस्केलेटर यात्रियों को स्टेशन में कहीं नजर नहीं आ रहा। कहा जा रहा कि आम बजट में रेलवे ने सतना में दो व मैहर में एक एस्कलेटर बनाने का प्रावधान रखा है।
प्रतीक्षालयों की ‘वेटिंग’
स्टेशन में यात्रियों की भीढ़ दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। शाम 6 से रात 10 बजे तक यह हालत होती है कि प्लेटफॉर्म एक में बैठना तो दूर कई यात्रियों को खड़े होने की भी जगह नहीं मिलती। बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्लेटफॉर्म एक पर एक अपर क्लॉस एेसी वेटिंग रूम के निर्माण की स्वीकृति मिली थी। निर्माण की अवधि बीते साल दिसम्बर में बीत गई लेकिन साइट पर काम पूरा नहीं हो सका। ठीक यही हाल एसी वेटिंग रूम के बगल से बन रहे सेपरेट लेडीज वेटिंग रूम का है।
स्टेशन में यात्रियों की भीढ़ दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। शाम 6 से रात 10 बजे तक यह हालत होती है कि प्लेटफॉर्म एक में बैठना तो दूर कई यात्रियों को खड़े होने की भी जगह नहीं मिलती। बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्लेटफॉर्म एक पर एक अपर क्लॉस एेसी वेटिंग रूम के निर्माण की स्वीकृति मिली थी। निर्माण की अवधि बीते साल दिसम्बर में बीत गई लेकिन साइट पर काम पूरा नहीं हो सका। ठीक यही हाल एसी वेटिंग रूम के बगल से बन रहे सेपरेट लेडीज वेटिंग रूम का है।