विलंब के कारण लागत दोगुना
पूरी परियोजना के साथ ही सतना-पन्ना सेक्शन में रेललाइन का इंतजार साल दर साल बढ़ता गया। पन्ना जिले में रेल की मांग के लिए सैकड़ों धरना-प्रदर्शन हुए। लोगों को रेल लाइन के लिए कई सालों तक इंतजार करना पड़ा। सतना-पन्ना रेललाइन के होने वाले भूमिपूजन ने सतना व पन्ना के रहवासियों की उम्मीदें फिर जगा दी हैं। रेल लाइन शुरू होने से सतना में कैमा स्टेशन के विस्तार होने के अलावा इसका पश्चिमी हिस्सा भी रेल यातायात से जुड़ जाएगा। एक जानकारी के अनुसार साल दर साल ललितपुर-सिंगरौली परियोजना के विलम्ब के चलते इसकी लागत में दोगुना से ज्यादा इजाफा हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता राजीव खरे ने बताया कि 1997-98 में शुरू हुई परियोजना की लागत 925 करोड़ थी जो साल 2014 तक 1600 करोड़ से ज्यादा हो गई। बताया गया, 18 ब्रिज और 60 माइनर ब्रिज भी बनाए जाने हैं।
पूरी परियोजना के साथ ही सतना-पन्ना सेक्शन में रेललाइन का इंतजार साल दर साल बढ़ता गया। पन्ना जिले में रेल की मांग के लिए सैकड़ों धरना-प्रदर्शन हुए। लोगों को रेल लाइन के लिए कई सालों तक इंतजार करना पड़ा। सतना-पन्ना रेललाइन के होने वाले भूमिपूजन ने सतना व पन्ना के रहवासियों की उम्मीदें फिर जगा दी हैं। रेल लाइन शुरू होने से सतना में कैमा स्टेशन के विस्तार होने के अलावा इसका पश्चिमी हिस्सा भी रेल यातायात से जुड़ जाएगा। एक जानकारी के अनुसार साल दर साल ललितपुर-सिंगरौली परियोजना के विलम्ब के चलते इसकी लागत में दोगुना से ज्यादा इजाफा हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता राजीव खरे ने बताया कि 1997-98 में शुरू हुई परियोजना की लागत 925 करोड़ थी जो साल 2014 तक 1600 करोड़ से ज्यादा हो गई। बताया गया, 18 ब्रिज और 60 माइनर ब्रिज भी बनाए जाने हैं।
पन्ना के 32 व सतना के 34 गांवों में भूमि अधिग्रहण
सतना से पन्ना तक रेललाइन बिछाने के लिए रेलवे द्वारा दोनों जिले के 66 गांवों में भूमि अधिग्रहीत की गई है। पन्ना जिला के पन्ना व देवेंद्रनगर तहसील के 32 गांवों के प्रभावित भू-स्वामियों को मुआवजा देने का काम चल रहा है। सतना जिले की रघुराजनगर तहसील के 9 व नागौद तहसील के 25 गांवों में रेललाइन के लिए रेलवे ने जमीन ली है। सतना जिले में इस तरह ३४ गांवों में जमीन अधिग्रहित हुई हैं। इसके बदले 328 करोड़ का मुआवजा वितरित करने का काम जारी है।
सतना से पन्ना तक रेललाइन बिछाने के लिए रेलवे द्वारा दोनों जिले के 66 गांवों में भूमि अधिग्रहीत की गई है। पन्ना जिला के पन्ना व देवेंद्रनगर तहसील के 32 गांवों के प्रभावित भू-स्वामियों को मुआवजा देने का काम चल रहा है। सतना जिले की रघुराजनगर तहसील के 9 व नागौद तहसील के 25 गांवों में रेललाइन के लिए रेलवे ने जमीन ली है। सतना जिले में इस तरह ३४ गांवों में जमीन अधिग्रहित हुई हैं। इसके बदले 328 करोड़ का मुआवजा वितरित करने का काम जारी है।
ललितपुर-सिंगरौली ब्रॉडगेज से ललितपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, खुजराहो, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी और सिंगरौली रेल परिवहन के नेटवर्क से सीधे जुड़ जाएंगे।
ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजनों में कुल स्टेशन- 34
ललितपुर- खजुराहो सेक्शन (14)
ललितपुर, बीराही, उदयपुरा, टीकमगढ़, मवाई, सरकनपुर, खरगापुर, टीला, रामपुर, ईशानगर, छतरपुर, बसारी, दुरीयागंज, खजुराहो खजुराहो-सतना सेक्शन (06)
चंद्रनगर, पन्ना, सकरिया देवेंद्रनगर, फुलवारी, नागौद, बरेठिया, करही, सतना रीवा-सिंगरौली सेक्शन (14)
रीवा, सिलपरा, गोविंदगढ़, भगवार, रामपुर नैकिन, झावर, चुरहट, सीधी, भरवा, गजराही, बहरी, देवसर, बरगावन, सिंगरौली
ललितपुर, बीराही, उदयपुरा, टीकमगढ़, मवाई, सरकनपुर, खरगापुर, टीला, रामपुर, ईशानगर, छतरपुर, बसारी, दुरीयागंज, खजुराहो खजुराहो-सतना सेक्शन (06)
चंद्रनगर, पन्ना, सकरिया देवेंद्रनगर, फुलवारी, नागौद, बरेठिया, करही, सतना रीवा-सिंगरौली सेक्शन (14)
रीवा, सिलपरा, गोविंदगढ़, भगवार, रामपुर नैकिन, झावर, चुरहट, सीधी, भरवा, गजराही, बहरी, देवसर, बरगावन, सिंगरौली
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
ललितपुर के सिंगरौली का रेललाइन से जुडऩे पर पर्यटन को बूम मिलेगा। इस रेल लाइन में विंध्य व बुंदेलखंड के कई एेतिहासिक पर्यटन स्थल व धार्मिक केंद्र हैं। ट्रेन नहीं होने पर अभी विंध्य के लोगों को पन्ना, खजुराहो, ओरछा जाने में भारी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। इस रूट में ट्रेन दौडऩे के बाद स्थिति पूरी तरह बदल जाएगी।
ललितपुर के सिंगरौली का रेललाइन से जुडऩे पर पर्यटन को बूम मिलेगा। इस रेल लाइन में विंध्य व बुंदेलखंड के कई एेतिहासिक पर्यटन स्थल व धार्मिक केंद्र हैं। ट्रेन नहीं होने पर अभी विंध्य के लोगों को पन्ना, खजुराहो, ओरछा जाने में भारी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। इस रूट में ट्रेन दौडऩे के बाद स्थिति पूरी तरह बदल जाएगी।
हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार
ललितपुर-सिंगरौली रेल प्रोजेक्ट पूरा होने से जहां आवागमन सुलभ बनेगा, वहीं विंध्य व बुंदेलखण्ड के हजारों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। ट्रेनों की आवाजाही शुरू होते ही नए स्टेशनों के पास छोटे व मध्यम उद्यम विकसित होंगे। रेल लाइन नहीं होने से पिछड़ेपन का दंश झेल रहे पन्ना जिले की उम्मीदों में नए पंख लगेंगे।
ललितपुर-सिंगरौली रेल प्रोजेक्ट पूरा होने से जहां आवागमन सुलभ बनेगा, वहीं विंध्य व बुंदेलखण्ड के हजारों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। ट्रेनों की आवाजाही शुरू होते ही नए स्टेशनों के पास छोटे व मध्यम उद्यम विकसित होंगे। रेल लाइन नहीं होने से पिछड़ेपन का दंश झेल रहे पन्ना जिले की उम्मीदों में नए पंख लगेंगे।
8 खण्डों में बंटा है 541 किमी का प्रोजेक्ट
ललितपुर-टीकमगढ़ 51.75 किमी
टीकमगढ़- छतरपुर 30.50 किमी
छतरपुर-खजुराहो 30 किमी
खजुराहो-पन्ना 43.53 किमी
पन्ना-सतना 74.20 किमी
सतना-रीवा 49.20 किमी
रीवा-सीधी 88.74 किमी
सीधी सिंगरौली 120.32 किमी
ललितपुर-टीकमगढ़ 51.75 किमी
टीकमगढ़- छतरपुर 30.50 किमी
छतरपुर-खजुराहो 30 किमी
खजुराहो-पन्ना 43.53 किमी
पन्ना-सतना 74.20 किमी
सतना-रीवा 49.20 किमी
रीवा-सीधी 88.74 किमी
सीधी सिंगरौली 120.32 किमी