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सतना वार्ड 9 का हाल : सडक़ का सत्यानाश और पानी का पड़ा अकाल

कोलगवां क्षेत्र में पहुंच रहा बदबूदार पानी, निगम में कोई सुनने को तैयार नहीं

सतनाMay 10, 2018 / 02:42 am

राजीव जैन

satna nagar nigam ward no 9 news in hindi

satna nagar nigam ward no 9 news in hindi

सतना. सतना नगर निगम का वार्ड क्रमांक 9 कोलगवां क्षेत्र में आता है। यह पूरी तरह से घनी आबादी क्षेत्र है। पॉश कालोनी से लेकर कमजोर वर्ग तक निवास करता है। क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या अव्यवस्थित विकास है। सडक़, बिजली, पानी व नाली प्रमुख समस्या है। हालांकि विगत वर्षों में इस वार्ड में नाली व सडक़ को बेहतर करने के लिए काम हुए थे। लेकिन, नई पाइपलाइन के चक्कर में सब कुछ बर्बाद हो गया। ठेका कंपनी ने जगह-जगह सडक़ खोदकर छोड़ दी। आज तक सडक़ को मूलरूप में नहीं लाया गया। जबकि टेंडर शर्त में स्पष्ट रूप से लिखा गया था कि सडक़ को मूल रूप में लाना होगा।
क्षेत्र में गंदे पानी की सप्लाई भी बड़ी समस्या है। रहवासी बताते हैं, वार्ड में गंदा, काला व बदबूदार पानी आता है। निगम में लगातार शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। नाली जहां-तहां जाम है। जल निकासी बड़ी समस्या है। कई जगह गंदा पानी का भराव देखने को मिल जाएगा। स्ट्रीट लाइट की बात करें तो वार्ड का बड़ा हिस्सा रात को अंधेरे में डूबा रहता है। निगम के कर्मचारी चिह्नित क्षेत्र में लाइट लगाने तक सीमित हैं। अन्य जगहों पर शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं होती है। वहीं सफाई को लेकर वार्ड पार्षद बाला यादव भी नाराज हैं। उनका कहना है कि वार्ड में सफाई व्यवस्था लचर है। सफाईकर्मी आते ही नहीं हैं। जो आते हैं, वे आधा-अधूरा साफ करने के बाद लौट जाते हैं।
सफाई से असंतुष्ट
वार्ड 9 के पार्षद व एमआइसी सदस्य बाला प्रसाद यादव स्वयं निगम प्रशासन की सफाई व पेयजल व्यवस्था से असंतुष्ट हैं। उनका आरोप है कि स्वच्छता के मामले पर गिरावट हुई है। पाइपलाइन बिछ गई, लोगों को कनेक्शन के बाद भी पानी नहीं मिल रहा। बात को निगम प्रशासन के सामने रखा जाएगा।
नहीं बने शौचालय
वार्ड घनी आबादी वाला है। यहां बड़े पैमाने पर कमजोर वर्ग भी निवास करता है। कई घर ऐसे भी हैं, जहां आज तक शौचालय नहीं बने। व्यक्तिगत शौचालय की दरकार लोगों को आज भी है। नगर निगम की व्यक्तिगत शौचालय निर्माण योजना के तहत रहवासियों ने आवेदन भी कर रखा है। करीब १५० व्यक्तिगत आवेदन किए जा चुके हैं। लेकिन निर्माण कार्य सिर्फ महुआ बस्ती में हो सका है। शेष हिस्सा छूटा हुआ है।
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बेमानी अमृत व जलावर्धन
अमृत व जलावर्धन योजना के तहत वार्ड में पेयजल सप्लाइ लाइन बिछाई गई। रहवासियों ने टैक्स अदा कर निगम से कनेक्शन भी ले लिया। बावजूद इसके घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा। स्थानीयजन में पेयजल को लेकर खासा आक्रोश है। पानी के लिए लोगों को रीवा रोड पर प्रताप होटल के बगल में पानी भरने जाना पड़ता है। जबकि दूसरे छोर के लोग पीएचइ पानी लेने जाते हैं। वार्डवासी अब निगम प्रशासन के ऊपर आरोप लगा रहे कि पाइप लाइन बिछाने के नाम पर सडक़ की बीच से खुदाई कर सत्यानाश कर दिया गया। फिर भी पानी के नाम पर एक बूंद नसीब नहीं हो रहा।
नाली पर तन गया मकान
बस्ती के अंदर घरों से बाहर निकलने वाले गंदे पानी की निकासी के लिए नाली की कोई व्यवस्था नहीं थी। इससे बारिश के दिनों में जलभराव होता था। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए निगम ने ६ माह पूर्व नाली का निर्माण करवाया था। परंतु एक असरदार ने पक्की नाली के ऊपर मकान तान दिया। इससे फिर वही समस्या दोबारा उत्पन्न हो गई है। इसकी शिकायत भी हुई है, कोई सुनने वाला नहीं है।
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क्या कहते हैं रहवासी
पेयजल की लड़ाई हम लोग कई वर्षों से लड़ रहे हैं। आज तक व्यवस्था नहीं हो सकी। कई बार लिखित में भी शिकायत की गई, पर आश्वासन के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा।
राजेश सेन
वार्ड में नई पाइपलाइन को बिछे हुए महीनों हो गए हैं, लेकिन पानी अभी तक नहीं आया है। जो पानी अभी आता है वह गंदा है। उस पानी से हम लोग नहा भी नहीं सकते हैं।
लक्ष्मीनाथ सिंह
वार्ड की सडक़ों को पाइपलाइन बिछाने के नाम पर तोड़ दिया है। इसको लेकर कई बार अधिकारियों से कहा गया, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ है।
सौरव मिश्र

वार्ड की नालियों की सफाई न होने के कारण बीमारी फैल रही है। कई दिनों में सफाई होती है, लेकिन कचरे को उठाया नहीं जाता है। जो नालियां निगम ने बनवाई थी वह भसक गई हैं।
अनिल गुप्ता
वार्ड में जो भी पार्क हैं, उनकी हालत खराब है। पार्कों में असामाजिक तत्वाों का डेरा है। जिम्मेदारी से सभी लोग मुंह चुराते हैं। शिकायत सुनने के बाद ध्यान नहीं देते हैं।
नरेश यादव

वार्ड में पार्क है लेकिन उस पार्क में पौधे नहीं हंै। कई बार कहा गया लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। वार्ड के लोगों ने भी पार्क में पौधरोपण किया पर निगम द्वारा सुरक्षा करने वाला कोई नहीं है।
अवधेश गुप्ता
पेयजल को सुबह से लोग साइकिल से डिब्बा बांध कर निकल पड़ते हैं। कई लोग पांच किलोमीटर से पानी लाते हैं।
ब्रजेंद्र सिंह

सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया। इस कारण पानी भरता है। कई बार मोहल्ले के लोगों ने शिकायत की लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। नालियां पूरी तरह चोक हैं।
विद्या पाण्डेय
आदिवासी बस्ती ,महुआ बस्ती एवं हरिजन बस्ती में एक भी शौचालय नहीं बने, लोग आज भी घरों से निकल कर खुले में शौच के लिए मजबूर है।
आनंद सिंह बिसेन

वार्ड में स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है। सफाई वाली गाड़ी नहीं आती है। नालियां पूरी तरह चोक हो चुकी हंै। पेयजल के लिए दूसरे वार्ड जाना पड़ता है।
भगवती यादव
आदिवासी बस्ती, महुआ बस्ती एवं हरिजन बस्ती में एक भी शौचालय नहीं बने हैं। यहां के लोग उपेक्षा का शिकार हैं। जनप्रतिनिधि हम लोगों से समस्या तक पूछने नहीं आते हैं।
राम लाली कुशवाहा

कई इलाकों तक सडक़ नहीं पहुंची है। तो कई इलाकों में नाली ही नहीं है। इस कारण घरों का गंदा पानी सडक़ों पर आता है। आम जनता परेशान होती है।
अमित गुप्ता
वार्ड में कई इलाकों में पाइपलाइन बिछी है और कई इलाकों तक अभी पाइप लाइन नहीं बिछी है। पेयजल की समस्या का निदान अभी तक नहीं हुआ है। परेशानी हमेशा की तरह बनी ही है।
दीपक त्रिपाठी
हमारे घर के लोग सुबह से पानी के लिए परेशान होते हैं। कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
शकुंतला

पुरानी पक्की सडक़ को खोद कर पाइपलाइन डाली है लेकिन उसके बाद उसे बनाया नहीं गया है। इस कारण रात को दुर्घटना का डर रहता है।
मनीषिया
वार्ड में कई गलियों में नाली तक का निर्माण नहीं कराया गया है। कई बार वार्ड की जनता ने मिलकर समस्या बताई गई, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। वार्ड में जो भी गलियां हंै वे सभी टूटी हैं।
शिवम त्रिपाठी

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