सतना

सतना वार्ड क्रमांक-4: जहां अफसरों का बंगला, वहीं अवैध बस्ती का तमगा

दशकों से परेशान रहवासी, समस्याओं का नहीं हो रहा निराकरण

सतनाMay 05, 2018 / 01:55 pm

suresh mishra

Satna Nagar Nigam Ward No. 4 news in hindi

सतना। वार्ड चार में सिविल लाइन क्षेत्र का बड़ा हिस्सा आता है। वहां सतना के बड़े अफसरों का बंगला है। कलेक्टर, एसपी, निगमायुक्त, जज जैसे अधिकारियों का रहवास क्षेत्र है। उसके बाद भी इस क्षेत्र के रहवासी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। जहां अधिकारियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। सड़क, बिजली, पानी व नाली सहित हरियालीयुक्त वातावरण है। वहीं आम रहवासियों के लिए यही मूलभूत सुविधाएं दूर की कौड़ी है। आलम ये है कि पानी के लिए पूरा वार्ड भटकता है।
डिब्बा लेकर बच्चे दो-तीन किलोमीटर तक भटकते हैं। वार्ड का बड़ा हिस्सा अवैध है। हरिजन बस्ती के रहवासी कहते हैं, नेताओं के लिए हम केवल वोट बैंक हैं। चुनाव के बाद कोई आता नहीं है। इस स्थिति के पीछे सबसे बड़ा कारण है कि क्षेत्र का बड़ा हिस्सा अवैध है। वह भी उस क्षेत्र में जहां आला अफसर रहते हैं। दशकों से रहवासी इस पीड़ा को झेल रहे हैं। लेकिन, उनकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है।
मनमर्जी का विकास कार्य
इस क्षेत्र में विकास कार्य को लेकर भी निगम की मनमर्जी चलती है। निगम के अधिकारियों को जब मन करता है, तो क्षेत्र में विकास कार्य होते हैं। कभी किसी अधिकारी को नाराजगी हुई, तो वार्ड को अवैध बताकर विकास कार्य रोक दिया जाता है। ऐसी ही मनमर्जी का आलम है कि क्षेत्र के बड़े हिस्से में बिजली, सड़क, पानी व नाली के लिए जनता परेशान है। जबकि इस क्षेत्र से निगम संपत्तिकर वसूलता है।
राशि वसूल ली, पाइपलाइन नहीं बिछाई
इस वार्ड में जलावर्धन के तहत भी मनमानी हुई है। निगम के अधिकारियों ने बड़ा खेल किया है। रहवासी बताते हैं, जलावर्धन के नाम पर क्षेत्र से राशि वसूली गई। इसके बाद घरों में कनेक्शन तक दे दिए गए। लेकिन, जलावर्धन के तहत आज तक मुख्य पाइप लाइन नहीं बिछाई गई है। इस संबंध में कोई सुनने को तैयार नहीं है।
टूटे हैंडपंप, नाली न सीवर
वार्ड में जगह-जगह हैंडपंप लगाए गए हैं। लेकिन, उससे भी पानी नहीं मिल रहा है। जलस्तर नीचे चले जाने के कारण हैंडपंप हवा उगल रहे हैं। कई जगह टूटे पड़े हैं। घर के पानी की निकासी के लिए नाली का निर्माण कार्य भी नहीं करवाया गया। इससे सड़क पर पानी बहता है। गंदगी बजबजाती है। जल निकासी के लिए अभी तक व्यवस्था नहीं है।
ड्रम, डिब्बे से लाते हैं पानी
घरों में पेयजल व्यवस्था न होने के चलते महिलाएं रिक्शे में ड्रम व डिब्बे रखकर पानी के लिए इधर-उधर भटकती नजर आती हैं। वार्ड में 110 करोड़ की जलावर्धन योजना के तहत 13.5लाख लीटर का एक ओवर हेड टैंक भी बना है। बावजूद इसके निगम प्रशासन द्वारा रहवासियों को पानी नहीं उपलब्ध कराया जा रहा।
अनदेखी का शिकार पार्क
सिविल लाइन में बना ठाकुर रणमत सिंह पार्क भी निगम की अनदेखी का शिकार हो गया है। एक तरफ मास्टर प्लान के पार्क को सबसे बेहतर बनाने के लिए आए दिन कोई न कोई कार्य होते रहते हैं। लेकिन बस्ती के बीच पार्क को लेकर टालमटोल जारी है।
कभी भी हो सकता है हादसा
वार्ड में प्रकाश के लिए कुछ जगहों पर विद्युत पोल लगाए गए थे। वे भी अब टेढ़े हो गए हैं। तार नीचे की ओर झूल रही है। स्ट्रीट लाइट हर दूसरे दिन बंद रहती है। कई मर्तबा नगर निगम में शिकायत करने के बाद भी विद्युत व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया। झूलती तार व टेढ़े पोल से कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
खस्ताहाल सड़क
वार्ड के रहवासी क्षेत्र की सड़क गांव से ज्यादा खस्ताहाल है। कच्ची सड़क के चलते हल्की बरिश के दौरान पूरा मार्ग कीचड़ से पट जाता है। नगर निगम इस वार्ड से संपत्तिकर, जलकर सभी टैक्स वसूलता है। बुनियादी सुविधा देने के नाम पर जुमलेबाजी की जाती है।
मैं एमआइसी सदस्य भी हूं। किसी कार्य को करवाने के लिए निगम में कहो तो कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। हरिजन बस्ती को बेहतर बनाने के लिए एक रोडमैप भी हमने बनाकर निगम को दिया था। विद्युत पोल का सर्वे फाइल में दफन है।
शांति तिवारी, पार्षद
शहर का सबसे सुंदर वार्ड होने के बाद भी प्रमुख सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। मास्ट प्लान में जो प्रमुख नाला है, वह चोक है। नाले की सफाई नहीं होती, जिससे जीना दूभर है।
सुनील भसीन
वार्ड में कहने को सीवर लाइन व जलावर्धन लाइन पड़ गई है, लेकिन जो नाली है उसकी सफाई नहीं होती है। कई बार शिकायत करने के बाद भी स्थिति ज्यों कि त्यों है।
विमलेश त्रिपाठी
पौराणिक टोला हरिजन बस्ती के लोग पेयजल के लिए एक से दो किलोमीटर जाते हैं। ननि अधिकारियों से पार्षद के साथ मिले हैं, लेकिन कोई कार्य नहीं हुआ है।
पं. शैलेष शास्त्री

हरिजन बस्ती में कुछ भी नहीं है। निगम अधिकारियों से कहते हैं, तो वह कहते हैं कि यह बस्ती अवैध है। हमें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।
हिरनिया चौधरी
हम सिविल लाइन टंकी से पानी लाकर गुजारा करते हैं। हरिजन बस्ती में पांच सौ परिवार निवासरत हैं। हमारी समस्या न कोई सुनने वाला है और न इसका निदान करने वाला है।
विसनिया चौधरी

वार्ड में नाली न होने के कारण रात में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। शिकायत वार्ड पार्षद के अलावा कमिश्नर से की गई, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ है।
दूजिबाई
वार्ड में रात होते ही हमारी हरिजन बस्ती में अंधेरा छा जाता है। लाइट बनाने वाले आए लेकिन आज तक बिजली नहीं आई है। कई बार शिकायत की गई समस्या का निदान नहीं हुआ।
जानकी बाई
सड़क न बनने के कारण बरसात में पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। सड़क निर्माण कई बार पास हुआ, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ है।
छत्रधारी चौधरी

सीवर लाइन डालने के बाद उसे व्यवस्थित नहीं किया गया, जिस कारण आम जनता का पैदल चलना दूभर हो गया है। अमृत जलम का पानी हम लोगों के लिए नहीं है।
प्रेमकांत यादव
जलावर्धन की रसीद कटवाने के बाद भी आज तक पानी कनेक्शन नहीं मिल सका। कई बार इसको लेकर निगम का चक्कर लगा चुके हैं, कोई सुनने वाला नहीं है।
संतोष रैकवार

हम लोगों को पानी की नई योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। हम लोग दूर से पानी लाते हैं। कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई। इसके बाद भी पानी नहीं मिल रहा है।
बिट्टन चौधरी
नवीन कनेक्शन के लिए रसीद कटवाने के बाद भी कनेक्शन नहीं दिया गया है। कहा जाता है कि अवैध कालोनी होने के कारण आप सभी को सुविधाएं नहीं मिलेंगी।
चन्द्रकली

हमारी गली महापौर के निवास के पीछे होने के बाद भी हम लोग नरकीय जीवन जी रहे हैं। जब भी सड़क निर्माण की बात करते हैं तो वह उसे अवैध कालोनी बताती हैं। हम लोगों को आए दिन काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
राजेन्द्र पयासी

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