सतना

नगर निगम में हंगमा: आ खिर कौन हैं सतना की तारा देवी, जिसके नाम पर सदन में भिड़ गए पार्षद

नगर निगम परिषद का सामान्य सम्मिलन: नजीराबाद मुक्तिधाम का नाम तारादेवी करने का प्रस्ताव 18-22 मत से गिरा, सदन में विपक्ष का हमला, कहा-काम के एजेंडे लाइए जिस पर चर्चा हो

सतनाNov 18, 2022 / 02:43 am

Sonelal kushwaha

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सतना। नगर निगम परिषद का सामान्य सम्मिलन गुरुवार को निगम कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित किया गया। बैठक में तैयारी के साथ पहुंचे विपक्षी पार्षदों के तेवर शुरू से हमलावर रहे। जैसे ही परिषद अध्यक्ष राजेश चतुर्वेदी ने पहले प्रस्ताव पर चर्चा शुरू की, विपक्षी पार्षदों ने एक स्वर में एजेंडे का विरोध कर दिया। विपक्ष की ओर पहले एजेंडे नजीराबाद मुक्तिधाम का नामकरण तारादेवी के नाम करने पर असहमति जताई गई।
वार्ड 6 के पार्षद मिथलेश सिंह ने कहा कि नाम बदलने मात्र से शहर का विकास नहीं होगा। परिषद में एक भी एजेंडा ऐसा नहीं, जिस पर चर्चा की जाए। इसलिए हमारी मांग है कि सभी एजेंडे खारिज करते हुए अगली बैठक में विकास से संबंधित एजेंडे लाए जाएं। उन्हाेंने एजेंडों पर सवाल उठाते हुए कहा कि शहर की जनता सड़क, बिजली, पानी, सफाई के लिए परेशान है। स्मार्ट सिटी के नाम पर मनमानी कार्य किए जा रहे हैं। विपक्षी पार्षदों ने एक स्वर में कहा कि नाम बदलने से कुछ नहीं होगा, कुछ काम के मुद्दे लाएं, जिन पर सदन चर्चा कर सके।
तारादेवी के नाम पर भिड़े पार्षद

नजीराबाद मुक्तिधाम का नामकरण तारादेवी के नाम पर करने के प्रस्ताव पर पक्ष-विपक्ष आपस में भिड़ गए। विपक्षी पार्षदों ने कहा कि सतना शहर सामाजिक और धार्मिक सौहार्द के लिए जाना जाता है। यहां हिंदू बहुल्य इलाकों में मजार तो मुस्लिम काॅलोनियों में मुक्तिधाम बने हैं। आज तक किसी ने नाम बदलने का प्रस्ताव नहीं रखा। किसी समाज के कहने पर हम मुक्तिधाम का नाम तारादेवी नहीं कर सकते। विपक्षी पार्षदों ने कहा कि ऐसे मुद्दे सभी पार्षदों की सहमति के बाद ही परिषद में रखने चाहिए। कुछ पार्षदों ने कहा कि तारादेवी कौन हैं हम जानते ही नहीं। पहले इनके बारे में बताया जाए। इस बात को लेकर पक्ष और विपक्ष के पार्षदों के बीच आधा घंटे तक तीखी बहस हुई। इसके बाद भी जब नाम बदलने पर सर्वसम्मति नहीं बनी तो वोटिंग कराने का निर्णय लिया गया।
सदन में बहुमत भी नहीं आई कामनिगम अध्यक्ष को विश्वास था कि सदन में उनका बहुमत है, इसलिए वह वोटिंग से एजेंडों को पास करा लेंगे। इस उम्मीद के साथ उन्होंने मुक्तिधाम का नाम बदलने के एजेंडे पर हाथ उठाकर वोटिंग करने को कहा। वोटिंग हुई तो प्रस्ताव के पक्ष में 17 और विपक्ष में 22 वोट पड़े। इससे प्रस्ताव औंधे मुंह गिर गया। प्रस्ताव के पक्ष में महापौर योगेश ताम्रकार ने भी हाथ उठाया। इसके बावजूद 18 मत ही पक्ष को मिल सके। जबकि परिषद में भाजपा पार्षदों की संख्या 20 है। विपक्ष की एकता के सामने जब पहला प्रस्ताव गिर गया तो अध्यक्ष और महापौर के तेवर ठंडे पड़ते नजर आए।
सेवा बस्ती का प्रस्ताव पास

शहर की मलिन बिस्तयों का नाम सेवा बस्ती रखने के प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए विपक्षी पार्षदों ने कहा कि मलिन बस्तियों के लिए आने वाला बजट दूसरी बस्तियों में खर्च कर दिया जाता है। यहां की जनता आज भी नरकीय जीवन जी रही है। नाम बदलने मात्र से दलित बस्तियों की तस्वीर नहीं बदलेगी। इस पर काम भी करें। शोरशराबे के बीच भाजपा पार्षद अभिषेक तिवारी ने कहा कि सेवा बस्ती नाम रखने से दलित बस्तियों को सम्मान की नजर से देखा जाएगा। इस प्रस्ताव से किसी की धार्मिक आस्था भी आहत नहीं होगी, इसलिए इसे पास कर देना चाहिए। इस पर विपक्षी पार्षदों ने सवाल किया कि सभी मलिन बस्तियों के नाम सेवा बस्ती रखने से लोग कैसे जानेंगे कि किस बस्ती में जाना है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि हर मिलन बस्ती का अपना एक नाम होगा, जिसमें आगे सेवा बस्ती जोड़ा जाएगा। बस्ती का लोकल नाम वार्ड पार्षद और स्थानीय लोग प्रस्तावित करेंगे। जैसे अम्बेडकर सेवा बस्ती आदि।———-
इन प्रस्तावों को हरी झंडी- नगर निगम की दुकानों का प्रीमियम जमा न करने वाले दुकानदारों की राशि राजसात करते हुए दुकान का आवंटन निरस्त करने के पांच प्रस्ताव परिषद में रखे गए, जिन्हें सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।
– पुष्करिणी पार्क का नाम आचार्य विद्यासागर के नाम पर रखने के प्रस्ताव का सभी पार्षदाें ने समर्थन किया।- सेवा बस्ती का प्रस्ताव भी पास कर दिया गया।

– पार्कों के प्रवेश शुल्क को कम करने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया।- दिवाली पर शहर में लगने वाले फुटपाथ बाजार में बैठकी वसूली पर दस फीसदी की वृद्धि का प्रस्ताव पास कर दिया गया।
– दिवाली पर देसी उत्पाद को टैक्स फ्री करने का प्रस्ताव पास कर दिया गया।———-

चौपाटी का भ्रष्टाचार भी परिषद में छायाशहर के पार्कों में लगने वाले प्रवेश शुल्क के प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई तो विपक्ष के पार्षदों ने चौपाटी का मुद्दा उठाया। निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामकुमार तिवारी ने कहा कि पूर्व परिषद में चौपाटी निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के लिए जांच टीम गठित की थी। जांच टीम ने क्या जांच की, चौपाटी में कितने रुपए का भ्रष्टाचार हुआ और दोषियों पर क्या कार्रवाई की गई, इसकी जानकारी निगम आयुक्त परिषद को दें। इस पर आयुक्त ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। वह परिषद की अगली बैठक में इसकी पूरी जानकारी सदस्यों के सामने रखेंगे। बैठक में यह सहमति भी बनी कि चौपाटी को चौपाटी के रूप में विकसित किया जाए।
यह मुद्दे उठाए

एजेंडों पर चर्चा के बाद विपक्षी पार्षदों ने कई मुद्दे उठाए। वार्ड 4 के पार्षद अमित अवस्थी ने अवैध काॅलोनी का मुद्दा उठाते हुए शहर की सभी अवैध काॅलोनियों को वैध करने की मांग की। संपत्तिकर घटाते हुए शहर की जनता को टैक्स में राहत देने की मांग भी की गई। शहर में चल रहे सीवर लाइन के बेतरतीब विकास पर सवाल उठाते हुए पार्षदों ने खोदी गई सड़कों की तुरंत मरम्मत कराने की मांग की। पार्षदों ने कहा कि सड़क खराब होने से पूरा शहर परेशान है। इस पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए।
किसने क्या कहास्मार्ट सिटी के नाम पर इंजीनियर मनमानी कर रहे हैं। पार्षदों से यह भी नहीं पूछा जाता कि आपके वार्ड में क्या काम करना है। हम लोग सिर्फ नाली साफ करने एवं कचरा उठवाने का काम कर रहे हैं। निगम में पार्षदों की औकात सफाई दरोगा जैसी हो गई है।
रावेंद्र सिंह मिथलेश, पार्षद वार्ड 6

नाम बदलने मात्र से कुछ नहीं होगा। शहर विकास के काम करें, जिसके लिए जनता ने चुना है। आज की बैठक में ऐसा एक भी मुद्दा नहीं रहा जो शहर के विकास से संबंधित हो।
रजनी तिवारी, पार्षद वार्ड 31

आप भाजपा के पार्षद हैं, इसलिए आपके काम हो जाते हैं। हम लोगों की कोई नहीं सुनता। इसलिए बोलेंगे, आप चुप रहें।मीना माधव, पार्षद वार्ड 1

महापौर जी आप शहर को अपने हिसाब से चला रहे हैं। शहर आपकी मर्जी से नहीं चलेगा। सभी को साथ में लेकर चलिए।
मो रसीद, पार्षद वार्ड 38

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