सतना

एमपी के भ्रष्ट अफसरों में हड़कंप, पुराने एसडीएम सहित कई अधिकारियों-कर्मचारियों की कुंडली तलब

Satna arms act प्रदेश स्तर पर भी कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों की जानकारी जुटाई जा रही है जिससे प्रशासनिक हल्कों में हड़कंप मच गया है।

सतनाNov 27, 2024 / 01:51 pm

deepak deewan

Satna arms act

मध्यप्रदेश के सतना जिले में शस्त्र लाइसेंस में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया। 12 बोर के जो लाइसेंस केवल जिले के निवासियों को ही दिए जा सकते हैं, उनके लाइसेंस दूसरे राज्यों के लोगों को भी जारी कर​ दिए गए। कारतूसों के वितरण में भी जमकर गड़बड़ी की गई। प्रदेश के इस सबसे बड़े शस्त्र लाइसेंस घोटाले में लिप्त अफसरों पर अब शिकंजा कसा जा रहा है। शस्त्र लाइसेंस घोटाले में एसटीएफ ने अब जिमेदार अधिकारी-कर्मचारियों की जानकारी लेनी शुरू कर दी है। हाल में तत्कालीन संयुक्त कलेक्टर विनय जैन और तत्कालीन लिपिक अभयराज सिंह के बारे में विस्तृत जानकारी कलेक्टर से चाही गई है। प्रदेश स्तर पर भी कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों की जानकारी जुटाई जा रही है जिससे प्रशासनिक हल्कों में हड़कंप मच गया है।
दरअसल, एसटीएफ इकाई जबलपुर शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े में दर्ज अपराध क्रमांक 40/2020 धारा 420, 34 भादवि, 30 आयुध अधिनियम 1959 की विवेचना कर रही है। मामले में अब एसटीएफ धारा 466 और धारा 477ए (कपट पूर्वक दस्तावेज तैयार करना) बढ़ाने की दिशा में विवेचना कर रही है। इसे लेकर इकाई प्रभारी संतोष कुमार तिवारी ने कलेक्टर से तत्कालीन संयुक्त कलेक्टर विनय जैन और तत्कालीन शस्त्र शाखा लिपिक अभयराज सिंह के संबंध में जानकारी चाही है।
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यह जानकारी मांगी
एसटीएफ ने पूछा है कि क्या संयुक्त कलेक्टर विनय जैन वर्तमान में सेवानिवृत्त हो गए हैं? सेवा निवृत्ति कब और कहां हुई है? सेवा निवृत्ति के समय उनका वेतनमान क्या रहा? इसी तरह से लिपिक अभयराज के संबंध में पूछा गया है कि उन्हें सेवा से पृथक करने का अधिकार किस अधिकारी को है तथा किस पद से सेवानिवृत्त हुए हैं?
ये जानकारी नहीं दी
एसटीएफ इकाई जबलपुर ने बताया कि एसटीएफ को शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े के लिए शस्त्र लाइसेंस की मूल प्रतियों की दरकार है। इसमें 2003 सहित अन्य कार्यकाल की मूल नस्तियां शामिल हैं। अभी तक सतना से संबंधित अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं। इसे दोषियों को बचाया जाना भी माना जा सकता है।

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