दरअसल, एसटीएफ इकाई जबलपुर शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े में दर्ज अपराध क्रमांक 40/2020 धारा 420, 34 भादवि, 30 आयुध अधिनियम 1959 की विवेचना कर रही है। मामले में अब एसटीएफ धारा 466 और धारा 477ए (कपट पूर्वक दस्तावेज तैयार करना) बढ़ाने की दिशा में विवेचना कर रही है। इसे लेकर इकाई प्रभारी संतोष कुमार तिवारी ने कलेक्टर से तत्कालीन संयुक्त कलेक्टर विनय जैन और तत्कालीन शस्त्र शाखा लिपिक अभयराज सिंह के संबंध में जानकारी चाही है।
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एसटीएफ ने पूछा है कि क्या संयुक्त कलेक्टर विनय जैन वर्तमान में सेवानिवृत्त हो गए हैं? सेवा निवृत्ति कब और कहां हुई है? सेवा निवृत्ति के समय उनका वेतनमान क्या रहा? इसी तरह से लिपिक अभयराज के संबंध में पूछा गया है कि उन्हें सेवा से पृथक करने का अधिकार किस अधिकारी को है तथा किस पद से सेवानिवृत्त हुए हैं?
एसटीएफ ने पूछा है कि क्या संयुक्त कलेक्टर विनय जैन वर्तमान में सेवानिवृत्त हो गए हैं? सेवा निवृत्ति कब और कहां हुई है? सेवा निवृत्ति के समय उनका वेतनमान क्या रहा? इसी तरह से लिपिक अभयराज के संबंध में पूछा गया है कि उन्हें सेवा से पृथक करने का अधिकार किस अधिकारी को है तथा किस पद से सेवानिवृत्त हुए हैं?
ये जानकारी नहीं दी
एसटीएफ इकाई जबलपुर ने बताया कि एसटीएफ को शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े के लिए शस्त्र लाइसेंस की मूल प्रतियों की दरकार है। इसमें 2003 सहित अन्य कार्यकाल की मूल नस्तियां शामिल हैं। अभी तक सतना से संबंधित अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं। इसे दोषियों को बचाया जाना भी माना जा सकता है।
एसटीएफ इकाई जबलपुर ने बताया कि एसटीएफ को शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े के लिए शस्त्र लाइसेंस की मूल प्रतियों की दरकार है। इसमें 2003 सहित अन्य कार्यकाल की मूल नस्तियां शामिल हैं। अभी तक सतना से संबंधित अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं। इसे दोषियों को बचाया जाना भी माना जा सकता है।