आधार लिंक कराने के दौरान सामने आया मामला मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की दोपहर नागौद स्थित मध्यांचल बैंक की शाखा में एक महिला अपना आधार कार्ड लेकर खाते से लिंक कराने पहुंची। उसने बताया कि उसे समर्थन मूल्य पर पर उपज बेचना है। जिसका भुगतान आधार लिंक खाते में ही आना है। महिला ने बैंक कर्मियों को अपना नाम कुसुमकली कुशवाहा पति स्वामीदीन कुशवाहा निवासी पतवारा बताया। जब महिला द्वारा बताये गये खाते में उसके आधार कार्ड को बैंक कर्मी लिंक करने लगी तो साफ्टवेयर में बताया जाने लगा कि यह आधार कार्ड पहले से लिंक है। इस पर बैंक कर्मी ने महिला से पूछा कि आप का तो आधार कार्ड पहले से लिंक बता रहा है, किसी और बैंक में आपने लिंक कराया है? इस पर महिला ने बताया कि उसका किसी अन्य बैंक में खाता ही नहीं है इसलिए आधार कार्ड लिंक कराने का सवाल ही नहीं उठता। इस पर बैंक कर्मी चौंक गए।
पता किया तो चौंकाने वाला मामला सामने आया यह मामला बैंक कर्मियों ने ब्रांच मैनेजर शक्ति मरावी को बताया। इस पर ब्रांच मैनेजर ने इस कार्ड के संबंध में पता किया तो पाया कि यह बैंक मध्यांचल बैंक की कचलोहा ब्रांच से लिंक है। वहां से पता किया गया तो बताया गया कि इसी नंबर का आधार कार्ड लिंक तो है लेकिन वह किसी पुरुष का है। यह आधार कार्ड अंकुश बागरी पिता ओंकार बागरी के नाम से है जो पतवारा निवासी है। यह पता चलते ही बैंक मैनेजर भी भौचक रह गईं। क्योंकि दो लोगों के आधार कार्ड का एक ही नंबर नहीं हो सकता है।
कोई एक कार्ड गलत इस मामले में ई-गवर्नेंस सोसायटी के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि किसी भी स्थिति में दो लोगों के आधार नंबर एक नहीं हो सकते हैं। इसमें से कोई एक आधार कार्ड गलत है। संबंधित पोर्टल में आधार नंबर का पता करने पर जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार यह नंबर पुरुष का बता रहा है।
तो क्या फर्जीवाड़ा हुआ अब इस मामले में सवाल खड़ा हो गया है कि क्या कोई फर्जी तरीके से जिले में आधार कार्ड बना रहा है या कोई त्रुटि हुई है। लेकिन यह मामला जांच में ही सामने आएगा। इस मामले में नागौद बैंक की मैनेजर शक्ति मरावी से बात की गई तो उन्होंने यह तो स्वीकार किया कि दो लोगों के एक ही आधार नंबर का मामला पकड़ में आया है। लिहाजा दूसरे आधार नंबर को लिंक नहीं किया गया है। बाकी व्यावसायिक गोपनीयता की बात कहते हुए आगे जानकारी देने से इंकार कर दिया।