बता दें कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन राव भागवत चित्रकूट दौरे पर हैं। मंगलवार को चित्रकूट पहुंचे मोहन भागवत ने यहां आयुर्वेद की पंचकर्म पद्धति से इलाज करवाया। वहीं बुधवार 6 नवंबर को वे मानस मर्मज्ञ पंडित रामकिंकर उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह में भी शामिल हुए। यहां उन्होंने उपस्थित संघ कार्यकर्ताओं और संतों को संबोधित किया।
यहां पढ़ें मोहन भागवत के संबोधन के प्रमुख अंश
- डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि संतों के कार्य में बाधा न आए इसलिए द्वार पर डंडा लेकर बैठने का काम हमारा, संघ का है। दुनिया भारत को दबाने का प्रयास कर रही है।, लेकिन सत्य दबता नहीं है, समय आता है तो सिर चढ़कर बोलता है।
- उन्होंने कहा कि अयोध्या मंदिर के निर्माण पर कहा कि अयोध्या मंदिर निर्माण का प्रयास सभी ने किया लेकिन, गोवर्धन धारण तो कृष्ण की उंगली पर ही हुआ।
- डॉ. मोहन भागवत ने इस अवसर पर कहा कि शस्त्र दुनिया में चाहिए, पर धारण करने वाला राम भी चाहिए।
- अच्छे भोजन के बाद कड़वा चूर्ण के रूप में संतों के प्रवचन के बाद मेरी बात है, इससे जीवन सुधार सकता है।
- रामायण और महाभारत के मर्म पर मोहन भागवत ने बताया कि महाभारत हमें सिखाती है दुनिया कैसी है और रामायण से हमें सीख मिलती है कि यहां रहना कैसे है?