उपभोक्ता सह भंडार मटेहना की ओर से वार्ड 14 नईबस्ती में संचालित इस राशन दुकान से जुड़े गरीब परिवार दुकान संचालक की मनमानी व अव्यवस्था के शिकार हो रहे हैं। परेशान हितग्राही मामले की शिकायत कई बार कर चुके हैं पर संचालक के रसूख के आगे गरीबों की आवाज सुनाई नहीं दे रही। दोपहर में दुकान बंद होने के बाद भी कतार में बैठी महिलाओं ने बताया कि दुकान में लगभग 1700 हितग्राहियों के नाम जुड़े है। लेकिन, राशन 1200 को भी नहीं मिलता। दुकान संचालक महीने में सिर्फ दस दिन राशन वितरण करती हैं। इसलिए मारामारी मच रही है।
ऐसा राशन किस काम का
दुधमुंही बच्ची को गोद में लेकर सुबह छह बजे से राशन दुकान में बैठी सोनिया को जब दोपहर तक नहीं मिला तो वह निराश होकर घर लौटने लगी। पूछने पर बताया, सुबह इसलिए जल्दी आ गए थे कि राशन मिल जाए। लेकिन, दुकानदार ने सर्वर का बहाना बनाकर राशन नहीं दिया। मैं यहां राशन की दुकान में खड़ी हूं और बच्चे घर में भूखे बैठे हैं। हर माह की यही कहानी है। सरकार जनता को राशन दिलाए, नहीं तो दुकान बंद करा दे। ऐसा राशन किस काम का।
दुधमुंही बच्ची को गोद में लेकर सुबह छह बजे से राशन दुकान में बैठी सोनिया को जब दोपहर तक नहीं मिला तो वह निराश होकर घर लौटने लगी। पूछने पर बताया, सुबह इसलिए जल्दी आ गए थे कि राशन मिल जाए। लेकिन, दुकानदार ने सर्वर का बहाना बनाकर राशन नहीं दिया। मैं यहां राशन की दुकान में खड़ी हूं और बच्चे घर में भूखे बैठे हैं। हर माह की यही कहानी है। सरकार जनता को राशन दिलाए, नहीं तो दुकान बंद करा दे। ऐसा राशन किस काम का।
सर्वर डाउन है
राशन के लिए शनिवार की पूरी रात दुकान के बाहर इंतजार में बैठे रहे गरीब हितग्राहियों को उम्मीद थी कि शनिवार को सुबह 8 बजे दुकान खुलते ही उन्हें राशन मिल जाएगा। पर, ऐसा हुआ नहीं। दुकान संचालक दो घंटे की देरी से सुबह 10 बजे दुकान पहुंचीं और राशन वितरण शुरू हुआ। दो घंटे में लगभग 30-40 हितग्राहियों को राशन दिया गया। 12 बजते ही सेल्समैन ने यह कहते हुए राशन दुकान का शटर गिरा दिया कि सर्वर डाउन है, अब शाम को चार बजे दुकान खुलेगी। दुकान संचालक की इस मनमानी से रातभर दुकान के बाहर रतजगा करने के बाद भी आधा सैकड़ा महिलाओं को राशन नहीं मिला। कुछ महिलाएं सुबह छह बजे पहुंचीं। राशन की कतार खड़ी महिलाएं और बच्चे दुकान बंद होने के बाद भी चिलचिलाती धूप में भूखे-प्यासे दुकान के बाहर खड़े रहे कि शायद शाम को उन्हें राशन मिल जाए।
राशन के लिए शनिवार की पूरी रात दुकान के बाहर इंतजार में बैठे रहे गरीब हितग्राहियों को उम्मीद थी कि शनिवार को सुबह 8 बजे दुकान खुलते ही उन्हें राशन मिल जाएगा। पर, ऐसा हुआ नहीं। दुकान संचालक दो घंटे की देरी से सुबह 10 बजे दुकान पहुंचीं और राशन वितरण शुरू हुआ। दो घंटे में लगभग 30-40 हितग्राहियों को राशन दिया गया। 12 बजते ही सेल्समैन ने यह कहते हुए राशन दुकान का शटर गिरा दिया कि सर्वर डाउन है, अब शाम को चार बजे दुकान खुलेगी। दुकान संचालक की इस मनमानी से रातभर दुकान के बाहर रतजगा करने के बाद भी आधा सैकड़ा महिलाओं को राशन नहीं मिला। कुछ महिलाएं सुबह छह बजे पहुंचीं। राशन की कतार खड़ी महिलाएं और बच्चे दुकान बंद होने के बाद भी चिलचिलाती धूप में भूखे-प्यासे दुकान के बाहर खड़े रहे कि शायद शाम को उन्हें राशन मिल जाए।
कर दो शिकायत मैं किसी से नहीं डरती
सुबह दो घंटे तक राशन वितरित करने के बाद दोपहर को जैसे ही दुकान बंद हुई, सुबह से कतार में खड़े हितग्राहियों ने विरोध कर दिया। इस पर दुकान संचालक शिवराज कुमारी सिंह गरीब महिलाओं से अभद्रता करने लगी। उसने कहा, किसने कहा है कि राशन दुकान में भीड़ लगाओ। मैं एक दिन में सिर्फ 60 लोगों को ही राशन दूंगी। जिससे शिकायत करनी है कर दो, मैं किसी से नहीं डरती। मैं भीड़ को नहीं समझा सकती। व्यवस्था बनवानी है तो जाओ कलेक्टर को बुला लाओ।
सुबह दो घंटे तक राशन वितरित करने के बाद दोपहर को जैसे ही दुकान बंद हुई, सुबह से कतार में खड़े हितग्राहियों ने विरोध कर दिया। इस पर दुकान संचालक शिवराज कुमारी सिंह गरीब महिलाओं से अभद्रता करने लगी। उसने कहा, किसने कहा है कि राशन दुकान में भीड़ लगाओ। मैं एक दिन में सिर्फ 60 लोगों को ही राशन दूंगी। जिससे शिकायत करनी है कर दो, मैं किसी से नहीं डरती। मैं भीड़ को नहीं समझा सकती। व्यवस्था बनवानी है तो जाओ कलेक्टर को बुला लाओ।
चार दिन से राशन के लिए लाइन में लग रही हूं पर नंबर नहीं आया। आज उम्मीद थी कि राशन मिल जाएगा। लेकिन, नंबर आने से पहले ही दुकान बंद कर दी। क्या करें…, शिकायत करने पर मैडम गाली देती है। इसलिए हम मजबूर हैं। कुछ नहीं कर सकते।
मुन्नी चौरसिया, हितग्राही
मुन्नी चौरसिया, हितग्राही
सेल्समैन की मनमानी से सभी हितग्राही परेशान हैं। दिनभर दुकान के बाहर कतार में खड़े होने के बाद भी जब राशन नहीं मिलता तो वे रात में दुकान के बाहर बैठने को मजबूर हो जाते हैं। शासन से 30 दिन दुकान खोलने के निर्देश हैं पर यह दुकान 10 दिन भी नहीं खुलती।
शारदा कुशवाहा, हितग्राही
शारदा कुशवाहा, हितग्राही
बूढ़ा आदमी हूं। चार दिन से दुकान के चक्कर लगा रहा हूं। कई बार दुकान संचालक के सामने हाथ जोड़े पर वह किसी की नहीं सुनती। सुबह 200 लोग लाइन में लगते हैं। 50 लोगों को गल्ला बांटती है। इससे दिनभर लाइन में खड़े होने के बाद भी अधिकांश को खाली हाथ लौटना पड़ता है।
हरिशंकर जायसवाल, हितग्राही
हरिशंकर जायसवाल, हितग्राही
उपभोक्ता भंडार मटेहना के खिलाफ कई शिकायतें मिल चुकी हैं। यदि वह समय पर दुकान नहीं खोलती और हितग्राहियों से अभद्रता करती है तो यह गंभीर मामला है। अधिकारियों को भेजकर मनमानी की जांच कराऊंगा। यदि गलती की है तो कार्रवाई की जाएगी।
केके सिंह, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी
केके सिंह, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी