तुरंत मृतक के परिजनों को सूचना देकर मामले की लापापोती शुरू कर दी गई। सूत्रों की माने तो जेल प्रशासन ने अगर कैदी को तुरंत उपचार के लिए अस्पताल ले जाती तो शायद जान बच सकती थी। जेल से अस्पताल पहुंचने की कोरम पूर्ति में जिम्मेदारों ने देरी कर दी और एक कैदी की मौत हो गई। इधर जेल विभाग के जिम्मेदारों ने घटना की प्राथमिक जांच शुरू कर दी है।
ये है पूरा मामला
मिली जानकारी के मुताबिक प्रदीप चौरासिया पिता राम प्रकाश चौरासिया (35) निवासी महसांव थाना गुढ़ जिला रीवा को 5 माह पहले 379 के मामले में मैहर जेल में बंद किया गया था। जहां मंगलवार की सुबह अचानक सीने में दर्द उठा। जेल से अस्पताल ले जाने के लिए जेल प्रशासन ने कोरम पूर्ति शुरू की तो वह सीरियस हो गया। सिविल अस्पताल में पहुंचने के बाद जैसे ही चिकित्सकों ने नब्ज टटोली तो मौत हो गई। कयास लगाए जा रहे है कि जेल प्रशासन अस्पताल पहुंचने में देरी कर दी और कैदी की मौत हो गई।
मिली जानकारी के मुताबिक प्रदीप चौरासिया पिता राम प्रकाश चौरासिया (35) निवासी महसांव थाना गुढ़ जिला रीवा को 5 माह पहले 379 के मामले में मैहर जेल में बंद किया गया था। जहां मंगलवार की सुबह अचानक सीने में दर्द उठा। जेल से अस्पताल ले जाने के लिए जेल प्रशासन ने कोरम पूर्ति शुरू की तो वह सीरियस हो गया। सिविल अस्पताल में पहुंचने के बाद जैसे ही चिकित्सकों ने नब्ज टटोली तो मौत हो गई। कयास लगाए जा रहे है कि जेल प्रशासन अस्पताल पहुंचने में देरी कर दी और कैदी की मौत हो गई।
ह्रदयघात से मौत
जेल सूत्रों की मानें तो ह्रदयघात से प्रदीप चौरासिया की मौत हुई है। सुबह के वक्त ही सीने में दर्द की शिकायत जेल प्रशासन को प्रदीप ने की थी। लेकिन जिम्मेदारों ने गंभीरता से नहीं लिया। इसलिए सिविल अस्पताल मैहर ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। मृतक के परिजनों को जेल प्रशासन द्वारा सूचना दी गई है। अब मृतक के परिजन इस मामले पर क्या कहते है आने वाले कल में पता चलेगा।
जेल सूत्रों की मानें तो ह्रदयघात से प्रदीप चौरासिया की मौत हुई है। सुबह के वक्त ही सीने में दर्द की शिकायत जेल प्रशासन को प्रदीप ने की थी। लेकिन जिम्मेदारों ने गंभीरता से नहीं लिया। इसलिए सिविल अस्पताल मैहर ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। मृतक के परिजनों को जेल प्रशासन द्वारा सूचना दी गई है। अब मृतक के परिजन इस मामले पर क्या कहते है आने वाले कल में पता चलेगा।