कैसे हुई मौत
बता दें कि, मध्यप्रदेश सरकार योजनाओं के जरिए करोड़ों रुपए निराश्रित वृद्धजनों नि:शक्तजनों के लिए भेजती है। लेकिन अमानवीयता की हद्द पार तब हो जाती है जब सरकारी खजाने में पैसे होने के बावजूद हितग्राहियों को नहीं मिलते और भूख से उनकी मौत हो जाती है। वृद्ध रघुनाथ की वृद्ध पत्नी रामबाई मंदिर आश्रम जाकर अपना पेट तो भर आती थी। लेकिन बीमार रघुनाथ पैसे के अभाव में ईलाज नहीं करा पा रहा था। रघुनाथ भूख के कारण चलने फिरने से मोहराज था। पेट भरने भीख और भंडारे नहीं जाता था। भूख से बिलखते हुए घर में ही पड़ा रहता था। नतीजतन तीन दिन पहले रघुनाथ ने दम तोड़ दिया।
बता दें कि, मध्यप्रदेश सरकार योजनाओं के जरिए करोड़ों रुपए निराश्रित वृद्धजनों नि:शक्तजनों के लिए भेजती है। लेकिन अमानवीयता की हद्द पार तब हो जाती है जब सरकारी खजाने में पैसे होने के बावजूद हितग्राहियों को नहीं मिलते और भूख से उनकी मौत हो जाती है। वृद्ध रघुनाथ की वृद्ध पत्नी रामबाई मंदिर आश्रम जाकर अपना पेट तो भर आती थी। लेकिन बीमार रघुनाथ पैसे के अभाव में ईलाज नहीं करा पा रहा था। रघुनाथ भूख के कारण चलने फिरने से मोहराज था। पेट भरने भीख और भंडारे नहीं जाता था। भूख से बिलखते हुए घर में ही पड़ा रहता था। नतीजतन तीन दिन पहले रघुनाथ ने दम तोड़ दिया।
30 वर्ष पूर्व एक आईएएस अफसर ने की थी स्थापना
परिवार से उपेक्षित बुजुर्ग दूर-दूर से भगवान राम की स्थली आकर डेरा डाल देते थे। 30 वर्ष पूर्व एक आईएएस अफसर ने प्रमोदवन में वृद्धाश्रम की स्थापना की थी और इन निराश्रित बुजुर्गों को पक्के मकान बनाकर बसा दिया। एक सोसायटी इसे संचालित करती थी। कुछ दिन बाद विवाद हुआ तो जिला प्रशासन ने टेकओवर कर सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन विभाग को जिम्मेदारी दे दी। विभाग आश्रम के वृद्धजनों को जीवको-पार्जन राशि के साथ कई सुविधाएं मुहैया कराता था। लेकिन 6 माह से सब कुछ अचानक क्यों बन्द कर दिया गया समझ बसे परे है।
परिवार से उपेक्षित बुजुर्ग दूर-दूर से भगवान राम की स्थली आकर डेरा डाल देते थे। 30 वर्ष पूर्व एक आईएएस अफसर ने प्रमोदवन में वृद्धाश्रम की स्थापना की थी और इन निराश्रित बुजुर्गों को पक्के मकान बनाकर बसा दिया। एक सोसायटी इसे संचालित करती थी। कुछ दिन बाद विवाद हुआ तो जिला प्रशासन ने टेकओवर कर सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन विभाग को जिम्मेदारी दे दी। विभाग आश्रम के वृद्धजनों को जीवको-पार्जन राशि के साथ कई सुविधाएं मुहैया कराता था। लेकिन 6 माह से सब कुछ अचानक क्यों बन्द कर दिया गया समझ बसे परे है।