– सरकार के काम के दावे के बीच एंटी एन्कमबेंसी को कैसे देखते हैं?
सरकार ने अधोसंरचना विकास के जो वादे किए थे उसमें सड़कों का जाल फैल चुका है। बिजली प्रत्येक गांव में पहुंच चुकी है। पीने के पानी की व्यवस्था हो चुकी है। सिंचाई के लिए बरगी को ३ साल में ले ही आएंगे। शिक्षा के क्षेत्र में अब स्कूलों की कोई नई मांग नहीं है। उन्नयन की बात है तो वह भी कराया जाएगा। तकनीकी शिक्षा के लिए इस बार क्षेत्र में अलग से प्रयास किए जाएंगे। भाजपा सरकार ने ही सतना से नागौद और पन्ना तक के लिए रेलवे लाइन का काम शुरू करा दिया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। लिहाजा, एंटी एन्कमबेंसी जैसा मामला नहीं है। पीएम आवास से लोगों को उनका खुद का घर मिला है।
सरकार ने अधोसंरचना विकास के जो वादे किए थे उसमें सड़कों का जाल फैल चुका है। बिजली प्रत्येक गांव में पहुंच चुकी है। पीने के पानी की व्यवस्था हो चुकी है। सिंचाई के लिए बरगी को ३ साल में ले ही आएंगे। शिक्षा के क्षेत्र में अब स्कूलों की कोई नई मांग नहीं है। उन्नयन की बात है तो वह भी कराया जाएगा। तकनीकी शिक्षा के लिए इस बार क्षेत्र में अलग से प्रयास किए जाएंगे। भाजपा सरकार ने ही सतना से नागौद और पन्ना तक के लिए रेलवे लाइन का काम शुरू करा दिया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। लिहाजा, एंटी एन्कमबेंसी जैसा मामला नहीं है। पीएम आवास से लोगों को उनका खुद का घर मिला है।
– पठार के लोगों को आपका इंतजार है?
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बड़े पैमाने पर क्षेत्र में फैले हुए हैं। जितने चुनाव लड़े इतनी ज्यादा संख्या में मुझे कभी कार्यकर्ता मिले नहीं। इसके बाद भी हम वहां जा रहे हैं। कहीं जाओ तो उन्हें समय देकर समझाओ। नाटक करके वोट मांगना मेरी फितरत में नहीं है। ठोस बात करने में लोगों से मिलने में समय लग रहा है। इसलिए देर हुई है।
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बड़े पैमाने पर क्षेत्र में फैले हुए हैं। जितने चुनाव लड़े इतनी ज्यादा संख्या में मुझे कभी कार्यकर्ता मिले नहीं। इसके बाद भी हम वहां जा रहे हैं। कहीं जाओ तो उन्हें समय देकर समझाओ। नाटक करके वोट मांगना मेरी फितरत में नहीं है। ठोस बात करने में लोगों से मिलने में समय लग रहा है। इसलिए देर हुई है।
– नाराजगी से कैसे निपटेंगे?
नाराजगी का कोई आधार मुझे नहीं दिख रहा है। उपलब्धियां सरकार की इतनी ज्यादा हैं कि नाराजगी का प्रश्न नहीं। अगर कोई नाराजगी होगी तो विधायक के विरुद्ध होगी।
नाराजगी का कोई आधार मुझे नहीं दिख रहा है। उपलब्धियां सरकार की इतनी ज्यादा हैं कि नाराजगी का प्रश्न नहीं। अगर कोई नाराजगी होगी तो विधायक के विरुद्ध होगी।
– 72 साल में भी सक्रियता का राज क्या है?
कुछ प्राकृतिक देन और परमात्मा की कृपा है कि हाथ पैर चल रहा और दिमाग भी चल रहा है। सबसे बड़ी ताकत जनता का उत्साह है। जब भ्रमण करता हूं तो सौ-डेढ़ सौ युवा साथ चलते हैं तो उनकी ऊर्जा देखकर स्वत: भी ऊर्जा आ जाती है। पूरा चुनाव युवा वर्ग लड़ रहा है। सुबह सात बजे से शुरुआत करते हैं।
कुछ प्राकृतिक देन और परमात्मा की कृपा है कि हाथ पैर चल रहा और दिमाग भी चल रहा है। सबसे बड़ी ताकत जनता का उत्साह है। जब भ्रमण करता हूं तो सौ-डेढ़ सौ युवा साथ चलते हैं तो उनकी ऊर्जा देखकर स्वत: भी ऊर्जा आ जाती है। पूरा चुनाव युवा वर्ग लड़ रहा है। सुबह सात बजे से शुरुआत करते हैं।
– तीन हिस्सों में बंटे क्षेत्र में सबसे मजबूत स्थिति कहां पा रहे हैं?
पहले की स्थिति देखें तो उचेहरा से हर बार मजबूत रहते थे। लेकिन इस बार जो क्षेत्र हमारे कमजोर रहते थे वहां भी स्थितियां बेहतर देखने को मिल रही हैं।
पहले की स्थिति देखें तो उचेहरा से हर बार मजबूत रहते थे। लेकिन इस बार जो क्षेत्र हमारे कमजोर रहते थे वहां भी स्थितियां बेहतर देखने को मिल रही हैं।
– जीतने के बाद क्या करेंगे?
परसमनिया पठार में काफी संभावनाएं हैं। इसे पर्यटन, रोजगार सहित अन्य सुविधाओं से जोड़कर निवासियों का जीवन स्तर सुधारना प्राथमिकता होगा। इसके साथ लघु उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, फूलों की खेती सहित अन्य कृषि आधारित उद्योगों पर भी फोकस किया जाएगा। बरगी के कैचमेंट में होने के बाद भी श्यामनगर बांध को जल स्तर बढ़ाने के लिये तैयार करवाया जाएगा। इसे लेकर विरोधियों द्वारा लगातार भ्रम फैलाया जाता है।
परसमनिया पठार में काफी संभावनाएं हैं। इसे पर्यटन, रोजगार सहित अन्य सुविधाओं से जोड़कर निवासियों का जीवन स्तर सुधारना प्राथमिकता होगा। इसके साथ लघु उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, फूलों की खेती सहित अन्य कृषि आधारित उद्योगों पर भी फोकस किया जाएगा। बरगी के कैचमेंट में होने के बाद भी श्यामनगर बांध को जल स्तर बढ़ाने के लिये तैयार करवाया जाएगा। इसे लेकर विरोधियों द्वारा लगातार भ्रम फैलाया जाता है।
जनता के लिए लड़ा, इसलिए सबका साथ मिलेगा: यादवेन्द्र
– आप किस मुद्दे के साथ चुनाव मैदान में हैं?
नागौद विधानसभा के गैर सिंचित इलाकों को सिंचाई से परिपूर्ण करने के लिए कांग्रेस ने बरगी नहर योजना तैयार की थी। लेकिन भाजपा सरकार ने निजी हितों के कारण इसे समय सीमा में पूरा नहीं होने दिया। इस बार कांग्रेस आती है तो हर हाल में पूरा करवाकर क्षेत्र की जनता को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराएंगे। बरगी हमारा सबसे मुख्य मुद्दा है। इसके अलावा बाणसागर की अरकंडी से आने वाली १४८९ करोड़ की योजना जिससे 214 गांवों को पानी मिलना है उसे पूरा कराएंगे।
– आप किस मुद्दे के साथ चुनाव मैदान में हैं?
नागौद विधानसभा के गैर सिंचित इलाकों को सिंचाई से परिपूर्ण करने के लिए कांग्रेस ने बरगी नहर योजना तैयार की थी। लेकिन भाजपा सरकार ने निजी हितों के कारण इसे समय सीमा में पूरा नहीं होने दिया। इस बार कांग्रेस आती है तो हर हाल में पूरा करवाकर क्षेत्र की जनता को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराएंगे। बरगी हमारा सबसे मुख्य मुद्दा है। इसके अलावा बाणसागर की अरकंडी से आने वाली १४८९ करोड़ की योजना जिससे 214 गांवों को पानी मिलना है उसे पूरा कराएंगे।
– पांच साल में कई काम न होने से लोगों में नाराजगी है?
ऐसा नहीं है। हमने जनता की हर आवाज को उठाया और उसके लिए लड़े। धरना प्रदर्शन तक किया। सदन में मामला उठाया। अटरा में अस्पताल खुलवाया। पोड़ी में थाना की स्वीकृति, उचेहरा में नियमित एसडीएम बैठाया। अमकुई बांध का पानी और नल जल योजना का पानी नागौद तक लाया जा रहा है। इसके अलावा क्षेत्र के तमाम काम से जनता खुद परिचित है।
ऐसा नहीं है। हमने जनता की हर आवाज को उठाया और उसके लिए लड़े। धरना प्रदर्शन तक किया। सदन में मामला उठाया। अटरा में अस्पताल खुलवाया। पोड़ी में थाना की स्वीकृति, उचेहरा में नियमित एसडीएम बैठाया। अमकुई बांध का पानी और नल जल योजना का पानी नागौद तक लाया जा रहा है। इसके अलावा क्षेत्र के तमाम काम से जनता खुद परिचित है।
– भाजपा की बगावत से आपको नुकसान है?
जी नहीं। हमें कोई नुकसान नहीं है। पहले भाजपा प्रत्याशी ही उन्हें आगे बढ़ाते रहे और बैकअप दिया। उन्हें पहले आश्वस्त किया गया। अब टिकट से वंचित कर दिया गया। इसलिए नुकसान उनको होगा। बगावत और भितरघात तो उनके लिए चुनौती है। हमारा हर कार्यकर्ता और नेता एक आवाज और कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और पार्टी के लिए काम कर रहा है। इसका परिणाम आगे दिखेगा।
जी नहीं। हमें कोई नुकसान नहीं है। पहले भाजपा प्रत्याशी ही उन्हें आगे बढ़ाते रहे और बैकअप दिया। उन्हें पहले आश्वस्त किया गया। अब टिकट से वंचित कर दिया गया। इसलिए नुकसान उनको होगा। बगावत और भितरघात तो उनके लिए चुनौती है। हमारा हर कार्यकर्ता और नेता एक आवाज और कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है और पार्टी के लिए काम कर रहा है। इसका परिणाम आगे दिखेगा।
– विपक्ष में रहने से काम प्रभावित होने का परिणाम क्या देखते?
हमने पूरी मेहनत की, जिसे जनता ने देखा। विपक्ष में होना मायने नहीं रखता है। महत्वपूर्ण होता है कि जनता के काम के लिऐ आप किस हद तक लड़ते हैं। जो मैंने किया है। इसलिये परिणाम हमारे पक्ष में ही होगा।
हमने पूरी मेहनत की, जिसे जनता ने देखा। विपक्ष में होना मायने नहीं रखता है। महत्वपूर्ण होता है कि जनता के काम के लिऐ आप किस हद तक लड़ते हैं। जो मैंने किया है। इसलिये परिणाम हमारे पक्ष में ही होगा।
– प्रचार अभियान की शुरुआत कैसे करते हैं?
सुबह उठकर भगवान की पूजा अर्चना के बाद प्रचार में निकलते हैं। सुबह ही दिनभर का प्लान बना लिया जाता है। उसके अनुसार निकल पड़ते हैं। रात ९ बजे तक जनसंपर्क होता है। कभी-कभी स्नेहियों के यहां और देर भी हो जाती है। रास्ते में ही खाना हो जाता है तो कभी-कभी लोगों के बीच भी भोजन कर लेते हैं।
सुबह उठकर भगवान की पूजा अर्चना के बाद प्रचार में निकलते हैं। सुबह ही दिनभर का प्लान बना लिया जाता है। उसके अनुसार निकल पड़ते हैं। रात ९ बजे तक जनसंपर्क होता है। कभी-कभी स्नेहियों के यहां और देर भी हो जाती है। रास्ते में ही खाना हो जाता है तो कभी-कभी लोगों के बीच भी भोजन कर लेते हैं।
– तीन हिस्सों में बंटे क्षेत्र में सबसे मजबूत स्थिति कहां पा रहे हैं?
हम हर जगह से मजबूत है। जनता ने हमारा काम देखा है। लगातार जनता के बीच रहे हैं। इसलिये इस बार हमें सभी स्थानों से सकारात्मक स्थिति नजर आ रही है।
हम हर जगह से मजबूत है। जनता ने हमारा काम देखा है। लगातार जनता के बीच रहे हैं। इसलिये इस बार हमें सभी स्थानों से सकारात्मक स्थिति नजर आ रही है।
– जीतने के बाद क्या करेंगे?
परसमनिया पठार में बेरोजगारी बड़ी समस्या है। खनन बंद होने से यहां के लोगों की समस्या बढ़ी है। इसे प्राथमिकता से देखेंगे। पठार में पेयजल की समस्या है। उसे भी इस बार दूर कर दिया जाएगा। यहां के लोगों को सिंचाई, उन्नत खेती और औद्योगिक विकास के दिशा में काम करेंगे।
परसमनिया पठार में बेरोजगारी बड़ी समस्या है। खनन बंद होने से यहां के लोगों की समस्या बढ़ी है। इसे प्राथमिकता से देखेंगे। पठार में पेयजल की समस्या है। उसे भी इस बार दूर कर दिया जाएगा। यहां के लोगों को सिंचाई, उन्नत खेती और औद्योगिक विकास के दिशा में काम करेंगे।