मंगलवार को नैक पीयर टीम ने महाविद्यालय की सेफ्टी, दिव्यांग छात्रों के लिए रैंप, टाॅयलेट, पेयजल एवं समितियों के बैठने की व्यवस्था का मूल्यांकन किया। टीम के चेयर पर्सन डाॅ. दिवाकर चंद्रा ने कहा कि अमूमन सरकारी कॉलेजों में बच्चे पढ़ना नहीं चाहते, लेकिन इस महाविद्यालय में 15 हजार छात्र अध्ययन कर रहे हैं।
यह महाविद्यालय की विशेष उपलिब्ध है। कॉलेज कैंपस में छात्र संख्या के अनुसार कैंटीन की व्यवस्था नहीं है। इस कॉलेज में पढ़ने वाले अधिकांश छात्र गांवों से आते हैं। उनके रहने के लिए हाॅस्टल एवं खाना के लिए कॉलेज कैंपस में सर्वसुविधायुक्त कैंटीन होनी चाहिए। यह बात और है कि छात्रों को सस्ते दर पर नाश्ता और भोजन उपलब्ध है।
रिसर्च सेंटर के लैब में उपकरण नहीं
नैक टीम ने स्वशासी महाविद्यालय के पीएचडी रिसर्च सेंटर का निरीक्षण किया। यहां लैब में आवश्यकता के अनुसार उपकरण कम मिले। टीम ने लैब में उपकरण की व्यवस्था कर इसे अत्याधुनिक बनाने पर जोर दिया। मूल्यांकन कार्य के अंतिम चरण में महाविद्यालय में एग्जिट मीटिंग आयोजित की गई। इसमें पीयर टीम के सदस्यों ने अपने सुझाव दिए। डा. दिवाकर ने कहा कि यहां प्राध्यापक एवं कर्मचारियों में अच्छा तालमेल है। इसलिए शैक्षणिक गतिविधियाें में अच्छा कार्य हो रहा है।
डाॅ. के वेणुगोपल ने कहा कि महाविद्यालय परिसर में हॉस्टल और कर्मचारियों के लिए आवास की व्यवस्था होनी चाहिए। डाॅ. हाउध मोहिदीन ने कहा कि महाविद्यालय में और अधिक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की आवश्यकता है। जगह बहुत है, फलदार पौधे लगाए जा सकते हैं। एनसीसी एवं एनएसएस के छात्रों से पौधरोपण कराया जाए। इस दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. आरएस गुप्ता, डाॅ शिवेश सिंह, डाॅ केके सिंह, डाॅ गौहर खान मुख्य रूप से उपिस्थत रहीं। नैक की टीम द्वारा आइक्यूएसी के सदस्य डाॅ. सुशील शर्मा, आरपी यादव, हरेश्वर राय, अवधेशकांत सोनी, मो.इरशाद खान द्वारा की गई तैयारियों की प्रशंसा की गई।