सतना

मैहर सिविल अस्पताल में डिलीवरी के बाद बवाल, परिजनों ने लगाया बच्चा बदलने का आरोप

सिविल अस्पताल मैहर में डिलेवरी के बाद लड़का-लड़की के फेर में बवाल, परिजनों का आरोप-स्टाफ ने बदला बच्चा, तीन सदस्यीय टीम कर रही जांच

सतनाSep 12, 2019 / 05:06 pm

suresh mishra

Maihar Civil Hospital after delivery Ruckus in satna

सतना/ सिविल अस्पताल मैहर में बुधवार दोपहर डिलेवरी के बाद लड़का-लड़की के फेर में जमकर बवाल हुआ। परिजनों का आरोप था कि लड़का पैदा हुआ है । स्टाफ ने बदल कर लड़की थमा दिया। अस्पताल प्रबंधन परिजनों के आरोप को खारिज कर रहा था। लेकिन परिजन मानने को तैयार नहीं थे। सोशल मीडिया पर बच्चा बदलने की खबर वायरल होने लगी।
तब जिला स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की गई। नकतरा निवासी पंकज चौधरी ने बताया कि पत्नी सुमित्रा चौधरी को 11 सितंबर सुबह 4 बजे प्रसव पीड़ा हो रही थी। उसे झटके भी आ रहे थे। हालत को देखते हुए कॉल कर 108 एम्बुलेंस बुलाई।
6 बजे सुबह सिविल अस्पताल मैहर के प्रसव कक्ष में भर्ती कराया गया। सुमित्रा प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। मेरी मां में लेबर रूम में स्टॉफ नर्स हेमलता सिंह कुशवाहा के पास पहुंची। बोली मैडम जल्दी चलिए डिलवेरी हो रही है। स्टाफ नर्स हेमलता एक अन्य स्टॉफ श्यामा के साथ देखने पहुंची। तभी मां ने बाहर आकर दवाईयों की पर्ची दी और बताया कि बेटा हुआ है। पर्ची लेकर दवा लेने बाजार चला गया। लौटकर आया तो पता चला कि नवजात को एनबीएसयू में भर्ती कराया गया है।
इसके बाद मैं अपने रिश्तेदार के यहां चला गया। दोपहर में लौटकर आया तो पता चला कि अस्पताल में बवाल हो रहा है। मुझे लड़के की जगह लड़की थमा दी गई। विवाद के बीच प्रबंधन दावा करता रहा कि लड़की पैदा हुई है। लेकिन परिजन मानने को तैयार नहीं थे। उनका आरोप था कि किसी ने जानबूझकर बच्च बदल दिया। सुमित्रा ने लड़के को जन्म दिया है। परिजन शाम तक अस्पताल में विवाद करते रहे।
देररात सीएमएचओ को सौंपा जांच प्रतिवेदन
बच्चा बदलने की शिकायत पर तीन सदस्यीय टीम ने आनन-फानन मामले की जांच शुरू की। देर रात तक एनबीएसयू, लेबर रूम में तैनात स्टाफ को तलब किया गया। सभी के बयान दर्ज किए गए। जांच अधिकारी डॉ वीके गौतम ने प्रतिवेदन में अभिमत दिया कि सुमित्रा चौधरी ने लड़की को जन्म दिया है। अस्पताल में नवजात की अदला-बदली नहीं हुई है।
परिजनों ने डीएनए जांच से किया इनकार
जांच टीम ने सीएमएचओ डॉ अशोक कुमार अवधिया को प्रतिवेदन सौंपने के पहले नवजात के नहीं बदलने की पुख्ता पुष्टि के लिए परिजनों से डीएनए जांच कराने कहा। लेकिन परिजनों ने डीएनए जांच कराने से इंकार कर दिया। जांच अधिकारी ने प्रतिवेदन में इसे भी उल्लेख किया है।
सोशल मीडिया में वायरल हुई प्रबंधन की लापरवाही
प्रबंधन की लापरवाही सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। तब सीएमएचओ ने सिविल अस्पताल प्रभारी डॉ. सोमप्रकाश पांडेय को जांच के निर्देश दिए। प्रभारी ने डॉ. वीके गौतम, राजेंद्र पयासी सहित एक अन्य को जांच का जिम्मा सौंपा। टीम ने आनन-फानन में मामले की जांच आरंभ की। परिजनों के बयान दर्ज किए। लेबर रूम स्टॉफ नर्स हेमलता सिंह कुशवाहा, एनबीएसयू स्टाफ नर्स नीलम पटेल सहित अन्य को तलब कर बयान लिए गए। जांच टीम खबर लिखे जाने तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई थी। देर रात तक जांच चल रही।

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