सतना

पूरे महीने करें नदी या फिर गंगा में स्नान बराबर मिलेगा पुण्य, माघ में तप और उपवास का है विशेष महत्व

माघ मास प्रारंभ: गंगा नदी में स्नान कर करे भगवान श्रीकृष्ण की पूजा

सतनाJan 22, 2019 / 06:33 pm

suresh mishra

magh mahine me snan ka mahatva kyo karte hai ganga me snan

सतना। कुंभ नगरी में पुण्य कमाने के साथ ही तीर्थराज प्रयाग में गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन स्थल पर कल्पवास का मेला वैसे तो पौष पूर्णिमा से शुरू हो रहा है। लेकिन हिंदू धर्म का सबसे पवित्र मास यानी की माघ महीना 22 जनवरी, मंगलवार से प्रारंभ हो रहा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, माघ मास स्नान, तप व उपवास के लिए श्रेष्ठ माना गया है। कहते है कि इस महीने में यदि विधिपूर्वक भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। माघ मास में विधिपूर्वक भगवान श्रीकृष्ण की पूजा से पहले सुबह तिल, जल, फूल, कुश लेकर इस प्रकार संकल्प लेना चाहिए।
इस तरह करें पूजा
1- सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण का स्वच्छ पानी से अभिषेक करें। अबीर, गुलाल, चंदन, चावल आदि चढ़ाएं। गाय के शुद्ध घी का दीपक लगाएं।
2- भगवान श्रीकृष्ण को घर में शुद्धतापूर्वक बने पकवानों का भोग लगाएं। उसमें तुलसी के पत्ते जरूर डालें।
3- इस तरह पूरे माघ मास में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से दुख दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
4- माघ मास की ऐसी महिमा है कि इसमें जहां कहीं भी जल हो, वह गंगाजल के समान होता है, फिर भी प्रयाग, काशी, नैमिषारण्य, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार तथा अन्य पवित्र तीर्थों और नदियों में स्नान का बड़ा महत्व है।
ऊं तत्सत् अद्य माघे मासि कृष्णपक्षे प्रतिपदा तिथिमारभ्य मकरस्त रविं यावत् अमुकगोत्र (अपना गोत्र बोलें) अमुकशर्मा (अपना पूरा नाम बोलें) वैकुण्ठनिवासपूर्वक श्रीविष्णुप्रीत्यर्थं प्रात: स्नानं करिष्ये।


ये प्रार्थना करें
दु:खदारिद्रयनाशाय श्रीविष्णोस्तोषणाय: च।
प्रात:स्नानं करोम्यद्य माघे पापविनाशनम्।
मकरस्थे रवौ माघे गोविन्दाच्युत माधव।
स्नानेनानेन मे देव यथोक्तपलदो भव।।
दिवाकर जगन्नाथ प्रभाकर नमोस्तु ते।
परिपूर्णं कुरुष्वेदं माघस्नानं महाव्रतम्।
माघमासमिमं पुण्यं स्नानम्यहं देव माधव।
तीर्थस्यास्य जले नित्यं प्रसीद भगवन् हरे।।

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