सतना

कामतानाथ मंदिर को अधिनियम में लाने का रास्ता साफ, अब विधायक के पाले में गेंद

मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट मंदिर विधेयक 2019 से आसान हुआ मामला

सतनाDec 22, 2019 / 06:31 pm

suresh mishra

kamtanath temple chitrakoot: Madhya Pradesh Specified Temple Bill 2019

सतना/ प्रदेश सरकार ने मध्यप्रदेश विनिर्दिष्ट मंदिर विधेयक 2019 पारित कर दिया है। इस कानून के बनने के बाद से अब किसी मंदिर के लिए अलग से अधिनियम नहीं बनाना पड़ेगा। इस कानून के बाद से अब सभी मंदिर इसके दायरे में आ गए हैं। इससे अब अलग-अलग मंदिरों के प्रबंधन के लिए नए-नए अधिनियम बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस विधेयक के बाद अब चित्रकूट के सुप्रसिद्ध कामतानाथ मंदिर को भी अधिनियम में लाने की राह आसान हो गई है। व्यापक जनहित को देखते हुए कामतानाथ मंदिर को अधिनियम में लाने की गेंद विधायक के पाले में आ गई है। उधर कामतानाथ मंदिर को अधिनियम में लाने की मांग को लेकर चल रही भूख हड़ताल प्रशासन के आश्वासन के बाद समाप्त हो गई है। इसमें प्रशासन ने कहा कि शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
चित्रकूट स्थित कामतानाथ मंदिर सहित अन्य प्रमुख और धार्मिक महत्व के स्थलों को एक अधिनियम में लाने की मांग चित्रकूट में जोर पकड़ चुकी है। स्थानीय जनों का आरोप है कि यहां के महंत और बाबा मंदिरों में आने वाले चढ़ावे और दान का दुरुपयोग कर रहे हैं। इस आय से वे अपने लिए संपत्तियां तैयार कर रहे हैं। जनहित में इस राशि का कोई उपयोग नहीं हो रहा है।
नतीजा, लाखों की संख्या में यहां आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। मामले को लेकर गत दिवस स्थानीय जन कामतानाथ मंदिर के सामने भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। स्थिति को गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने यह आश्वासन देते हुए हड़ताल समाप्त कराई कि शीघ्र की शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
मैहर मंदिर समिति की बदलेगी व्यवस्था
नए विधेयक के बाद अब मैहर शारदा मंदिर की शारदा प्रबंध समिति की व्यवस्था बदलेगी। यहां की ट्रस्ट कमेटियां अब खत्म होंगी। इसके साथ ही नए विधेयक के तहत एक नई संचालन समिति होगी। जिसके अध्यक्ष कलेक्टर होंगे। समिति में पुलिस अधीक्षक, नगरीय निकाय के आयुक्त, सीएमओ, जिले में कार्यरत द्वितीय श्रेणी स्तर के चार अधिकारी, सरकार से नामित दो पुजारी, दो अशासकीय धर्म पूजा विधान के जानकार, दो अशासकीय सदस्य और सरकार से विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। समिति सदस्यों को हटाने का भी प्रावधान रखा गया है। मानसिक संतुलन बिगडऩे पर, कोर्ट से सजा मिलने पर, मंदिर के विरुद्ध क्रिया कलाप, छुआछूत को बढ़ावा देने पर सदस्य को हटाने का प्रावधान रहेगा।
विधायक पर बढ़ी जिम्मेदारी
व्यापक जनहित और चित्रकूट के स्थानीय जनों की मांग को देखते हुए विधायक पर जिम्मेदारी बढ़ गई है। नया विधेयक लागू होने के बाद अब विधायक इस दिशा में पहल कर सकते हैं और चित्रकूट के विकास और विस्तार के लिये प्रयास किये जा सकते हैं। हालांकि इस मामले में विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने कहा है कि स्थानीय जनों ने चर्चा कर जनहित की दिशा में हर संभव कदम उठाए जाएंगे।

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