चोरियों में भी कई बार अवैध वेंडरों का नाम सूत्रों के अनुसार, ट्रेनों में चोरियों में भी कई बार अवैध वेंडरों का नाम आया। यात्रियों का सामान चुराने के मामले में कई वेंडरों पर कार्रवाई की चुकी है। रेलवे स्टेशन में यात्रियों को खान-पान सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रेलवे ने दो ठेकेदारों को खान-पान स्टॉलों का ठेका दिया। दो दर्जन वेंडरों को खाद्य सामग्री बेचने के लिए वैध किया गया, बाकी सभी खाद्य सामग्री बेचने वाले अवैध हैं। इसके अलावा कई बार वैध और अवैध वेंडरों के बीच मारपीट भी हो चुकी है।
गर्मी में चांदी ही चांदी
गर्मी के मौसम में अवैध वेंडरों की चांदी हो जाती है। सतना स्टेशन में लाखों रुपए का पानी बिक जाता है वो भी मनमाने रेट पर। बताया गया कि सतना जंक्शन से रोजाना 180 ट्रेनें गुजरती हैं। इसके चलते गाडि़यों से लेकर सभी प्लेटफॉर्मों में हर वक्त हजारों की सख्या में यात्री मौजूद होते हैं। अवैध वेंडर यात्रियों को मनमाने दाम में सामान बेच रोजाना हजारों की कमाई करते हैं।
गर्मी के मौसम में अवैध वेंडरों की चांदी हो जाती है। सतना स्टेशन में लाखों रुपए का पानी बिक जाता है वो भी मनमाने रेट पर। बताया गया कि सतना जंक्शन से रोजाना 180 ट्रेनें गुजरती हैं। इसके चलते गाडि़यों से लेकर सभी प्लेटफॉर्मों में हर वक्त हजारों की सख्या में यात्री मौजूद होते हैं। अवैध वेंडर यात्रियों को मनमाने दाम में सामान बेच रोजाना हजारों की कमाई करते हैं।
15 का पानी 25 में 5 की चाय 10 में व 15 का पानी 25 में लेना यात्रियों की मजबूरी होती है। आमतौर पर जब स्टेशन में ट्रेन नहीं रहती है, तो उस समय अवैध वेंडर कम ही दिखाई देते हैं। जैसे ही ट्रेन आकर खड़ी होती है करीब आधा सैकड़ा अवैध वेंडर स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर पहुंच जाते हैं। कभी-कभी तो अवैध वेंडरों द्वारा यात्रियों से अभद्रता तक की जाती है।
वैध-अवैध में फर्क करना मुश्किल
स्टेशन में वैध-अवैध वेंडर पर फर्क करना यात्रियों के लिए बहुत मुश्किल है। बीते दिनों आरपीएफ ने कुछ अवैध वेंडरों को पकड़ा था, जो यूनीफॉर्म में खाद्य सामग्री बेच रहे थे। बताया जाता है कि बाहर की टीम आने से पहले ही अवैध वेंडर गायब हो जाते हैं। ट्रेन आने पर ये वेंडर सबसे पहले पटरी पर उतर रेलवे नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं फिर यात्रियों को मनमाने रेट पर सामान बेचते हैं।
स्टेशन में वैध-अवैध वेंडर पर फर्क करना यात्रियों के लिए बहुत मुश्किल है। बीते दिनों आरपीएफ ने कुछ अवैध वेंडरों को पकड़ा था, जो यूनीफॉर्म में खाद्य सामग्री बेच रहे थे। बताया जाता है कि बाहर की टीम आने से पहले ही अवैध वेंडर गायब हो जाते हैं। ट्रेन आने पर ये वेंडर सबसे पहले पटरी पर उतर रेलवे नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं फिर यात्रियों को मनमाने रेट पर सामान बेचते हैं।
जेब ढीली किए बगैर नहीं मिलता ठंडा पानी
दिनोंदिन गर्मी बढ़ रही है, लेकिन यात्रियों के लिए स्टेशन में ठंडे पानी के इंतजाम गायब हैं। यदि कोई यात्री बिना पैसा खर्च कर रेलवे के शीतल जल से अपना गला तर करना चाहता है तो उसे ठंडे पानी की तलाश में भटकना पड़ सकता है। स्टेशन में वाटर कूलर चालू नहीं होने से यात्रियों को ठंडा पानी नसीब नहीं हो रहा। पांच रुपए में एक लीटर ठंडा पानी देने के दावे के साथ शुरू की गईं वाटर वेंडिंग मशीनें भी चालू-बंद हो रही हैं। इसके चलते यात्रियों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा।
दिनोंदिन गर्मी बढ़ रही है, लेकिन यात्रियों के लिए स्टेशन में ठंडे पानी के इंतजाम गायब हैं। यदि कोई यात्री बिना पैसा खर्च कर रेलवे के शीतल जल से अपना गला तर करना चाहता है तो उसे ठंडे पानी की तलाश में भटकना पड़ सकता है। स्टेशन में वाटर कूलर चालू नहीं होने से यात्रियों को ठंडा पानी नसीब नहीं हो रहा। पांच रुपए में एक लीटर ठंडा पानी देने के दावे के साथ शुरू की गईं वाटर वेंडिंग मशीनें भी चालू-बंद हो रही हैं। इसके चलते यात्रियों को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा।
पानी खरीदकर पीने के लिए मजबूर स्टेशन में भले ही नलों से ठंडा पानी नहीं निकल रहा लेकिन बोतलबंद पानी हर जगह मौजूद है। गर्मी से झुलसते प्यासे यात्रियों को मजबूरी में 20 रुपए का एक लीटर पानी खरीदना पड़ रहा है। जो बॉटल का पानी खरीदने में सक्षम नहीं होते वे सादे व गुनगुने पानी से ही काम चला रहे हैं। बताया गया कि रेलवे प्रशासन इस समस्या को दूर करने में गंभीर नहीं है। हजारों यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। रेलवे स्टेशन पर यही कमी यात्रियों को पानी खरीदकर पीने के लिए मजबूर करती है।
ट्रेन आते ही टूट पड़ती है भीड़
स्टेशन में ट्रेन आने पर उन वाटर प्वॉइंट पर भीड़ उमड़ती है जहां शीतल जल के बोर्ड लगे हैं। लेकिन ज्यादातर जगहों पर यात्रियों को निराश होना पड़ रहा है। बताया गया कि सामाजिक संस्थाओं द्वारा दिए गए वाटर कूलर एेसी जगह लगे हैं जो ट्रेन के यात्रियों को नजर नहीं आते। शुक्रवार की दोपहर मुम्बई-हावड़ा ट्रेन के सतना पहुंचने पर यही नजारा देखने को मिला। यात्री कमलेश बापट ने बताया कि ट्रेन के अंदर वेंडर सादा पानी की बोतल ठंडी बताकर 20 रुपए में बेच रहे हैं।
स्टेशन में ट्रेन आने पर उन वाटर प्वॉइंट पर भीड़ उमड़ती है जहां शीतल जल के बोर्ड लगे हैं। लेकिन ज्यादातर जगहों पर यात्रियों को निराश होना पड़ रहा है। बताया गया कि सामाजिक संस्थाओं द्वारा दिए गए वाटर कूलर एेसी जगह लगे हैं जो ट्रेन के यात्रियों को नजर नहीं आते। शुक्रवार की दोपहर मुम्बई-हावड़ा ट्रेन के सतना पहुंचने पर यही नजारा देखने को मिला। यात्री कमलेश बापट ने बताया कि ट्रेन के अंदर वेंडर सादा पानी की बोतल ठंडी बताकर 20 रुपए में बेच रहे हैं।