मामला तूल पकडऩे पर लोक शिक्षण संचालनालय ने यहां शिक्षकों की पदस्थापना पर रोक लगाते हुए जांच के निर्देश जारी किए थे। जांच में मिला, डीइओ की पदस्थापना में त्रुटियां हैं। यहां पदस्थापना में अनियमितता के कारण कुछ विषयों में अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना तथा कुछ में निर्धारित से कम संख्या में शिक्षकों की पदस्थापना हुई है।
ये है मामला
इस पर आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत ने अब मापदंडों का ब्यौरा देते हुए उसके अनुसार पदस्थापना के निर्देश जारी किए हैं। यह प्रक्रिया 30 दिसंबर तक पूरी करने कहा गया है। आयुक्त लोक शिक्षण ने डीइओ को बताया कि व्यंकट-1 में की गई काउंसलिंग से शिक्षकों की पदस्थापना पर जांच पूर्ण होने तक रोक लगाई गई थी। जांच समिति की रिपोर्ट एवं प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर पूर्व में डीइओ द्वारा की गई पदस्थापना में त्रुटियां मिली हैं।
इस पर आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत ने अब मापदंडों का ब्यौरा देते हुए उसके अनुसार पदस्थापना के निर्देश जारी किए हैं। यह प्रक्रिया 30 दिसंबर तक पूरी करने कहा गया है। आयुक्त लोक शिक्षण ने डीइओ को बताया कि व्यंकट-1 में की गई काउंसलिंग से शिक्षकों की पदस्थापना पर जांच पूर्ण होने तक रोक लगाई गई थी। जांच समिति की रिपोर्ट एवं प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर पूर्व में डीइओ द्वारा की गई पदस्थापना में त्रुटियां मिली हैं।
41 पद स्वीकृत
अगस्त 2018 में उत्कृष्ट उमावि व्यंकट क्रमांक 1 के लिए 41 पद स्वीकृत किए गए थे साथ ही निर्देश दिए गए थे कि 2013 के सेटअप तथा शाला में पढ़ाए जा रहे विषयों एवं विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर विषयमान से पदों का वितरण किया जाए। लेकिन पाया गया कि विषयमान के अनुसार समुचित वितरण नहीं किया गया है। जिससे कुछ विषयों में अतिरिक्त पदस्थापना तथा कुछ में कम पदस्थापना हुई है।
अगस्त 2018 में उत्कृष्ट उमावि व्यंकट क्रमांक 1 के लिए 41 पद स्वीकृत किए गए थे साथ ही निर्देश दिए गए थे कि 2013 के सेटअप तथा शाला में पढ़ाए जा रहे विषयों एवं विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर विषयमान से पदों का वितरण किया जाए। लेकिन पाया गया कि विषयमान के अनुसार समुचित वितरण नहीं किया गया है। जिससे कुछ विषयों में अतिरिक्त पदस्थापना तथा कुछ में कम पदस्थापना हुई है।
यह होगी प्रक्रिया
परीक्षा के माध्यम से चयनित एवं पदस्थ शिक्षकों के लिए जिन शिक्षकों को हटाया जाना है उन्हें तय संख्या के अनुसार पदस्थ शिक्षकों को जो मेरिट क्रम में निचले स्तर पर होंगे उन्हें हटाया जाएगा। इन शिक्षकों को काउंसलिंग की प्रक्रिया में दिए गए क्रम में उनकी सहमति से अन्य उत्कृष्ट अथवा माडल स्कूल में भेजा जाएगा अथवा पूर्व की संस्था में पदस्थ किया जाएगा। यदि यह पद रिक्त न हो तो अन्य स्कूल में पदस्थ किया जाए। कुल स्वीकृत 41 पदों में 29 पद मान्य न होने पर 12 पद रिक्त बचेंगे।
परीक्षा के माध्यम से चयनित एवं पदस्थ शिक्षकों के लिए जिन शिक्षकों को हटाया जाना है उन्हें तय संख्या के अनुसार पदस्थ शिक्षकों को जो मेरिट क्रम में निचले स्तर पर होंगे उन्हें हटाया जाएगा। इन शिक्षकों को काउंसलिंग की प्रक्रिया में दिए गए क्रम में उनकी सहमति से अन्य उत्कृष्ट अथवा माडल स्कूल में भेजा जाएगा अथवा पूर्व की संस्था में पदस्थ किया जाएगा। यदि यह पद रिक्त न हो तो अन्य स्कूल में पदस्थ किया जाए। कुल स्वीकृत 41 पदों में 29 पद मान्य न होने पर 12 पद रिक्त बचेंगे।
इस तरह होगी पदस्थापना
व्यंकट 1 में स्वीकृत 41 पदों के लिए विषयमान से वितरण जो तय किया गया है उसमें गणित के 4 पद, जीव विज्ञान के 4, भौतिकी 3, रसायन 3, पशुपालन 1, फसल उत्पादन 1, विज्ञान एवं गणित के मूल तत्व 1, इतिहास 2, राजनीतिक विज्ञान 2, समाज शास्त्र 1, लेखा शास्त्र 1, व्यावसायिक अध्ययन 1, व्यावसायिक अर्थशास्त्र 1, अंग्रेजी 7, सां संस्कृत 2, हिन्दी 6 तथा ओल्ड वोकेशनल के लिये 1 पद स्वीकृत होगा।
व्यंकट 1 में स्वीकृत 41 पदों के लिए विषयमान से वितरण जो तय किया गया है उसमें गणित के 4 पद, जीव विज्ञान के 4, भौतिकी 3, रसायन 3, पशुपालन 1, फसल उत्पादन 1, विज्ञान एवं गणित के मूल तत्व 1, इतिहास 2, राजनीतिक विज्ञान 2, समाज शास्त्र 1, लेखा शास्त्र 1, व्यावसायिक अध्ययन 1, व्यावसायिक अर्थशास्त्र 1, अंग्रेजी 7, सां संस्कृत 2, हिन्दी 6 तथा ओल्ड वोकेशनल के लिये 1 पद स्वीकृत होगा।
रिक्त पदों के लिए यह व्यवस्था
विषयमान से रिक्त पदों में जिन पदों के लिए परीक्षा के माध्यम से चयनित शिक्षक उपलब्ध हैं, प्रथमत: उनकी काउंसलिंग होगी। इसके बाद शिक्षक पदस्थ किए जाएंगे। इससे रिक्त पदों के लिये व्यंकट 1 में पूर्व से पदस्थ ऐसे शिक्षक जिन्होंने परीक्षा नहीं दी अथवा फेल हो गए उन पर विचार किया जाएगा। जिस विषय का पद रिक्त रह जाएगा उस विषय के पद पर सबसे पहले व्याख्याता फिर वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक को पद की वरिष्ठता क्रम में रखा जाएगा।
विषयमान से रिक्त पदों में जिन पदों के लिए परीक्षा के माध्यम से चयनित शिक्षक उपलब्ध हैं, प्रथमत: उनकी काउंसलिंग होगी। इसके बाद शिक्षक पदस्थ किए जाएंगे। इससे रिक्त पदों के लिये व्यंकट 1 में पूर्व से पदस्थ ऐसे शिक्षक जिन्होंने परीक्षा नहीं दी अथवा फेल हो गए उन पर विचार किया जाएगा। जिस विषय का पद रिक्त रह जाएगा उस विषय के पद पर सबसे पहले व्याख्याता फिर वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक को पद की वरिष्ठता क्रम में रखा जाएगा।
स्वीकृत से अतिरिक्त के लिए
काउंसलिंग के माध्यम से अन्य विद्यालयों में रिक्त पदों पर पदस्थ किया जाएगा। व्याख्याता व वरिष्ठ अध्यापक का पद समकक्ष है इसलिए रिक्त दोनों में से किसी पर पदस्थापना की जा सकती है। हटाए जाने वाले शिक्षकों को हाई अथवा हायर सेकंडरी विद्यालय में पदस्थ करने कहा गया है।
काउंसलिंग के माध्यम से अन्य विद्यालयों में रिक्त पदों पर पदस्थ किया जाएगा। व्याख्याता व वरिष्ठ अध्यापक का पद समकक्ष है इसलिए रिक्त दोनों में से किसी पर पदस्थापना की जा सकती है। हटाए जाने वाले शिक्षकों को हाई अथवा हायर सेकंडरी विद्यालय में पदस्थ करने कहा गया है।