बता दें कि, जिले के टिकुरिया गांव में बीते 6 सितंबर से अब तक कई ग्रामीण उल्टी, दस्त और बुखार की पीड़ा से जूझ रहे हैं। हालात ये हैं कि, इसी के बाद से गांव में अब तक 4 लोगों की मौत भी हो चुकी है, जबकि 6 अन्य अस्पताल में भर्ती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अचानक एक ही समस्या से ग्रस्त लोगों की जान तक जाने के बाद प्रशासनिक पड़ताल में सामने आया कि, गांव का जमीनी पानी दूषित है, जिसके चलते यहां के करीब 5 हैंडपंप सील भी किए गए हैं, जिसका इस्तेमाल गांव के 800 लोग पेयजल के रूप में करते थे। जांच टीम का मानना है कि, गांव में एक प्रकार का संक्रमण फैल रहा है। फिलहाल, इसकी बारीकी से जांच की जा रही है।
इस संबंध में सतना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल के तिवारी ने एक न्यूज एजेंसी को जानकारी देते हुए कहा कि, ‘हमें संदेह है कि टिकुरिया गांव में वायरल संक्रमण फैला हुआ है। हमारी ओर से जांच टीम के अधिकारियों को सील किए गए हैंडपंप के पानी के नमूने लेने और बैक्टीरिया आदि के संबंध में जांच कराने को कहा है।’
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अबतक इतनी मौतें
गांव के रहने वाले 45 वर्षीय राजा कोल नामक ग्रामीण के संबंध में बताते हुए डॉ. एल के तिवारी ने कहा कि, 6 सितंबर को उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायत के चलते उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से अगले दिन उसकी हालत स्थिर लगने पर छुट्टी दे दी गई। लकिन, घर जाने के कुछ देर बाद ही 7 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इसके अलावा 10 वर्षीय राज कोल नाम के बालक में भी यही लक्षण 8 सितंबर को सामने आए, लेकिन घर वाले उसे अस्पताल लेकर पहुंचते इससे पहले ही रास्ते में उसकी मौत हो गई। रविवार को 90 वर्षीय केमला कोल और 80 वर्षीय दुअसिया कोल बाई की भी इसी तरह मौत हो गई।’
अस्पताल में भर्ती ये लोग
इसी के साथ साथ टिकुरिया में ही रहने वाले 9 वर्षीय सतीश कोल, 4 वर्षीय अमित कोल, 2 वर्षीय दुर्गा कोल, 9 वर्षीय रागिनी कोल, 9 वर्षीय नीरज कोल और 50 वर्षीय चंदू कोल अस्पताल में भर्ती हैं। फिलहाल, इनमें से अधिकतर की हालत में सुधार हो रहा है, जबकि दो की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
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गांव में तैनात की गई मेडिकल टीम
एक अन्य अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गांव जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर है, जहां की स्थियों पर नजर रखने के लिए मेडिकल टीम को गांव में ही तैनात कर दिया गया है। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों की मौत हुई है और जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं, वे कोल जनजाति से हैं जो मुख्य रूप से मध्य प्रदेश में रहते हैं, जबकि महाराष्ट्र और ओडिशा के कुछ हिस्सों में भी वो बड़ी आबादी में रहते हैं।