भाकियू का कहना है कि किसान और कृषि पर यह समझौता मुक्त व्यापार समझौते से भी अधिक नुकसानदेह साबित होगा। समझौते में शामिल 15 में से भारत सहित 11 देश व्यापार घाटे से जूझ रहे हैं। इसमें किसानों के लिए लाभ की कोई उम्मीद नहीं है। प्रदेशाध्यक्ष जगदीश ङ्क्षसह ने कहा कि कई देश भारत में अपनी कृषि उपज को खपाने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्र सरकार किसान विरोधी नीतियां लेकर आ रही है। जिलाध्यक्ष इंद्रजीत पाठक ने कहा कि केंद्र सरकार के इस समझौते से हमारे देश के किसानों के अनाज की कोई कीमत ही नहीं रह जाएगी। मौके पर भाकियू के महासचिव महेन्द्र सिंह, ठाकुर प्रसाद, कमलेश्वर सिंह, रामकृष्ण पाण्डेय, सुरेन्द्र सिंह, डीआर सिंह, रामायण सिंह, रामविश्वास सिंह, बृजेन्द्र प्रताप, लालमन, राजकुमार सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।