बताया गया कि 4 साल पहले आदिवासी बाहुल्य इस इलाके में शासकीय जमीन पर कब्जा नहीं था।वीरपुर पटवारी हल्के में जब से धारकुण्डी अस्पताल बन गया है। उसके बाद से यहां जमीन कारोबारी सक्रिय हो गए थे और और अस्पताल से लगी सरकारी आराजी में अवैध कब्जे शुरू कर दिये गए थे।
कुछ लोगों ने मुख्य मार्ग के किनारे ही पक्का निर्माण कर दुकानें आदि भी बना ली थी। यहीं पर गौशाला और हेलीपैड के लिए भी जमीन आरक्षित की गई थी। लेकिन कुछ लोगों ने इस जमीन को भी नहीं छोड़ा था। जिस पर स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की थी। जिस पर कलेक्टर ने एसडीएम को यह अवैध कब्जा खाली कराने के निर्देश दिए थे।
एसडीएम के नेतृत्व में हुई कार्रवाई
बुधवार को एसडीएम मझगवां एचके धुर्वे के नेतृत्व में तहसीलदार मझगवां नितिन झोंड़ सहित राजस्व अमला और धारकुंडी थाना पुलिस मौके पर पहुंची। टीम ने यहां अवैधानिक तरीके से बने मकानों पर जेसीबी चलवाकर धराशायी करवा दिया। हालांकि कुछ लोग यहां अपनी आपत्ति जताने भी पहुंचे लेकिन उनकी नहीं सुनी गई।
बुधवार को एसडीएम मझगवां एचके धुर्वे के नेतृत्व में तहसीलदार मझगवां नितिन झोंड़ सहित राजस्व अमला और धारकुंडी थाना पुलिस मौके पर पहुंची। टीम ने यहां अवैधानिक तरीके से बने मकानों पर जेसीबी चलवाकर धराशायी करवा दिया। हालांकि कुछ लोग यहां अपनी आपत्ति जताने भी पहुंचे लेकिन उनकी नहीं सुनी गई।
जमीन पर थी निगाह
बताया गया है कि क्षेत्रीय लोगों की मांग पर जिला प्रशासन ने वीरपुर पटवारी हल्के के आराजी नंबर 382 /1 रकबा 4 .357 हैक्टेयर पर कुछ लोगों की निगाहें थी। इसमें कुछ जनप्रतिनिधियों का भी वरदहस्त भी रहा।
बताया गया है कि क्षेत्रीय लोगों की मांग पर जिला प्रशासन ने वीरपुर पटवारी हल्के के आराजी नंबर 382 /1 रकबा 4 .357 हैक्टेयर पर कुछ लोगों की निगाहें थी। इसमें कुछ जनप्रतिनिधियों का भी वरदहस्त भी रहा।