डैम निर्माण का हो चुका है टेण्डर मिली जानकारी के अनुसार दौरी सागर बांध का टेण्डर हो चुका है और जल्द ही निविदा कंपनी भी चिन्हित कर ली जाएगी। ऐसे में निर्माण कार्य प्रारंभ होने के पहले जल संसाधन विभाग के एसीएस एसएन मिश्रा मौका मुआयना करने सतना पहुंचे। यहां से वे मझगवां के देवलहा पहुंचे। यहां से वे डैम के निर्माण स्थल तक गए। निर्माण स्थल तक रास्ता नहीं होने पर उन्होंने लगभग एक किलोमीटर तक का रास्ता पैदल तय किया। पहले सतना कलेक्टर रह चुके मिश्रा मौके तक पहुंचने के लिये भी पहचाने जाते हैं। यहां पहुंच कर जब उन्होंने देखा कि पयस्वनी नदी पर जहां डैम बनाया जाना है वह स्थल दो पहाड़ियों के बीच है तो इस पर उन्होंने संतोष जताया।
500 हैक्टेयर का कैचमेंट एरिया बताया गया है कि इस बांध का कैच मेंट एरिया लगभग 500 हैक्टेयर का होगा। इसमें 200 हैक्टेयर के लगभग वन भूमि है। डैम के डूब एरिया में आने वाली वन भूमि के बदले राजस्व भूमि से अदला बदली की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इसके लिये राजस्व विभाग ने अपनी जमीनों की जानकारी दे दी है। अब वन विभाग इन जमीनों का मुआयना कर अदला बदली के लिये जमीन चिन्हित करेगा।
शुरू होगा भू-अर्जन इस डैम में काफी निजी जमीन भी डूब में आने वाली है। लिहाजा डैम निर्माण पूरा होने के पहले ही भू-अर्जन प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश एसीएस मिश्रा ने दिये। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि कलेक्टर से मिलकर इस प्रक्रिया को प्रारंभ करवाएं।
नये-पुराने कलेक्टर साथ-साथ एसीएस एसएन मिश्रा पहले सतना कलेक्टर रह चुके हैं। लिहाजा उनके लिए यह जिला कोई नया नहीं है। इसके अलावा भी वे लगातार यहां के लोगों के संपर्क में भी रहते आए हैं। इस निरीक्षण में उनके साथ वर्तमान कलेक्टर अनुराग वर्मा भी मौजूद रहे। एसीएस ने सतना दौरे में दौरी सागर से संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों का भी भ्रमण किया। यहां नये और पुराने कलेक्टर साथ-साथ रहे और ग्रामीणों को एक दूसरे का परिचय भी इसी अंदाज में देते नजर आए। इस दौरान एसीएस ने अपने कलेक्टर कार्यकाल के रामनगर गोली कांड और चित्रकूट ग्रामोदय कांड की यादें भी ताजा की। उनके कार्यकाल में रामपुर बाघेलान में पदस्थ रहे एसडीएम पीएस त्रिपाठी की बाढ़ के दौरान जीवटता से भी अवगत कराया।