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सतना

Satna: गरीबी और कुपोषण से जूझते मझगवां की लाइफ लाइन बनेगा दौरी सागर बांध

227 करोड़ के दौरी सागर बांध निर्माण की सभी बाधाएं दूर
एसीएस जल संसाधन ने किया निर्माण स्थल का निरीक्षण
दो पहाड़ियों के बीच पयस्वनी नदी में बनेगा डैम

सतनाOct 13, 2022 / 09:10 am

Ramashankar Sharma

गरीबी और कुपोषण से जूझते मझगवां की जीवन रेखा बनेगा दौरी सागर बांध

Dauri Sagar Dam will become the lifeline of Majhgawan battling poverty and malnutrition

सतना. पुण्य सलिला पयस्वनी (मंदाकिनी) अब आस्था के साथ-साथ मझगवां क्षेत्र की जीवन रेखा भी बनने वाली है। इस नदी में 227 करोड़ की लागत से दौरी सागर बांध बनने वाला है। यह बांध गरीबी और कुपोषण से जूझ रहे मझगवां को इन कलंकों से मुक्ति भी दिलाएगा। इस बांध के बनने के बाद मझगवां तहसील के 7200 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। अभी तक मझगवां का इलाका सिंचाई सुविधा से वंचित होने के कारण कृषि के मामले में काफी पिछड़ा हुआ है। लेकिन इस बांध से इस क्षेत्र के किसानों की किस्मत बदल जाएगी। न केवल कृषि उत्पादन बढ़ेगा बल्कि खेती का रकबे में भी इजाफा होगा। इसके साथ ही क्षेत्र का जल संकट भी दूर होगा। इस डैम के निर्माण का टेंडर हो गया है। इसको लेकर जल संसाधन विभाग के एसीएस एसएन मिश्रा ने डैम के निर्माण स्थल तक पहुंच कर मौका मुआयना किया साथ ही मौके को देख कर कहा कि जिस जगह पर यह डैम बनना है यह अपने आप में आदर्श स्थल है। इस दौरान कलेक्टर अनुराग वर्मा, एसडीएम पीएस त्रिपाठी सहित जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
डैम निर्माण का हो चुका है टेण्डर

मिली जानकारी के अनुसार दौरी सागर बांध का टेण्डर हो चुका है और जल्द ही निविदा कंपनी भी चिन्हित कर ली जाएगी। ऐसे में निर्माण कार्य प्रारंभ होने के पहले जल संसाधन विभाग के एसीएस एसएन मिश्रा मौका मुआयना करने सतना पहुंचे। यहां से वे मझगवां के देवलहा पहुंचे। यहां से वे डैम के निर्माण स्थल तक गए। निर्माण स्थल तक रास्ता नहीं होने पर उन्होंने लगभग एक किलोमीटर तक का रास्ता पैदल तय किया। पहले सतना कलेक्टर रह चुके मिश्रा मौके तक पहुंचने के लिये भी पहचाने जाते हैं। यहां पहुंच कर जब उन्होंने देखा कि पयस्वनी नदी पर जहां डैम बनाया जाना है वह स्थल दो पहाड़ियों के बीच है तो इस पर उन्होंने संतोष जताया।
500 हैक्टेयर का कैचमेंट एरिया

बताया गया है कि इस बांध का कैच मेंट एरिया लगभग 500 हैक्टेयर का होगा। इसमें 200 हैक्टेयर के लगभग वन भूमि है। डैम के डूब एरिया में आने वाली वन भूमि के बदले राजस्व भूमि से अदला बदली की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इसके लिये राजस्व विभाग ने अपनी जमीनों की जानकारी दे दी है। अब वन विभाग इन जमीनों का मुआयना कर अदला बदली के लिये जमीन चिन्हित करेगा।
शुरू होगा भू-अर्जन

इस डैम में काफी निजी जमीन भी डूब में आने वाली है। लिहाजा डैम निर्माण पूरा होने के पहले ही भू-अर्जन प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश एसीएस मिश्रा ने दिये। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि कलेक्टर से मिलकर इस प्रक्रिया को प्रारंभ करवाएं।
नये-पुराने कलेक्टर साथ-साथ

एसीएस एसएन मिश्रा पहले सतना कलेक्टर रह चुके हैं। लिहाजा उनके लिए यह जिला कोई नया नहीं है। इसके अलावा भी वे लगातार यहां के लोगों के संपर्क में भी रहते आए हैं। इस निरीक्षण में उनके साथ वर्तमान कलेक्टर अनुराग वर्मा भी मौजूद रहे। एसीएस ने सतना दौरे में दौरी सागर से संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों का भी भ्रमण किया। यहां नये और पुराने कलेक्टर साथ-साथ रहे और ग्रामीणों को एक दूसरे का परिचय भी इसी अंदाज में देते नजर आए। इस दौरान एसीएस ने अपने कलेक्टर कार्यकाल के रामनगर गोली कांड और चित्रकूट ग्रामोदय कांड की यादें भी ताजा की। उनके कार्यकाल में रामपुर बाघेलान में पदस्थ रहे एसडीएम पीएस त्रिपाठी की बाढ़ के दौरान जीवटता से भी अवगत कराया।

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