१3 केंद्रों में नहीं थे चिकित्सक
जिले के १3 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चूंद, मुकुंदपुर, बड़वार, बूढ़ाबाउर, रौड़, सिंहपुर, उसरार, ताला, बाबूपुर, बदेरा, घुनवारा, सभागंज, बहेलिया भाठ में सालों से चिकित्सक नहीं थे। इस कारण क्षेत्रों के लोगों को परेशानी होती थी। चिकित्सकों की पदस्थापना के बाद पीडि़तों को असानी से उपचार मिल सकेगा।
जिला अस्पताल का भार होगा कम
चिकित्सकों की पदस्थापना के बाद ग्रामीण नीम-हकीमों के चंगुल में नहीं फंसेंगे। जिला अस्पताल को दिनोंदिन बढ़ते मरीजों के भार से मुक्ति मिलेगी। अभी ओपीडी में दो से ढाई हजार पीडि़त रोजाना पहुंचते हैं। इनमें सबसे ज्यादा पीडि़त ग्रामीण अंचल के होते हैं। पीएचीसी में चिकित्सकों की पदस्थापना के बाद जिला अस्पताल में पीडि़तों की भीड़ कम होगी। ग्रामीणों को गांव में ही बेहतर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा मिल पाएगी।