सुरेंद्र की मां बेटे की शादी करने के सपने सजाए थी। लेकिन, उसे क्या पता था कि कुछ दिनों पहले ही घर से गया सुरेंद्र कभी वापस नहीं लौटेगा। सुरेन्द्र की मां, पिता और भाई-बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव वालों ने उन्हें तसल्ली दी है। स्थानीय पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी मिसिरगवां पहुंचे। वहां से जवान के बारे में जानकारी लेने के बाद पीडि़त परिवार को सांत्वना दी गई। अब सभी को शव आने का इंतजार है।
गांव वालों ने बताया कि पुलवामा हमले का दर्द अभी खत्म नहीं हुआ कि एक और दुख: भरी खबर ने क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। यह बात सामने आई है कि सुरेंद्र के सिर में कुछ दिनों से दर्द रहता था। लेकिन वह खुद को पूरी तरह स्वस्थ्य बता रहा था। अचानक आई मौत की खबर से पूरा गांव सन्न है।