सतना

अखिलेश की नजर अब मध्यप्रदेश पर, तीन दिन रहेंगे प्रदेश में

विंध्य में मिला एक भरोसेमंद चेहरा, आज कर रहे पहली बड़ी जनसभा, एक लाख लोगों के आने का दावा

सतनाMay 18, 2018 / 01:43 pm

राजीव जैन

Akhilesh Yadav

सतना. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सक्रियता दिखाना शुरू कर दिया। वे 18 मई से तीन दिन के मध्यप्रदेश दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह शुक्रवार को जिला सीधी जाएंगे। वे यहां दोपहर बाद तीन बजे ग्राम सेमरिया में जनजागरूकता सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। शाम को उनका रीवा जाने का कार्यक्रम है। इसके बाद अखिलेश राजधानी भोपाल जाएंगे। इस सब जगह अखिलेश यादव पार्टी संगठन की तैयार रिपोर्ट के आधार पर प्रत्याशी चयन को लेकर पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में तीनों राज्यों में जल्द विधानसभा चुनाव होने हैं। सपा यहां शुरुआती सर्वे करवा रही है। मध्यप्रदेश की रिपोर्ट में कुछ पॉजीटिव संकेत मिलने के बाद अखिलेश ने यहां आने का कार्यक्रम बनाया है। कर्नाटक चुनाव में बसपा को एक सीट मिलने के बाद सपा भी दूसरे राज्यों में सक्रियता बढ़ाने पर जोर दे रही है।
विंध्य पर खास नजर
उत्तरप्रदेश से सटे हुए विंध्य के इलाकों पर समाजवादी पार्टी की खास नजर है। 2013 के विधानसभा चुनावों में सपा चुनाव जीत चुकी है। केके सिंह भंवर भी यहां से विधायक रहे हैं। हालांकि इनके पार्टी बदलकर पहले भाजपा में जाने से सीधी में कमजोर हो गई। पर अखिलेश के इस दौरे के आयोजकों में भंवर भी शामिल है इसलिए माना जा रहा है कि वे फिर पार्टी की सदस्यता लेकर इस चुनाव में हाथ आजमाएंगे। सम्मेलन में करीब एक लाख लोगों पहुंचने के लिहाज से तैयारियां की गई हैं।
 

अर्जुन सिंह के भतीजे है भंवर
भंवर कृष्ण कुमार सिंह चोरहट रावघराने से जुड़े हुए हैं और कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह के बड़े भाई राव रण बहादुर सिंह (स्वामी प्रशांता नंद) के पुत्र हैं। यानी मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के चचेरे भाई हैं। पूर्व विधायक के के सिंह भंवर ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि मेरी सोच है कि लोकतंत्र विकल्प देता है, लेकिन इसके लिए जागरूकता जरूरी है। मंै जनसेवा की राजनीति करता हूं। राजनीति ही है जिसके दम पर विकास किया जा सकता है, यदि कोई समाज के लिए कुछ करना चाहता है तो उसे राजनीति में होना आवश्यक है।
 

K K singh bhavar
IMAGE CREDIT: patrika
जब मेरी उपयोगिता दल नहीं समझता तो मैं दल बदल देता हूं
भंवर कहते हैं कि जब मेरी उपयोगिता दल नहीं समझता तो मैं दल बदल देता हूं। सपा का दामन थामने के संबंध में उन्होंने कहा कि यह तो आज की तारीख ही तय करेगी। पूर्व विधायक भंवर ने कहा, यह कार्यक्रम मेरे चुनाव लडऩे से नहीं जुड़ा है। बल्कि राजनीतिक जागरूकता के लिए है। आप भलीभांति पता है कि मैंने अपना पहला चुनाव गोपद बनास से 1990 में एक निर्दलीय के रूप से लड़ा। जबकि मैं एक स्थापित राजनीतिक परिवार से हूं, मेरा निर्दलीय राजनीति करना और उसमें बने रहना इस बात को साबित करता है कि स्थापित राजनीतिक दलों को यह मंजूर नहीं था कि मैं उनका प्रतिनिधि बनूं। इस हालात में यह स्पष्ट था अगर मुझे सक्रिय राजनीति में बने रहना है तो मुझे अपनी लड़ाई आप सबके आशीर्वाद और समर्थन से स्वयं ही लडऩी होगी।

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