ये भी पढ़ें: मैहर में फिर पीटा पुलिसकर्मी: कार की टक्कर से गिरा बाइक सवार आरक्षक, बचाने आए लोगों से उलझा तो कर दी धुनाई जानकारी के अनुसार दीपावली के पहले महालेखाकार ग्वालियर (एजीएमपी) की 3 सदस्यीय टीम संयुक्त कलेक्ट्रेट पहुंची थी। सतना में टीम ने 10 दिन तक कलेक्ट्रेट की विभिन्न शाखाओं की ऑडिट की। अंत में टीम ने जिला निर्वाचन शाखा की ऑडिट शुरू की। जब यहां की कैश बुक चेक की गई तो करोड़ों का हिसाब गायब मिला।
ये भी पढ़ें: चरित्र संदेह को लेकर पति ने की पत्नी की हत्या, बोरे में भरकर ले जा रहा था लाश ठिकाने लगाने, पुलिस ने धर दबोचा हालात यह पाए गए कि एक लाख 96 हजार रुपए के एडवांस राशि का कोई हिसाब किताब मौजूद नहीं है। न तो यह पता चल पा रहा कि किसको कब कितनी राशि दी गई है। इस तरह से अन्य और मामलों को मिलाकर 2 करोड़ से ज्यादा का हिसाब किताब आडिट टीम को नहीं मिल सका है। बताया जा रहा कि यह बिना हिसाब का मामला पुराने चुनावों के दौरान का है। इस मामले में यहां वर्षों पदस्थ रहे अमले की भूमिका सवालों में घिर गई है।