पत्रिका का संवाद सेतु कार्यक्रम जनता की बात सरकार तक और सरकार की बात जनता तक पहुंचाने का एक माध्यम है। इस कार्यक्रम में कम से कम पांच प्रमुख समस्याओं पर विस्तार से चर्चा होती है। लखनऊ में 10 दिसंबर, शुक्रवार को कार्यक्रम को पत्रिका ग्रुप के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में यह सवाल जानने की कोशिश की जाती है कि इन समस्याओं के लिए जिम्मेदार कौन है और उसका निदान क्या है?
यह ङी पढ़ें : Lucknow North Assembly Seat: किसके हाथों में है लखनऊ उत्तरी विधानसभा सीट पर जीत की चाबी? मोहल्लों में जल-जमाव से होती है असुविधा
लखनऊ में करीब आधा दर्जन मोहल्ले में बारिश का पानी की निकासी नहीं होने से मोहल्लों में ही जाम रहता है। पानी की निकासी नहीं होने से लोगों को आवागमन के लिए असुविधा का सामना करना पड़ता है। मोहल्लों में जल जमाव होने से सबसे बड़ी परेशानी मच्छरों से होती है। गड्ढों में पानी का भराव होने से मच्छरों की संख्या में भी इजाफा होता है। जिसके कारण लोग मलेरिया, डायरिया जैसे विभिन्न रोगों के शिकार होते हैं।
लखनऊ में करीब आधा दर्जन मोहल्ले में बारिश का पानी की निकासी नहीं होने से मोहल्लों में ही जाम रहता है। पानी की निकासी नहीं होने से लोगों को आवागमन के लिए असुविधा का सामना करना पड़ता है। मोहल्लों में जल जमाव होने से सबसे बड़ी परेशानी मच्छरों से होती है। गड्ढों में पानी का भराव होने से मच्छरों की संख्या में भी इजाफा होता है। जिसके कारण लोग मलेरिया, डायरिया जैसे विभिन्न रोगों के शिकार होते हैं।
जलमग्न हो जाती हैं सड़कें
बारिश के दिनों में राजधानी की ज्यादातर सड़कें जलमग्न हो जाती हैं। पिछले दिनों बारिश के मौसम में शहर में हर तरफ जलजमाव की स्थिति देखने को भी मिली थी। यहां तक कि कई पॉश इलाकों, जहां बड़े नेता और अफसर रहते हैं, वहां भी हालात अच्छे नहीं हैं और कई नेताओं के घरों तक पानी पहुंच गया था। बहुजन समाज पार्टी के नेता सतीश चंद्र मिश्रा के घर के बाहर गेट तक पानी भरा गया था।
बारिश के दिनों में राजधानी की ज्यादातर सड़कें जलमग्न हो जाती हैं। पिछले दिनों बारिश के मौसम में शहर में हर तरफ जलजमाव की स्थिति देखने को भी मिली थी। यहां तक कि कई पॉश इलाकों, जहां बड़े नेता और अफसर रहते हैं, वहां भी हालात अच्छे नहीं हैं और कई नेताओं के घरों तक पानी पहुंच गया था। बहुजन समाज पार्टी के नेता सतीश चंद्र मिश्रा के घर के बाहर गेट तक पानी भरा गया था।
इसलिए होता है जलभराव
राजधानी के कई सड़कों पर दोनों ओर नाला तो बना है, लेकिन लोगों ने नाले पर कब्जा कर रखा हैं। पानी निकलने के लिए जगह ही नहीं बची है। कपूरथला चौराहे से मंदिर और अलीगंज की ओर जोन वाली सड़क का हाल भी कुछ ऐसा ही है। दोनों ओर नाला और नाली दिखाई ही नहीं देते। इतना ही नहीं कई इलाकों में चौड़े कच्चे फुटपाथ भी कब्जा कर उसे पक्का कर इतना ऊंचा कर दिया है कि पानी सीधे सड़क पर आता है। ऐसे में बारिश में पानी सड़क पर ही भरा रहता है। यही हाल लखनऊ के कई सड़कों और कॉलोनियों का भी है।
राजधानी के कई सड़कों पर दोनों ओर नाला तो बना है, लेकिन लोगों ने नाले पर कब्जा कर रखा हैं। पानी निकलने के लिए जगह ही नहीं बची है। कपूरथला चौराहे से मंदिर और अलीगंज की ओर जोन वाली सड़क का हाल भी कुछ ऐसा ही है। दोनों ओर नाला और नाली दिखाई ही नहीं देते। इतना ही नहीं कई इलाकों में चौड़े कच्चे फुटपाथ भी कब्जा कर उसे पक्का कर इतना ऊंचा कर दिया है कि पानी सीधे सड़क पर आता है। ऐसे में बारिश में पानी सड़क पर ही भरा रहता है। यही हाल लखनऊ के कई सड़कों और कॉलोनियों का भी है।