संवाद सेतु

Unchahar Assembly Seat : कांग्रेस के गढ़ में जनता बेहाल, सड़कों में गड्‌ढे या गड्‌ढों में सड़क, फर्क कर पाना मुश्किल

Unchahar Assembly Seat : ‘पत्रिका’ ग्रुप जनता और समाचार पत्र के बीच सीधे संवाद को मान्यता देता है, जन की आवाज सरकार और सरकार की बात जनता तक आसानी से पहुंच सके। इसी को लेकर कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली में 12 दिसंबर रविवार को ‘पत्रिका’ का संवाद सेतु कार्यक्रम होगा, जिसमें ‘पत्रिका’ ग्रुप के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी संबोधित करेंगे।

Dec 11, 2021 / 06:00 pm

lokesh verma

रायबरेली. भारतीय जनता पार्टी 2017 की तर्ज पर इस बार 2022 में भी अपना परचम लहराने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। इस बार उन सीटों पर भी भाजपा की पूरी कोशिश कर रही है, जहां पिछली बार भारतीय जनता पार्टी का कमल नहीं खिल सका था। रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा भी ऐसी ही सीट है। यहां समाजवादी पार्टी लगातार दो बार जीत हासिल कर चुकी है। 2012 और 2017 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मनोज पांडेय ही लगातार जीत रहे हैं। लेकिन, विकास के नाम वह यहां की जनता को कुछ खास नहीं दे सके हैं। यहां की सड़के इतनी जर्जर है कि यह पता नहीं चल पाता कि सड़क में गड्‌ढे हैं या गड्‌ढों में सड़क। इसी के साथ ऊंचाहार में बने पुल सालों से जर्जर हैं। इस कारण हजारों लोगों को रोजाना परेशानी उठानी पड़ती है। रोजगार के संसाधन कम होने के कारण यहां से आए दिन युवा पलायन कर जाते हैं। चुनावों में नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही वह क्षेत्र को भूल जाते हैं। जनता के इन्हीं मुद्दों को उठाने के लिए 12 दिसंबर रविवार को ‘पत्रिका’ का संवाद सेतु कार्यक्रम होगा, जिसके माध्यम से जनता की बात सरकार और सरकार की बात जनता तक पहुंचाई जाएगी। इस कार्यक्रम में खुद ‘पत्रिका’ समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी मौजूद रहेंगे और क्षेत्र के प्रबुद्ध वर्ग से कम से कम पांच प्रमुख समस्याओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र एक ऐसी सीट है, जहां सपा का कब्जा रहा है। राम मंदिर आंदोलन हो या फिर मोदी लहर रही हो, यहां भाजपा प्रत्याशी काे मायूसी ही हाथ लगी है। इस सीट पर पहली बार 2012 में चुनाव हुआ था। सपा से मनोज पांडेय 2012 में जीते। इसके बाद फिर वह चुनाव 2017 में भी जीते। इसी सीट पर वह दूसरी विधायक हैं। इस सीट पर भाजपा अपना परचम लहराने के लिए प्रयासरत है। इसकी वजह यह है कि 2017 के चुनाव में जीत-हार अंतर महज 1934 वोटों का अंतर था। जबकि समाजवादी पार्टी इस सीट पर एक बार फिर से चुनाव जीत कर हैट्रिक लगाना चाहती है।
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प्रमुख समस्याएं

ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र की सबसे प्रमुख समस्या की बात करें तो वह है, यहां की जर्जर सड़कें। यहां करीब 170 सड़कें पूरी तरह से टूट चुकी हैं। इस कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी के साथ ऊंचाहार के कई पुलों की हालत इतनी जर्जर हो चली है कि वहां से चार पहिया वाहनों का निकलना भी मुश्किल है। बारिश के दिनों में क्षेत्र की सड़कों पर पानी और कीचड़ जमा हो जाता है। यहां की जनता कई बार इन समस्याओं को लेकर अपनी आवाज उठा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसके अलावा यहां बेरोजगारी भी बड़ी समस्या है। रोजगार के अवसरों की कमी के कारण लोगों घर छोड़कर शहर जाना पड़ता है।
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2017 के चुनाव परिणाम

– समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मनोज पांडेय को कुल 59103 मत मिले।
– भाजपा प्रत्याशी उत्कृष्ट मौर्य को कुल 57169 मत मिले।
– बसपा प्रत्याशी विवेक सिंह को कुल 45356 मत मिले।
– जीत का अंतर 1934 मतों का रहा था।
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2012 के चुनाव परिणाम

– समाजवादी पार्टी प्रत्याशी मनोज पांडेय को 61930 मत मिले।
– बसपा प्रत्याशी उत्कृष्ट मौर्य को 59348 मत मिले।

– कांग्रेस प्रत्याशी अजय पाल सिंह को 47898 मत मिले।

– जीत का अंतर 2582 मतों का रहा था।

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