
महामंडलेश्वर ने कहा कि इस्लामिक आक्रमण के दौरान संभल को एक सोची-समझी रणनीति के तहत नष्ट किया गया था। उनका मानना है कि यह केवल एक युद्ध नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश थी, जिसके तहत इस क्षेत्र की सनातन संस्कृति को मिटाने का प्रयास किया गया।
हालांकि, उनका कहना है कि अब जो कुछ भी हो रहा है, वह ईश्वरीय चमत्कार है। उनके अनुसार, भोलेनाथ स्वयं यहां प्रकट हो रहे हैं और यह स्थान एक बार फिर अपनी पुरानी गरिमा प्राप्त कर रहा है।
यतिंद्रानंद गिरी ने हाल की घटनाओं को इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ करार दिया। उनका कहना है कि इससे देश के मुसलमानों को भी अपने अतीत की सच्चाई समझने का अवसर मिलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि विदेशी आक्रमणकारियों ने इस्लाम के नाम पर अत्याचार किए और हिंदुओं को जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया।
महामंडलेश्वर ने विश्वास जताया कि संभल से एक नई वैचारिक लहर उठेगी। उन्होंने कहा कि कई कट्टर मुसलमान भी अपने पूर्वजों के मूल धर्म की ओर लौटेंगे। उनका मानना है कि यह क्षेत्र सनातन हिंदू संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र और तीर्थस्थल बनेगा। इसके माध्यम से सनातन धर्म का संदेश पूरी दुनिया में फैलेगा।
उत्तर प्रदेश के संभल में 'अलविदा की नमाज' शुक्रवार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गई। मुस्लिम समाज के लोग शाही जामा मस्जिद में इसमें शामिल हुए। इस मौके पर डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि उन्हें नमाज के आयोजन में सभी का सहयोग मिला, और इसके लिए उन्होंने सभी का धन्यवाद किया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सड़कों पर नमाज न पढ़ने के अनुरोध का पालन भी सभी ने किया।
उन्होंने बताया कि मकान बनाने के लिए सहमति की आवश्यकता होती है, लेकिन इस मामले में किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं था। सिर्फ यह सुनिश्चित किया गया था कि सार्वजनिक स्थानों पर, विशेषकर सड़कों पर, नमाज न पढ़ी जाए। इस नियम का पालन सभी ने किया, और इसके लिए डीएम ने सभी को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि सड़कों पर नमाज न पढ़ने के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए, यह सुनिश्चित किया गया कि 'अलविदा की नमाज' केवल निर्धारित स्थानों पर ही अदा की जाए, और इसके साथ ही प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया गया।
Updated on:
28 Mar 2025 09:24 pm
Published on:
28 Mar 2025 09:17 pm
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