केस में दोषी पति ने ही तहरीर दी थी। पुलिस तफ्तीश में वादी ही गुनहगार निकला। संभल जिले के नाखासा का दोहरा हत्याकांड 14 साल पुराना है। गांव फिरोजपुर में 20 अगस्त, 2010 को जघन्य हत्याकांड हुआ। महिला रानी व उसके बेटे सोनू की हत्या कर दी गई। घटना की रिपोर्ट दिलशाद ने नाखासा थाने में दर्ज कराई।
तहरीर में कहा कि उसने रानी से पांच महीने पहले कोर्ट मैरिज की। उसका पहला पति असमोली के नया गांव का आबिद है। जिससे उसकी मंतशा (5) नाम की बेटी है। जबकि इससे पहले वाले पति मो. अली से भी तीन बच्चे हैं। उसके रानी से रिश्ते को को लेकर आबिद ने विरोध जताया था।
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बताया कि मेरे संग न रहने के लिए दबाव बनाया। रानी को वहां से ले जाने की धमकी दी। घटना की रात आबिद समेत दो तीन लोग घर में घुसे और उसे परिवार के साथ कमरे में बंद कर दिया। इस दौरान रानी और बेटे सोनू की हत्या कर दी। तहरीर पर पुलिस ने आबिद के खिलाफ मुकदमा कायम कर लिया और जांच शुरू कर दी। पुलिस को दोहरे हत्याकांड की पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य मिले। जांच पड़ताल में मां-बेटे के हत्यारे पति दिलशाद और दिलशाद के भाई शमशाद निकले। केस की सुनवाई एडीजे-10 योगेन्द्र चौहान की अदालत में हुई। एडीजीसी दिनेश कुमार कश्यप के अनुसार मृतका रानी का पहला पति मो. अली था। जिसकी मौत के बाद रानी आबिद के साथ रहने लगी। आबिद से उसके उसकी बेटी मंतशा हुई। पहले के पति से सोनू, निशा समेत तीन बच्चे हैं। आबिद के घर ही दिलशाद व उसके भाई शमशाद का आना-जाना था। इस बीच दिलशाद रानी, मंतशा व सोनू को अपने साथ ले गया। पुलिस जांच में पता चला कि रानी व बेटे की हत्या में दिलशाद व उसके भाई शमशाद ने की। अदालत ने बयान व साक्ष्य के आधार पर महिला के पति व देवर को दोषी करार देते हुए उम्रकैद व 37-37 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।